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ख़्वाब की ताबीर

ख़्वाब की ताबीर

लेखक:
हिंदी

यह किताब अलहसनैन इस्लामी नेटवर्क की तरफ से संशोधित की गई है।.

(ड)

1. डंका बजते देखना

क़ौम का सरदार हो साहिबे इक़्बाल हो तवंगर हो।

2. डिब्बा टूटना या ज़ाया होते देखना

बीवी छुटे या मर जाये या लौंडी फरोख़्त करके ग़म खाये

3. डिब्बा या डिब्या पाना

औरत अफ़ीफ़ा मालदार और खुश सीरत पाये औरजो डिब्बे में कुछ रहे औरत हामिला हो जाये।

4. डोल देखना

अगर ख़ाली है तो रंजो ग़म कीअलामत है और भरा हो तो दलील कामरानी है।

5. डोर का गोला देखना

औरत कम्सिन अक़्द में आये या बीवी मनकूहा बारआवर हो।

6. डली देखना

दाँतो की उस्तवारी हो रफए कुल्फ़तो बीमारी हो।

7. ढोल बजाते या बजते देखना

हर एक तमन्नाऐ दिली बर आये।नौकरी पेश मुवाजिब हो।

8. डरना दुश्मन या बजाते देखना

मुख़ालिफ फतहमन्द और मंसूर हो ख़ौफ़ो ख़तर ज़रूर हो।

9. डाढ़ी सफ़ैद या दराज़ देखना

तरक़्की दौलत और नेअमत की हो।बुलन्दीए इज़्ज़तो हुर्मत हो।

10. डाढ़ी दराज़ ज़ेरे नाफ देखना

कर्ज़दारी में मुब्तिला हो।मोरिदे कुल्फतों बला हो।

11. डाढ़ी मूँडना या कतरना

नेअमतो ऐश को ज़वाल आये फक़्दे हुर्मत हाथ दे निदामत पाये।

12. डाढ़ी घनी देखना

तवंगर को ज़्यादा दौलतो जाहो जलाल हो मुफलिसी कर्ज़दारी और फलाकत से तबाह हो।

13. डाढ़ी के बाल झड़ते देखना

फिक्रो ख़िजालत से निहायत ज़ीक में दम हो।

14. डाढ़ी अपनी उखाड़ना

माल लहब लअब में खोये सर्फ़े बेजा से परेशान हो।

15. डाढ़ी में ख़िज़ाब करना

लिबास फ़ाख़ेरा पहनने में आये अगर ग़ैर मुअय्यन हो तो कपड़े की तंगी उठाये।

16. डाढ़ी लड़के के मुँह पर देखना

बालिग़ हो तो शादी हो जाये नाबालिग़ हो तो मौत का पैग़ाम लाये।

17. डाढ़ी अपनी औरत को दिखना

बेशौहर हो तौ शौहरपाये , शौहरदार का शौहर सफ़र से आये या फ़रहत हो।

18. डाकू

ख़्वाब मे डाकु देखना झगड़ालू और लड़ाका आदमी से ताबीर है।

19. डिब्बा

ख़्वाब मे रोग़न से भरा डिब्बा देखना अमानत दार शख़्स से ताबीर है।

20. डूबना

ख़्वाब में दरिया में बादशाह के हाथों हलाक होने का बाएएस है

21. डोली

ख़्वाब में डोली देखना या उसमे बैठना बीमारी व रंज में मुबितला होने का सबब है।

22. डोई देखना

घर की ख़ादमा या मल्का से ताबीर है।

23. ढाल देखना हिफ़ाज़त और किसी दोस्त से फ़ायदा पहुँचने की दलील है।

24. ढेर

ख़्वाब में ग़ल्ले का ढेर देखना याख़रीधदना या पाना औरत घऱ में मुतरादिफ है।

(ज़)

1. ज़िब्हा करना हैवाने माकूल का

बादशाह या हाकिम से फ़ायदा पहुँचे फिक्रे माअश व रंज ग़म से छूटे।

2. ज़कर यानी आलत दराज़ देखना

शहवत ज़्यादा , कसरते औलाद मज़ीद इज़्ज़तो तौक़ीर हो

3. ज़कर और अन्दामे निहानी साथ देखना

पारसा औरत से शादी हो रंजो ग़म से दिल को आज़ादी हो।

4. ज़कर को फ़र्ज़ होते देखना

मर्द देखे तो मअशूक आशिक हो जाये औरत देखे तो ख़ुश जमाल बेटा पाये।

5. ज़कर से गुहर और जवाहर निकलते देखना

फ़रज़न्द सआदतमन्द पैदा हो ,ख़ैरो बरकत हवैदा हो।

6. ज़कर से मछली निकलते देखना

तवल्लुदे दुख़्तरे पाकीज़ा गुहर हो , इक़बालो दौलतो बख़्तयावर हो।

7. ज़कर से आग निकलकर मशरिक़ या मग़रिब को जाये।

तवल्लुदे फ़रज़न्द हो।साहिबे इक़्बाल हो फ़ज़्ले हक से मशरिक व मग़रिब का सुल्तान हो।

8. ज़कर बुरीदा या जुदा देखना

माल उसका तलफ़ हो जाये या मर्ग पिसर का दाग़ उठाये।

9. ज़कर से साँप बिच्छू निकलते देखना

फ़रज़न्द बदकार पैदा हो दुश्मनी माँ बाप की उससे हवैदा हो।

10. ज़ाकिर देखना

(इमाम हुसैन का ज़िक्र करने वाला) नेक है और ज़िक्रे हुसैन को सुनना मोजिबे ख़ैरो बरकत है।

