• प्रारंभ
  • पिछला
  • 11 /
  • अगला
  • अंत
  •  
  • डाउनलोड HTML
  • डाउनलोड Word
  • डाउनलोड PDF
  • विज़िट्स: 134403 / डाउनलोड: 4791
आकार आकार आकार
ख़्वाब की ताबीर

ख़्वाब की ताबीर

लेखक:
हिंदी

यह किताब अलहसनैन इस्लामी नेटवर्क की तरफ से संशोधित की गई है।.

(श)

1. हज़रत शीस(अ.) को देखना

उम्रदराज़ इल्मो हिकमत ज़्यादा हो और कसरते औलाद हो।

2. हज़रत शुऐब (अ.) को देखना

किसी अहले जवार से इत्तिफ़ाके मामला हो जाये नुक्साने माया शमातते हमसाया हो।

3. शामयाना जर्री देखना

किसी सरदार से फ़ायदा पहुँचे या औरत हसीनो मालदार मिले।

4. शाम याना लम्बा चौड़ा देखना

तरक़्क़ीऐ उम्र हो मर्तबा बढे इज़्ज़तो बुजुर्गी पाये

5. शराब पीना

उम्र थोड़ी कम हो जाये हर तरह ग़मों रंज पाये।

6. शराब पीना

माले हराम पाये मग़रूरहो इज़्ज़त गँवाये।

7. शरबत पीना

उम्रदराज़ हो बीमार शिफा पाये वस्ले महबूब हो

8. शीरा देखना

दौलत माल से हलावत हो बीमार से सेहत हो।

9. शीरे की मश्क देखना

माल हद से ज़्यादा हाथ आये राहतो नफ़ा पाये।

10. शीरा ख़ेरिश देखना

माले हराम पाये ऐश व इशरत बढ़ जाये।

11. शीरा मर्द सालेह से पाना

दोलतो नेअमतो ऐश व कामरानी हो दिन ब दिन लुत्फ़े ज़िन्दगानी है।

12. शीशा रौग़ने बनफ़्शा का देखना।

औरत दीनदार तवंगर मिले दिलको चैन और राहतमिले।

13. शीशा आबगीना मुफ़ीदे ताज़ा का देखना

औरत खुश मिज़ाज और पर्हेज़गार मिले या लोंड़ी बावफा खुशअतवार मिले।

14. शीशा टूटना या ज़यल होना

औरत उसकी हलाक हो या तलाक उसको देकर ग़म खाये।

15. शीशा शरबत बग़ैरा से भरा देखना

औरत खुश मिज़ाज अक़्द में आये वस्ल से उसके ज़िन्दगी का लुत्फ पाये

16. शलवार

ख़वाब में शलवारपहनना या लेना कनीज़ या कम मर्तबा औरत से ताबीर है।

17. शुमार करना

अगर ख़्वाब मे शुमार करना देखे तो मेहनत और मशक़्क़त में

18. शमशीर

तलवार अगर नियाम में हो तो औरत अगर नंगी हो तो माल और हुकूमत से ताबीर है।

19. शुम्ला (दस्तार)