11. ज़ायका

ख़्वाब में किसी चीज़ का ज़ायका चखना तलाशे के मुतरादिफ़ है।

12. ज़बीहा देखना

जिब्हा किया हुआ जानवर देखने की ताबीर यही है अगर हलाल जानवर का ज़बीहा देखे तो हराम माल मिलने के मुतरादिफ़ है।

13. ज़ख़ीरा

अगर किसी फल या फूल या अनाज़या किसी हलाल चीज़ का ज़ख़ीरा देखे तो इनाम हासिल करने या ग़ैब से दौलत हासिल करने के मुतरादिफ़ है।

14. ज़िक्र

ख़वाब में किसी का ज़िक्रकरना या सुनना दुनियावी हराम माल की तमन्ना रखने और हराम खाने के मुतरादिफ़ है।

15. ज़ौक़ो शौक.

अगर ख़्वाब में किसी चीज़ का ज़ौक़ो शौक़ देखे उस काम की अन्जामदेही की निशानी है।

16. जेलदार

ख़्वाब में अपने आपको ज़ेलदार देखे तो हाकिमे वक़्त से इज़्ज़त पाये।

(र)

1. रिज़वान से गौहर व याकूत पाना

फ़रज़न्द नेक अन्जाम इल्म हुनर मशहूर उसका नाम हो।

2. रिज़वान को देखना

बादशाह का ख़ज़ांची से इत्तिहाद हो खुर्रमो मसरूर आबाद हो।

3. रोज़ीना मुकर्ररहोना

बादशाह या हाकिम की मेहरबानी आसाईशो बहबुदी व कामरानी हो।पाबन्देराहे शरीयत हो। पर्हेज़गारों की सोहबत रहे।

4. राहे रास्त देखना

पाबन्दे राहे शरीयत हो।पर्हेज़गारों की सोहबत रहे

5. राह कज या नाहमवार देखना

दीन के कामो में ख़लल पड़ जाये सख़्ती व अलम बेहद पायौ

6. राह में गुबार देखना

सफऱ की मसाफतस से मुकददर हो तमन्ना बर आये रहमत वारिद हो।

7. रेत या राख को देखना

मुफ़्त का माल पाये अज़ीज़ों में ज़लीलव हकीर हो जाये।

8. राहज़न को देखना

औरत फ़ाहेशा से आशमाई हो मक्कार से साबेका पड़े दौलत की सफई हो।

9. रूख्सार देखना

अगर हसीन हो तो क़द्रो मंज़िलत ज़्यादा हो और अगर जुश्त होबरअक्सहो।

10. रान को देखना

औरत शीरी गुफ्तार से दिल शाद हो सुसराल वालों से रब्तो इत्तिहाद हो।

11. रानगाह को देखना

बादशाह या रईस सरफराज़ करे माले दुनिया से बेनियाज़ करे।

12. राब या रस देखना

माल में तरक़्की हो दौलत मिले।औलाद में कसरत व राहत मिले।

13. रसावल खाना

नेअमत मिले या औरत शीरीं गुफ्तार मिले।

14. रीसमाँ देखना

कुव्वतो बुजुर्गी में तरक़्क़ी हो शहर की सरदारी मिले या कौम की बहतर मिले

15. रबाब देखना

औरत हसीनो ग़नी पाये मालो दोलत में नफा हाथ आये।

16. रस्सी के बल देना

गुस्से में घर से निकल जाये हज़ारो रज गुर्बत मे पाये।

17. रस्सी किसी के गले में बांधना

ग़ायब सफरसे मुरादे दिली पाये

18. रस्सी लपेटना या आपको बाँधना

घर से सफ़र में जाये गुर्बत में रियासत व हूकूमत पाये।

19. रस्सी किसी के गले मे बाँधना

किसी औरत से इत्तिहाद बढ़े रोटी कपड़ा उसे पहुँचाये

20. रौग़न खुश्बू मिस्ल बेला बनफ़्शा देखना

आराईशे दुनिया रौनक़ दीन की पाये खुश अख़्लाक औरत मिले।

21. रोज़ा आशूरें मुहर्रम का

मुसीबत व ग़म अन्दोह की निशानी है दलील हसरत व अफसोसे जावेदानी है।

22. रोज़ा ए माहे सयाम रखना

कर्ज़ से छुटकारे की अलामत है बड़ाई बुजुर्गीकी निशानी है।

23. रअद की आवाज़ बाराँ सुनना

अदाये क़र्ज़ हो बीमार को शिफ़ाहो जाये कैद सै ख़लासी रंज से राहत पाये।

24. रग लम्बाई से चीरना

कोई ख़बरे ग़म पहुँचे जिसके सबब सदमा हो।

25. रग चौड़ाई से चीरना

कोई अज़ीज़ मर जाये या थुद सफर की तकलीफ़ उठाये।

26. रोटी खाना या पकाना

नेअमत पाये किसी मुल्क का रईस हो जाये।

27. रौशनी बे आग देखना

ग़ैब से दौलतो नेअमत पाये किसी मुल्क का रईस हो जाये।

28. रोटी देखना

कुल्फ़तो रंज दिल से दुर हो।शादी व फ़रहतो सुरूर हो।

29. रोते हुये आपको देखना

कुल्फ़तो रंज दिल से दूर हो।शादी व फ़रहतो सुरूर हो।

30 रोते मुर्दा देखना

खुर्रमो मसरूर रहे हर तरह ऐश का सामारहे।

31 रोज़न देखना

सौदागरी मे नफ़ा पाये या हुकूमत से नफ़ा मिले फित्ना मिट जाये।

32. रफुगर देखना

मुस्लेहे माल सुल्तान यावज़ीर हो दौलत इज़्ज़तो तौक़ीर हो।

33. रफ करते देखना

रईस या हाकिम की गैब पोशी मिले।सिलेमें नेअमतो दौलत मिले।

34. रीछ को देखना

ताकते दुश्मन से ख़ौफ़ खाये फिक्रो मईशत में मुब्तिला हो जाये।

35. रीछ पर ग़ालिब होना

सख़्त दुशमन पर फ़तहो नुसरत पाये कुल्फ़तो बला रद हो ऐश मिले।

36. रीछ मादा कपकड़ना

कमीनी और अहमक़ औरत से सोहबत करे।बद ख़स्लत मिजाज़ से पाला पड़े।

37. राल को देखना

मालो नेअमत ग़ैब से पाये सर्फेअहलो अयाल में लाये।

38. राल को देखना

माले हरम खाने मे आये ग़मो गुस्सा अयाल से पाये।

39. राई को देखना

मक्कार औरत से गिरफ़्तार हो या जादु टोना मों फँसे बीवी से बेज़ारहो।

40. रिश्वत लेना

किसी बदनाम या हराम मे फँस जाये बेहुर्मत हो।

41. रकाबी देखना

लौंडी या ख़ादमा सलीक़ा शेआर मिले।रंजो मुसीबत दुर हो आराम बेशुमार मिले।

42. रंजक उड़ते देखना

दिली मुराद पूरी हो फ़ौज की अफ़सरी मिले।

43. रौशनाई देखना

दौलतो नेएमत पाये रियासत व मुमलिकत हाथ आये।

44. रेशमी जुब्बा या रेशम देखना

इज़्ज़तो ख़ैरोबरकत हो दौलतो हशमतो रियासत पाये

45. रंगरेज़ को देखना

मकरूहाते रंगारग में फँस जाये या किसी रईस मुतव्विनतबा से फ़ायदा हो।

46. रंगरेज़ को सब्ज़ जामा रंगते देखना

दुनिया वदीन में बेहतरी हो मालो दौलत मिले।

47. रंग

ख़्वाब में कपड़ोंपर सफ़ैद रंग देखना दीन की पाकीज़गी की अलामत है।

48. रवानी या रौ.

रौ या सेल बड़े दुश्मन और ज़ालिम से ताबीर है।

49. रूह

ख़्वाब में रूह का देखना फ़रज़न्दो माल से ताबीर है।

50. रूमाल

रूमाल हाथ मे देखना सफ़ाईये क़ल्ब से ताबीर है।

51. रेल

ख़्वाब में देखना और सफ़र का पेश ख़ेमा है।

52. रीट

ख़्वाब में रीट ख़ज़ाने से ताबीर है।

53. रेती

ख़्वाब में रैती देखना और उसको सफ़ा करना मुश्किलात से निजात पाने का सबब है।

54. रीवन्द देखना

ग़म व अन्दोह के मुतरादिफ़ है

55. रकाबदार देखना

सरदारों में क़द्रो मंज़िलत पैदा हो गुरूरो तमकिनत पैदा हो।

56. रकाब मअ ज़ीन देखना

फ़रज़नद दयानतदार हो।

57. रकाब सुनहरी देखना

फ़रज़न्दे महर तिलअत पैदा हो गुरूरो तमकिनत पैदा हो।

58. रेहान को सरसब्ज़ देखना

औरत या लोंडी घर में लाये फ़रज़न्द पैदा हो नेक कामों की तौफ़ीक़ हो।

59. रेहान के फूल चुनना

किसी नाज़ नीन से सोहबत हो औलाद की कसरत रोज़ी की वुस्अत हो।

60. रेहान को ज़मीनसे उखाड़ना

फ़रज़न्द छूटे या बीवी मर जाये या इम्लाक की तरफ से सदमा उठाये।

61. रूपया देखना

वजहे दौलतो अदल कामरानी है।

62. राजा

ख़्वाब में राज देकना तरक़्कीये रिज़्क का बाएस है और राजा से मुलाकात करने की भी यही ताबीर है।

63. रास्ता

ज़िन्दगी का सही तरीके अमल और दीन से ताबीर है

64. रात

ख़वाब में रात देखना ग़म व अन्दोह से ताबीर है।

65. राख

झूठा और ऐसा माल ताबीर है जो ज़ाया होके रहता है।

66. रान

ख़्वाब में रान देखना अपने मुतअल्क़ीन से ताबीर है।

67. रहल देखना

दीन से ताबीर है।

68. रूख

अगर ख़्वाब में किसी का रूख देखे तो कामयाब होने की दलील है।

69. रस

ख़्वाब में मीठारस मालो नेअमत से ताबीर है।

70. रसूत

रसूत और रसूल का पौदा देखना कमीनी ख़ादमा से ताबीर है.