ख़्वाब में पगड़ी का शम्ला रखना या छोड़ना नामो नामूस से ताबीर है।

20. शमादान ख़्वाब में शमदान घर की मुन्तज़ेमा और बीवी से ताबीर है।

21. शहादत

ख़्वाब में शहादत पाना दुनियावी ग़मो अन्दोह से निजात पाने से ताबीर है।

22. शहद की मक्खी

ख़वाब में शहद की मक्खी देखनी तरक़्क़ीये रिज़्क और मेहनती औरत से ताबीर है।

23. शीशे में शराब अंगूर या सेब की उतारना

ज़ने ओबाश हसीन मिले।मुल्क से उसकी उसको लाल मिले।

24. शहद खाना

माले हलाल पर रग़बत हो मंफअत और सेहत हो।

25. शलजम खाना

कुँवारी औरत या ग़मगीन से मुबाशेरत हो बे लुत्फ़ी या नफ़रत हो।

26. शकर व शीरनी देखना

माल हलाल मिले हसीन औरत मिले फरज़न्द की विलादत हो।

27. शफतालू देखना

तंगदस्तीसे दोचारहो कोफ़्त उठाये

28. शेरे बबर को देखना।

बादशाह या रियासत का सर अंजामहो शुजाअत और क़ौम में नाम हो।

29. शेर से जंग करना

अगर शेर पर ग़ालिब आये दुशमन पर मंसूर हो अगर मग़लूब हो दुशमन से आजिज़ हो।

30 शेर का फुज़्ला वगैरा देखना

दोस्त व मफ़अत की दलीलहै फ़रहतो ऐश की सबील है।

31. शतरंज खेलना

बुरे कामों में बदनाम हो अगर बाज़ी जीते मंसूरो शाद काम हो।

32. शमा व चराग़ देखना

औरत हसीन मिले फरज़न्द पैदा हो क़द्रो मंज़िलत बढ़े मर्तबा मिले।

33. शमा ग़ुल होते देखना

उम्रे अज़ीज़ अंजाम को पहुँचे गुनाहो से तौबा करे।

34. शमा रौशन हाथ में आना

कारे बस्ता कुशादा तर हो फ़रज़न्दे अज़ीज़ पैदा हो।

35. शमाए जर्री सर देखना

ओहदाए जलील हाथ आये कद्रो मंजिलत बढ़ जाये।

36. शिकार करना या शिकार दुसरे को देखना

औरत बाकिरा से शादी हो बादशाह की मेहर्बानी से हाजत रवीई हो।

37. शहरियों को बाहम लड़ते देखना

उस शहर में काल पड़े या बादशाह जाबिर से ज़रर पहुँचे।

38. शहाब को देखना

मुनाफ़िक मर्द से ज़रर पहुँचे या बदज़नी से पेचो ताब खाये।

39. शैतान पर फ़रेफ़्ता होना

बीवी बदख़्वाह माल व दौलत तबाह हो।

40. शैतान को मुतीअ देखना

मालो दौलत मिले उलूमे दीनिया की रोज़ी हो रंजो ग़म दुर हो दश्मनो पर फिरोज़ी हो।

41. शैतान का मकहूर देखना।

फ़रहतो राहत बेशुमार हो दुश्मन ज़लील व ख़्वार हो।

42. शोरबा पीना य़ा खाना

नेअमत व दौलत बढे सेहत की खुशी हो।

43. शोलाए आतिश देखना

दीनदार देखे तो औरत मालदार मिले गुमराह पर मुसीबत पड़े माल लुट जाये।

44. शिकंजा देखना

शिकंजा अज़ाबो नहुसत की निशानी है शिकंजा किताब ख़ैरो बरकत और कामयाबी है।

45. शायर मोमिन देखना

दानिशवरो सुखन्दाने ज़माना हो जहाँमें इज़्ज़तो तोक़ीर हो दिल यगाना हो।

46. शीराज़ाऐ किताब बाँधना

बीवी से मोहब्बत बढे दुश्मन से सुलह हो जाये अगर शीराज़ा खुले ज़हूर हो जाये।

47. शोब्दीबाज़ी देखना

कारोबार सुस्त ज़ईफ़ हो हर तरह से तकलीफ. हो।

48. शायर ग़ैर मोमिन देखना

फ़िक्रे मईशत में सरगरदाँ फ़िरे झूठा और बे ऐतेबार मशहूर हो।

49. शुतुर बेमुहार देखना

और न सज़ा मिले फ़रज़न्द खुद राये पैदा हो अन्देशाऐ ग़म हर रोज़ हो।

50. शुतुर मुर्ग़ मादा को देखना

औरत पारसा आली ख़ानदान से मिले कजख़ल्की और नाफ़हमी से नफ़रत हो।

51. शुतुर मर्ग़ नर को देखना

मर्द बुजुर्ग अस्ली नस्ल से साबेक़ा पडे बेवफ़ाई और मक्कारी से पेश आये।

52. शुतुर मुर्ग से लड़ना

अगर शुतुरमुर्ग़ पर ग़ालिब आये तो दुशमन पर फतहा पाये और अगर मग़लूब हो दुश्मन से शिकस्त खाये।

53. शंगरफ से आयत या दुआ देखना

दीनो दुनिया में मंफअत पाये पर्हेज़गार मशहूर हो जाये।

54. शंगरफ खाना

किसी सख्त बीमारी से तूल हो या सरदस्त फक्रो फाका हुसूल हो।

55. शंगरफ से तस्वीर देखना

महबूब वस्ल पाये दुनिया के लहब लअब में पड़ जाये।

56. शाख़ें

ख़्वाब में शाख़ें देखना फ़रज़न्दों और भाईयों से ताबीर हैं।

57. शादी

ख़्वाब में शादी होना और दुल्हन का न देखना और बिहा के घर में न लाना मौत की अलामत है।

58. शाना (कंघी)

ख़्वाब में कंघी करते देखना किसी शफीक़ हमदर्द दोस्त और कुँवारी औरत के मुतरादिफ है।