71. रिश्वत

ख़्वाब में रिश्वत लेना और देना बुरा है।

(ज़)

1. जनाबे ज़करिया को देखना

दुआ कुबुल होगी , हक की रहमत होगी , फरज़ंद नेक सीरत होगा , औरत जमीला व मुतर्बा हाथ आऐ , माल पाऐ बहुत सा और राहतो मसर्रत पाऐ।

3. ज़ाफरान देखना

बीमारी की अलामत है लेकिन तआम मे दलीले नफा है।

4. ज़ैतून को देखना

राहत व आराम शादी हो फिक्रो रोज़ी से आज़ाद हो।

5. ज़रबफ्त देखना

मालौ दोलत बेहिसाब पाऐ , ताक़तवर दुश्मन पर हमला कामयाह हो।

6. ज़मर्रूद व ज़बरजद देखना

मुराद को पहुँचे , इज़्ज़त पाऐ , माले हलाल ग़ैब से मिले।

7. ज़मर्रूद का गिर जाना

किसी लोंडी या औरत से बदकारी करे , खिजालत पाऐ बेहुरमती हो।

8. ज़क्कूम (थूहर) को देखना

इल्मे बातिल की तरफ मसरूफ हो जाऐ किसी मुशरिक की बदौलत माल पाऐ।

9. ज़ाहिद या आलिम को देखना

खुशकिरदार या परहेज़गार हो।

10. ज़िराअत को देखना

औरत पारसा अक़्द मे आऐ।

11. ज़िराअत करना।

सेहतो मंफअत की सूरत हो मोतकिद कोई नेक औरत हो।

12. ज़िराअत काट कर खिरमन रखना

मालौ दौलत ग़ैब से पाऐ, नफा खातिर खाह हो।

13. अपना या दूसरे का ज़ख्मी बदन देखना

बादशाह से दौलत या मंफअत हो, कुव्वतो तवंगरी बढ़ जाऐ दौलत बुमार पाऐ।

14. ज़ख्म से खून बहते देखना

दौलतो माल बेशुमार पाऐ या दफीना पाऐ, रोज़गार मिले।

15. ज़ानू देखना

अगर ताक़तवर देखे रोज़ी मे वुस्अत हो, ज़ईफ देखे तो तंगीऐ रोज़ी हो।

16. ज़बान दराज़ को देखना

चर्ब ज़बानी से अपना काम करे दुश्मन को बातों में राम करे।

17. ज़बान को मुँह से बाहर देखना

कोई दुशमन निफ़ाक पर आमादा हो ऐबजू उसका महरमे राज़ हो।

18. ज़बान से कोई चीज़ गिरती देखना

तलबेरिज़्क में परेशानी हो या मर्ज़ के तुलसे नासाँहो।

19. ज़बान अपनी बन्द देखना

किसी काम के हर्ज होने का मलाल करे या जल्दी ही जहाँ से इन्तिकाल करे।

20. ज़बान के पास दूसरी ज़बान देखने

इल्मो दानिश मं निहायत ताक़ होफूजूल गोईमें शोहरा आफ़ाक़ हो।

21. ज़र्शक़ खाना या देखना

औरत तुरशरू घर मे लाये रात दिन गुस्सा खाये माले हराम खाने में आये।

22. ज़रनिगार खाना या देखना

माले हराम खाने में आये।

23. ज़काम देखना

थोड़ी बीमारीके बाद सेहत हो ग़मो गुस्सा खाके राहत हो।

24 ज़र्द आलूद देखना

दोस्त दुश्मन हो जाये या बिमारी से तकलीफ़ पाये।

25. जंबील देखना

मालो दौलत की सबील है।

26. ज़कात देखना

तिजारमसे नफ़ा पाये बारे क़र्ज़ से सुबुक हो जाये दुनिया मे नेक नाम हो।

27. ज़मीन मुस्तअ देखना

माले ग़नीमत जमा करके खाना खा ना सके अगर ज़मीर पर चलेतो आफ़त में फँस जाये।

28. ज़मीन नाहमवार हो

किसी बदसूरत औरत से वास्ता पड़े रात दिन फ़साद बरपा रहे।

29. ज़मीन पर इमारत बनाना

किसी औरत से अक़्द करेफ़रज़न्द सालेह पैदा हो।

30. ज़मीन खोद कर मिटटी खाना

माले हराम से जुस्तजू पाये हीला व मक्र का जाल बिछाये।

31. ज़मीन खोदकर पानी निकालना

महनत से फ़ायदा पहुँचे माले हलाल खुदादाद मिले।

32. ज़मीन खोदकर अपने आपको गाड़ते देखना

घर से परदेस में निकल जाये या अजल पर्दा पोशी को आये।

33. जुबूर के पढना या लिखना

नेक कामो पर रग़बत करे दीनो दुनिया में नफ़ा है।

34. ज़मज़म का पानी देखना

इल्म बढ़े नफ़ा हासिल हो मर्ज़ से शिफ़ाऐ कामिल हो।

35. ज़ंजीर हाथ मे पहनना

किसी बुरे काम में गिरफ्तारह हो हाकिम का मुजरिम व गुनाहगार हो।

36. ज़ंजीर गर्दन में देखना

बुरी औरत से इत्तिहाद बढे बदबख़्ती से फ़िसाद पड़े।

37. ज़ंजीर पाँव मे देखना

कसरते अलायक़ में गिरफ़्तार हो कारोबार कसरत से हो।

38. ज़िन्नात देखना

किसी मुशरिक का रोज़गार मिले या कोई काफ़िर उठाये।

39. ज़ंबूर देखना

औरत मुतलव्विन मिज़ाज हाथ आये रंजो ग़म से तकलीफ उठाये।

40. ज़ंबूर घर में देखना

दुश्मन का घर में गुज़र हो आरत ख़यानत करे

41. ज़ंबूर अंगबीन देखना

अपने दिल की मुराद को पहुँचे दुश्मन पर फ़तह हो बीवी से मोहब्बतकरे

42. ज़िन्दा को मर्दा देखना

मज़ीद सेहत दफ़्ए बला तरक़्कीऐ दर्जाहो।

43. ज़िन्दा को क़ब्र में रखे

थोड़ी सी नहूसत ज़माना दिखलाये रंज के बाद कुछ राहत पाये।

44. ज़हर खाना या खिलाना

दुनिया मे पछताये बुरे काम करने से बदनाम हो।

45. ज़र सिक्कादार देखना

औरत फ़ाहेशा चुस्तो चालाक मिले , मुबाशेरत में ख़फ़ीफ़ हो।

46. ज़ीनते अंगुश्त देखना

फ़रज़न्द मिले या वस्ल दलिस्तान हो जाये झगड़े मियें सुलहा हो।

47. ज़ीन ज़र्रीन देखना

हसीन महबूब मिले राहतो हशमत मिले।

48. ज़ीन का ज़ाया या शिखस्ता देखना

औरत उसकी बीमारी में मुब्तिला हो या जल्द मरजाये।

49. ज़ीन ख़रीदना या मिलना

लोंडी मोल ले या औरत अक़्द मे लाये माल या मीरास मिले।

50. ज़ीन साज़ को देखना

औरत क़ी दलाली करे मक्रो हीले से रोज़ी मिले।

51. ज़ीना देखना

बुजुर्ग औरत मिले जायेदिल राहत और जिन्दगी पाये।

52. ज़लज़ला ज़मिन को देखना

सदमे व रंज की दलील है या कोई शहर में आफ़त आने वाली है

53. ज़ीरेका अंबार देखना

दोजहान में नफ़ा पाये ख़ैरो बरकत ज़्यादा हो जाये।

54. ज़र्रे को देखना

फ़तहो नुसरत की दलील और कुव्वतो निगेहबानी से मोजिबे बेहतरी व मंफ़अत कामरानी है।

55. ज़ेहल सितारा देखना

नहुसत और जुशती की निशानी है परेशानी व सरगरदानी की दलील है

56. जुल्फ बनाते देखना

किसी हसीन के इश्क में मुब्तिला हो ग़मे फुर्कत मिले।

57. ज़ाग़ (कौआ)

ख़्वाब में ज़ाग़ देखना फ़ासिक़ो काज़िब और मुफ़्तरी से ताबीर है।

58. ज़बरजद(पत्थर)

ख़्वाब में देखना ख़ैरो बरकत का बेएस है।

59. ज़र्द रंग

ख़्वाब मे ज़र्द रंग की अशिया देखना बीमारी की अलामत है।

60. ज़र्द आलूद

ख़्वाब में ज़र्द आलूद देखना दिरहमो दीनार से ताबीर है।

61. ज़िन्दान

ख़्वाब में अपने को जिन्दान में देखना किसी मुक़दमे में मुब्तिला होने की अलामत है।

(ज़ै.)

1. ज़िन्द पा ज़िन्द (आतिश परस्तों) की किताब देखना

औरत मुशरिका से गिरफ्तार हो या कोई काफ़िर मुईनो मदद्गार हो।

2. ज़दबीन को देखना

फ़तहो नुसरत की दलील है तवल्लुद फ़रज़न्द की अलामत है।

3. जफ़्त रोही को खाना या देखना

ग़मो अनदेशाए अयाल मिले या बामुश्त माल आये।

4. ज़ोसीदा को देखना

किसीस अमीर तन से नफ़ा हो माली मंफ़अतमिले दिल की उल्झन दूर हो।

5. ज़न्द पोश देखना

म़क्रो फ़रेब से रोज़ी मिले हरीफ़ों पर फ़राज़ी मिले।

(स.)

1. सुलैमान नबी को देखना

सल्तनत की निशानी है कामयाबी की दलील है।

2. सुंबुला बुर्ज देखना

साहिबे हशमतो तवंगर हो सरदारे क़ौम या फ़ौज का अफ़सर हो।

3. सरतान बुर्ज देखना

बादशाह या हाकिम का मुसाहिब हो आलीक़द्र व आली मर्तबत हो।

4. सुबू सय्यारत देखना

ख़ूबसूरत औरत मिले औलाद की कसरत हो थोड़ी मुसीबत सहे बाद में राहत हो।

5. सितारो को गोद में देखना

बादशाह का ख़ज़ांची या शहर का वज़ीर या ज़मींदार का मुख्तार या कारिन्दा हो।

6. सितारा रौशन देखना

बादशाह का मुसाहिब या सफ़ीर बातौक़ीरया मुसाफिर दोस्त या ख़ेशो अकर्बा से बग़लगीर हो।