59. शाहीन देखना

क़द्रो मंज़िलत ,इज़्ज़त , फरज़न्दो माल , नेअमत व हुकूमत से मुतरादिफ है।

60. शर्म

ख़्वाब में ईमान से ताबीर है।

61. शर्मगाह

शर्मगाह देखना राज़ से ताबीर है।

62. शेरो शायरी

ख़्वाब में शेरो शायरी में मशगूल होना बेहूदगी और गुमराही है।

63. शफ़क़ बा आसमान

आसमान पर शफक़ देखना मौसमी ग़ल्ले की फरावानी का सबब है।

64. शिकरा

शिकरा देखना मक्कार और ज़ालिम शख़्स से ताबीर है।

65. शकरक़न्द देखना

औलाद से ताबीर है।

66. शगूफा देखना

मौसमी शगूफा देखे या पाये ख़ैरो बरकत हासिल होने का सबब है।

(साद)

1. हज़रत सालेह (अ) को देखना

किसी ज़ालिम से फित्ना व फसाद में पड़े आख़िर को फतह पाये दुश्मन को हलाक करे।

2. सन्दल देखना

इज़्ज़तो तौकीर हशमत पाये आलम में नेकनाम हो जाये।

3. सुराही ख़रीद करना

औरत अय्याश तसरूर्फ में आये या लोंडी ख़ैर ख़्वाह से राहत पाये।

4. सन्दूक़ देखना

बीवी ताबेदारी करे दुश्मन दोस्त बन जाये।

5. सदफ़ से मोती निकालना

फरज़न्द पैदा हो दौलतमन्द हो आसूदगी हासिल हो।

6. सदफ देखना

दौलत से मालामाल हो फ़ायदा पाये दफ्ए मलाल हो।

7. सैय्याद को देखना

जालसाज़ी से औक़ात बसर करे जुस्तजू में मालो ज़र की दरबदर फिरे।

8. साबुन देखना

बीमारी से सेहत , कदुरत से दिल साफ़ हो ख़लीक़ बामरव्वतो इंसाफ हो।

9. सहनक खाना या देखना

औरत की पारसाई बढे पारसाई बढे माल हलाल खाये मर्द को नेअमत व दौलत बढ़े।

10. सैक़ल करना

इबादतो रियाज़त से मंफअत पाये रंगे इसयाँ दूर हो जाये।

11. सदका देना या लेना

अगर सदका दे तो फक्रो फ़ाके में मुब्तिला हो।

12. सर्राफ को देखना

काम तहसील का हाथ आये खोटे खरे का हाल का जाए।

13. सीग़ए निकाह पढ़ना

मुसलमानों से नेकी और एहसान करना मंफअत दीनो दुनिया की मिले।

14. सहरा को देखना

मुक़र्रबे बादशाह ज़ीक़द्र हो फायदा हर सूरत से पहुँचे हर मुशिकल आसान हो।

15. सुबहा

ख़्वाब में सुबहे सादिक़ देखना अमनो काम रानी से ताबीर है।

16. सोहबत

ख्वाब में अपनी औरत से सोहबत करना औरत के ताबे रहने और उसके मख़्फ़ी राज़ ज़ाहिर होने के मुतरादिफ है।

17. सर्रफ़ी करना

लोगों की ग़ीबत और ख़यानत मेम मशगूल होने के तरादिफ है।

18. सफ़ा व मरवा

ख़्वाब में सफ़ा व मरवा देखना नेकी और पर्हेज़गार अख़्तियार करने का बाएस है।

19. समग़ अरबी (गोंद)

ख़्वाब में समग़ अरबी ब़च्चे कच्चे खाने से मुतरादिफ है।

20. सलीब

ख़्वाब में सलीब का देखना पाना ख़रीदना दीन में खलल पड़ने का सबब है।

(ज़ाद-ज़)

1. ज़मानत देना या ज़मिन होना

किसी को मंफअत या फ़ैज़ पहुँचाय दुसर सूरत में खुद किसी से फ़ायदा उठाये।

2. ज़ियाफत खाना या खिलाना

नअमत व मंफअत का हुसूल हो साहिबे जूदो करम हो हर दुआ कूबूल हो।

3. ज़ईफ आपको देखना

म़र्तबा कम हो ज़वाले हशमतो जलाल हो या शिद्दते अमराज़ हो नातवानी से जी निढाल हो।

4. ज़हाका औरत से सोहबत करना

किसी लोंडी सें बद कारी में गिरफ़्तार हो फरज़न्द ग़ासिबो बद अतवार हो।

5. ज़ाया होना

ख़्वाब में दुनिया का माल ज़ाया हो दीन की तरक़्क़ी का बाएस है।

6. ज़ब्त

मुसीबत में सर्बो ज़ब्त करना ग़मो अन्दोह से निजत पाने की दलील है।

7. ज़िद करना

ख़्वाब में मे किसी बात में ज़िद करना नामों नामों नूमूद और दुनियावी शोहरत की ख़्वाहिश की दलील है।