7. सितारों का गुच्छा रौशन देखना

बादशाह का मदारूलमुबहाम हो मुंतज़िम मशहूर हो जहाँ में नाम रौशन हो।

8. सितारा गिरते या खाते देखना

औलाद की तरफ से अलम हो तलफ होने का ग़महो या शाही एताब हो।

9. सलीस को देखना

मालो मंसब को ज़वाल हो जाये सदका दे तो अमंनो बरकत हो।

10. सुरज या चाँद सितारों को सज्दा करते देखना

सल्तनत या रियासत मिले बिला तकलीफ़के राहत व सुरूर हो।

11. सूरज को देखना

बाएस नेअमत है ज़नोफ़रज़न्द मिलने की बशारत है।

12. सुरज की रौशनी अच्छी देखना

मालो दौलत बे अन्दाज़ा मिले आज़ादी व आराम में रौनक ताज़ा मिले।

13. सूरज को गोद में देखना

मुकर्रबे सुलतान हो महबूब खुश जमाल या फ़रज़न्द हम आगौश हो।

14. सूरज को गरम देखना

रंजो ग़म पहुँचे या बादशाह रईयत पर जुल्म करे।

15. सूरज को बेनुर देखना

मुलाज़मत छूटे रंजो ग़म पाये कोई अज़ीज़ जुदा हो या मर जाये।

16. सूरज की तरह अपना चेहरा ताबनाक देखना

दलील तवानाई व हुक्मरानी है सेहते नफ़्स की निशानी है

17. संबूसा पाना या देखना

औरत हसीन मालो दौलत पायेया लोंडी या गुलाम मिले

18. साक क़वी या दराज़ देखना

महनतो मशक़्क़त करे माल नेअमत रोज़ बरोज़ बढ़े।

19. साक से ख़ून जारी देखना

वुस्अते रिज़्क व रोज़ी की अळामत है लम्बी की दलील है।

20. साँप को देखना

अगर काला देखे औरत से दिलशाद हो कौड़िया देखे औलाद हो।

21. साँप को पाँव मे लिपटे देखना

फ़ातेहा औरतों का दिलवाये मुसीबत से जल्द खलासी पाये।

22. साँप को संदुक मे बन्द देखना।

बादशाह या ख़ज़ाना देखे माले दुनिया से सारा घर भर जाये।

23. साँप को छत पर गिरते देखना।

दिली नेअमत से रंजिश हो जाये या ज़मीनसे खोद कर ख़ज़ाना मिले।

24. साँप से बहुत से गिर्द देखना

सरदारे क़ौम या अमीरे लश्कर हो हुकूमत पाये दौलत से तवंगर हो।

25. साँप का अपने ऊपर खड़ा देखना

बादशाह या हाकिम से सदमा पहुँचे या किसी दुश्मन से रोज़े

26. साँप का मुत्कल्लिम होना

शीरीं कलामी से देखना किसी दुश्मन से सुलह हो।

27. साँप से लड़ना

ग़ालिब दुश्मन पर फ़तह पाये मग़लूब दुश्मन से शिकस्त खाये।

28. साँप गोद में देखना

फ़रज़न्द मर्दुम आज़ार पैदा हो दुशमन के माल से तवंगरी हो।

29. साँप को आस्तीन में देखना

दामाद बदमिज़ाज दौलतमन्द पाये या दफ़ीना मुशरिक ज़ालिम का हाथ आये।

30. सर आदमी का खुशकत़ा देखना

सरदारी व हुकूमत मिले , सरकुशाने शहर की सरकोबी हो।

31. साग या बर्गे दरख्त खाना

औरत बदक़ौम मुबाशेरत से ख़फ़ीफ़ हो कुछ रंज पहुँचे तकलीफ़ हो।

32. सर अपना जुदा होते देखना

अज़ीज़ो अक़ारिब से जुदाई हो मगर दरबारे शाही में रसाई हो।

33. सर अपना छोटा देखना

रौज़गार से बरतरफ , बिमारी भुगते माल तलफ़ हो।

34. सर जानवर का खाना

किसी हाकिम सलीमुंनफ़्स से फ़ायदा पाये इज़्ज़तो तौक़ार हाथ आये।

35. सर अपना चरिन्द या परिन्द की मानिन्द देखना

जिस हैवान के सर से मुशाबेहत हो उसकी मानिन्द कुव्वतो जुरअत हो।

36. सर अपना कटा हाथ

मुसब्बेबुल असबाब ऐसा सबब बनाये कि हाज़ार रूपया या अशर्फी हाथ आये।

37. सर में तेल डालना

अगर बमिख़्दार देखे ज़ौबो ज़ीनत का सामानहो और जो बिला अन्दाज़ा देखे तो परेशानी हो।

38. सरअपना बड़ा देखना सरदार बाहशमतो इक़्बाल होरोज़ बरोज़ दौलत मुयस्सर हो।

39. सरबरेहना आपको देखना

औरत देखे तो इज़्ज़त मे ख़लल आये मर्द देखे तो नुक्सान हो।

40 सीना कुशादा देखन

ख़िस्सत व तरददुद बे अंदाज़ा हो तन्दरूस्ती से मुतफक्किरहो।

41. सीना तंग देखना

खिस्सत व तरददुद बे अंदाज़ा हो , तन्गरूसती से मुतफक्किर हो।

42 सीना बाज़ का देखना

औरत नेक हाथ आये।

43. सूक आबाद देखना

फराख रोज़ी दफा कुल्फत हो काफिर से औलाद हासिल हो।

44. सिंदूरमांग या पेशानी

औरत बढने की शादमानी हमें लगाना है मर्द को शिर्को बिदअत की निशानी है।

45. सुई देखना

आलऐ कस्बो हुनर उम्दा हाथ आये अगर बहुत सुईयाँ देखे रंज उठाये।

46. सार (परिन्दा)

ख़्वाब में देखना चालाक मुसाफ़िर से ताबीर है।

47. सान

ख़्वाब मं सान चाकू छुरी क़ैंचीव ग़ैरा पर लगाना गुनाहों से तायब होने के मुतरादिफ है।

48. सायबान देखना

ज़ालिम और कमीने से ताबीर है

49. साया

अगर ख़्वाब में किसी साये के नीचे बैठै तो मौत की कुर्बत का सबब है।

50. सब्ज़ी देखना

बदमज़ा औरकड़वी जब्ज़ी द्खना ग़मो अन्दोह में मुब्तिला होने और नुक़्सान उठाने की दलील है।

51. सब्ज़ रंग देखना

बदमज़ा और कड़वी सब्ज़ी देखना

52. सब्ज़ा देखना

अपनी ज़मीन को सरसब्ज़ो शादाब देखना दीन की इताअत तरक़्क़ी की अलामत है।

53. सत्तू देखना

या खाना रंजो ग़म की दलील है

54. सज्जाह (जाह नमाज़)

अगर ख़्वाब में सज़जाह जल जाये या गुम हो जाये तो इबादते इलाही में फ़ितूर पड़े।

55. सराब (धोखा)

किसी धोखे में मुब्तिला होने का सबब है।

56. सुरमा फ़रोशी

ख़्वाब में सुरमा फ़रोख़्त करना लोगों की रहबरी करना केमुतरादिफ़ है।

57. शरेश देखना

ग़मो अन्दोह से ताबीर है।

58. सफर करना

अगर कोई ख़्वाब में सफर करे और उस मकान को पहले मक़ाम से बेहतर देखे तो उसकी ताबीर नेक है।

59. सज़ा देना

ख़्वाब में सज़ा देना या हद मुकर्रर करना औरतों के काम पूरे करने पर मब्नी है।

60. संगी लगाना

अगर ख़्वाब में नामालूम जगह पर संगी लगाता देखे तो किसी की अमानत का बोझ उठाने के मुतरादिफ़ है।

61. समन्दर देखना

बहुत बड़े शहंशाह से मुतरादिफ़ है

62. सुन्बा देखना

फरज़न्द से ताबीर है।

63. सवार होना

ख़्वाब में सवारी करना शाही हथियार और इनाम हासिल करने के मुतरादिफ़ है।

64. सुराख देखना

अगर सुराख के अन्दर घुसता देखेतो राज़े शाही से आगाह होने के मुतरादिफ़ है।

65. सुराख देखना

अगर सुराख के अन्दर घुसता देखे तो राज़े शाही से आगाह होने के मुतरादिफ है.

66. सूसमार (कोह)

दुश्मन से मुंतरादिफ है

67. सोसन

सोसन का फूल उसके मौसम में देखना कुछहासिल होने के मुतरादिफ है।

68. सौंठ देखना

ग़मो अन्दोह से ताबीर है।

69. सीप देखना

मंफ़अत का सबब है

70. सीसा देखना

अगर कोई ख़्वाब में सीसा देखे तो दुनिया का ख़सीस माल जमा करने के मुतरादिफ़ है।

71. सींग देखना

किसी बुजुर्ग से ख़ैरो बरकत हासिल करने का सबब है।

72. सेम के फूल देखना

तरक़्क़ीऐ रिज़्क और मालो दौलत हासिल करने के मुतरादिफ़ है।

73. साल को देखना

औरत को चर्ब ज़बानी से दाम में लाये हमचश्मों में इज़्ज़तो तौक़ीर बढ़ जाये।

74. सियार को घर में देखना

चोरो से मालो असबाब ज़ाया हो जाये।

75. समन्दर को आग से बाहर देखना

मुसीबत मे मुब्तिला हो या किसी दिलसोज़ से जुदा हो

76. सूवरो को देखना

मर्दुम बद किरदार का सरदार हो बुख़्ल और ख़िस्सत में गिरफ़्तार हो।

77. सूवर को मार डालना

अगर ग़लिब आये फ़ायादा देखे मग़लूब हो ज़र्रर पहुँचे।

78. सूवर को मार डालना

दुशमन पर मंसूर हो।

79. सीमुर्ग़ हाथ से उड़ जाना

बीवी को तलाक दे रंजो रशेमानी में पड़े।

80. सूवर का बच्चा देखना

दौलतो रियासत हाथ आये औलाद से राहतो नफ़ा हो।

81. सिपाही देखना

खुसूमत में पड़े ख़ारे ग़म दिले में चुभे

82. सिपाही को देखना

दुश्मन पर फ़तहमन्द हो हमजिन्स में रूत्बा बुलन्द हो।

83. सीमुर्ग को मारना

दौलत बे अन्दाज़ा पाये।

84. सीमुर्ग के इस्तखाँ पाना

अगर पुर्गोश्त देखे तो ग़नी हो ख़ाली हड़डी देखे तो बाएस ज़ियाँ है।

85. सीमुर्ग को पकड़ना

हुकूमत या रियासत हाथ आये या किसी रईस या बादशाह का मुकर्रब हो जाये

86. सुर्ख़ाब देखना

रईसे क़ौम या बादशाह हो साहिबे दौलत व माल हो।

87. सलाख बाँध देखना

हुकूमत परगना की पाये या गाँव का कारिन्दा हो जाये।

88. सिनान को देखना

शुजाअ और जुर्रत मे मशहूर हो उम्र दराज़ दुशि. न पर मंसूर हो।

89. सोना देखना

किसी औरत को निकाह में लाये फिक्रो अन्देशा ग़म पाये।

90. सोने का टुकड़ा देखना।

दौलत कुव्वत व दिलेरी पाये हसीन औरत तसर्रूफ में आये।

91. सोना गलाना

कोई औरत रिफ़ाक़त में आये फिक्रो हलाकत से जान बच जाये।

92. सोना बहुत सा पाना

औरत मालदार मिले ख़ैरो बरकत पाये

93. सोना अमानत रखना

अमीन ख़ायन हो ख़यानतदार कामलाल हो।

94. सोना निसार करना

कोई मकरूहबात सुननेमें आये माल तलिफ हो।

95. सुजन बदन में देखना

मंसबे जाहो रियासत पाये लेकिन जिस्म में कुछ नुसान पहुँचे।

96. सूजन आज़ा में पाना

औरत मालदार शैदा हो फ़रज़न्द नरिना पैदा हो ग़म से रिहाई और हाजत रवाई और हाजत रवाई हो।

97. सियाह जामा देखना

तअज़ीयत या बुज़ुर्गी की दलील है।

98. सफैद जामा देखना

मुसीबत का सामना हो अन्देशा व ग़म में मुब्तिला हो।

99. सुर्ख जामा देखना

परसा और पर्हेज़गार हो नेक ख़स्लत नेक अतवार हो।

100. सेब देखना

फ़रज़न्द अर्जमन्द व रोज़ी मिले फ़रहतो फ़िरोज़ी हो।

101. सब्ज़ जामा देखना

साहबे तक़्वा व पर्हेज़गारी हो नेक कामों में उस्तवारी हो।

102. सींचना दरख़्त का या ज़िराअत का

दौलत से नफ़ा या औरत हसीन मिले।

103 सब्ज़वर लगाते देखना

माले हराम की कौशिश मुदाम रहे या ओबाश से सोहबत रहे।

104. सूरत कुर्आनी पढ़ते देखना।

ताबीर मुवाफिके मज़मूने आयात है अगर नेक हैतो मोमिन की सिफ़ात अगर बद है तो काफ़िर की हिकायत।

105. सबील देखना

किसी सरदार का रफीको मुसाहिब हो हो।ख़ैरो बरकत पाये।

106. सक़्क़ा को मश्क भरते या पानी पिलाते देखना

दौलतो हशमत से मालामाल हो हमचश्मों से आबरू कमाल हो।

107. सीढ़ी देखना

औरत मुनाफिक, दोस्त सादिक़ मिले, मर्तबा बुलंद हो या ओहदा बुज़ुर्ग पाऐ।

108. संख फूँकते देखना

मर्द मुनाफ़िक से राह हो या काफ़िक से राह हो या काफिर उस शहर का बादशाह हो।

109. सरा पर्दा व ख़ेमा देखना

शाही या फ़ौज अफसरी हो हर तरह तवंगरी हो।

110. सूतूने ख़ेमा देखना

सरदार गिरोहे पुर शिकोह हो बुजुर्गे मुम्लिक व साहिबे मुरर्ववत हो।

111. सराये कुशादा देखना

शामिले हाल फज़्ले दावर हो दौलत से तवंगर हो।

112. सराये तंग या तारीक देखना

कुल्फ़म व मुफ़लिसी से मुफ़्लिसी से मुज़्तर हो तंवगर हो।

113. समूर देखना

माले मुसाफ़िर या ग़नीमत पाये मुराद दिली ख़ातिर ख़्वाह हो।

114. संजाब देखना

मर्द मुसाफिर ग़नी से सोहबत हो तरक़्क़ीये माल की फिक्र से फ़राग़त हो।

115. संजाब का गला घोंटना और खून बहते देखना

कुँवारी औरत से अक्द करे जब्रसे मक्र उसका दुर करे।

116. सुर्गीन चार पाया की देखना

दौलत फ़रज़न्द की बशारत है अगर कपड़े या जिस्म में लगे फ़िक्र जाहो हशमत हो।

117. सर्गीन फ़ील की देखना

अपने औहदे से माजूल हो दूसरे काम में मशगूल हो।

118. सुर्मा देखना

फ़तहो दानिश से माल हाथ आये फरज़न्द पैदा होने की ख़बर पाये।

111. सुर्मेदानी देखना

औरत हसीन हो हमल रह जाये पैदा सबीहा नेक सीरत हो।

120. सुर्मे की सलाई देखना

फ़रसन्द तवल्लुद हो या दुख्तर पैदा हो।

121. सुर्मा हाथ में देखना

मालो दौलत हाथ आये औल़ाद से राहतो आराम पाये।

122. सुर्मा आँखों में ख़ींचना

दुनिया में हरदिल आज़ीज़ रहे दीन के कामो में तेज़ रहे।

123. सर्द पानी पीना या नहाना।

फर्ते ऐश व काम रानी हो सेहत हमेशा दफ़ा परेशानी हो।

124. सौफ़ खाना या देखना

नुक्साने माल बेशुमार हो ग़मो फिक्र में गिरफ़्तार हो।

125. सरसों देखना

रोज़ी हलाल हाथ आये तिजारत से नफ़ा पाये।

126. सेम देखना

तुख़्म व समर देखे तो नफ़ा पाये दरख़्त देखे तो जुल्मो जोर उठाये।

127. सिरका देखना

अज़ीज़ पैदा हो ख़ैरो बरकत हो दौलत हशमत बढ़े।

128. सक़फ़खाना देखना

किसी सरदार से फ़ैज़याब हो दौलत मन्द हो जाये जाहो हशम हो।

129. सक़फ बुलन्दो मुनक़्कश देखना

बुजुर्गे क़ौम हो तवाना हो इशरत का सामना हो।

130. सक़फ़ बुलन्दो मुनक़्क़श देखना

कोई बुजुर्ग सफ़र से आये या वस्ले महबूब में ज़ेरबारी उठाये।

131. साँचा देखना

मर्तबा बरतर हो दौलते इल्म से मालदार हो

132. सिकंज़बीन शीरीं पीना या देखना

माले हलाल ब आसानी हाथ आये मरीज़ हो तो जलद शिफ़ा पाये।

133. सिकंजबीन तुर्श पीना देखना

बीमारी को बेइन्तहा तूल हो ग़मों में मुब्तिला हो।

134. संगमूज़ा को पकड़ना या गोश्त खाना

किसी सख़्तकाम में पड़े मुश्किल से रोज़ी मिले।

135. सुंबुल ताज़ा देखना या खाना

नेअमत व माल मिलने की दलील है ज़वाले परेशानी है।

136. संगमूज़ा को उड़ते देखना

सख़्ती से निजात हासिल हो आसान उसकी मुशिकल हो।