8. ज़र्ब लगाना

ख़्वाब मे ज़र्ब लगाना अपना फर्ख ज़ाहिर करने के मुतरादिफ है।

9. ज़रूरत पड़ना

ख़्वाब में किसी चीज़ की ज़रूरत का होना हिर्सो तमा से ताबीर है।

10. ज़रीह (ताज़िया) देखना।

फिक्रो आफ़ियत से ताबीर है।

11. ज़ोफ़ पड़ना

इज़्ज़तो मर्तबे की कमी होने के मुतरादिफ है।

12. ज़ईफ देखना

खुद को ज़ईफ देखना दुनियावी कमज़ोरी का सबब है।

(तो-त)

1. तिलिस्यान को देखना

दीन में तरक़्क़ी पाये लेकिन क़रामत शामिल हो जाये

2. तबीब को देखना

दाफे अमराज़ व सेहत की अलामत है मज़ीद मालो राहत की बशारत है

3. तशत व ताऊव व तंबूर वग़ैरा देखना

दोलत व नेअमत फ़रावन मिले लोंडी खूबसूरत या गुलाम ताबे फ़रमान मिले।

4. ताक देखना

बीवी मालदार या ख़ज़ाना हाथ आये नोकरों से राहतो आराम पाये।

5. तवाफ़े काबा देखना

वालिदेन की इताअत अज़ीज़ों की दिलदारी करे राहे रास्त पर चले।

6. ताऊस पकड़ना या देखना

औरत रक़्क़ास मिले शाहे अजम से राहत मज़ीद दौलत व इकबाल ख़ातिर ख़्वाह हो।

7. तायर देखना

औरत और माल मिलने की निशानी है।

8. तूती देखना

औरत बाकिरा मिले दौकलमन्द फ़रज़न्द खुश अतवार मिले।

9. तलाक बीबी को देना

ज़ौजा मंकूहा से सिवा मोहब्बत हो दफ़ए बीमारी और कुल्फ़त हो।

10. तौक आहनी देखना

बला व मेहनत व तबाही है कुल्फत हो।

111. तौके ज़र्री देखना

औरत को शौहर से शादमानी हो फ़तहो कामरानी हो।

12. तिलिस्म देखना

काम ऐसा अजीबो ग़रीब पेस ये जिसकी वजह से अन्देशा व कुलफ़तो माल हो।

13. तबेला देखना

घोड़ों से भरा देखे हासिल कुल्फ़तो माल हो।

14. तुफ़ान देखना

फ़िक्रो तरदुद लाहिक़ हो मालो ज़नो फ़रज़न्द का ख़यालहो।

15. तमंचा देखना

हाकिम जाबिर से मंफअत पाये दुश्मन क़वी व ज़बर्दस्त हो जाये

16. तंमाचा मारते देखना

ओलाद की बदफेली का ग़म खाये या खुद मुत्तहिम हो जाये।

17. तहारत करते देखना

दलीले तन्दरूस्ती व दौलत है बाएस बुज़ुर्गी व रियासत है।

18. ताऊन

ख़्वाब में ताऊन देखना या मुब्तिला होना फ़ित्ना व बला से ताबीर है।

19. तालिबे इल्म होना

ख़्वाब में तालिबे इल्मी करना या किसी उस्ताद से पढ़ना जैसा इल्म पढ़े उसकी ताबीर नेक है।

20. तबाबत (हिकमत)

हिकमत करते देखना इस्लाहो हिदायत के मुतरादिफ़ है।

21. तबला देखना

बेहूदगी और इफ़्तेरा से तबीर है।ख़्वाब में खाना या शराब जो मिले।

22. तआम

बेहूदगी और इफ़्तेरा से ताबीर है।ख़्वब में खाना या शराब जो मिले या पाये रंजो ग़म से मुतरदिफ़ है।

23. तअना

ख़्वाब में तअना देना या सुनना बाहमी दुय़श्मनी और जुदाई से ताबीर है।

24. तुग़यानी

ख़्वाब में तुग़यानी देखना अज़ाबे ईलाही और बलाये आसमानी से ताबीर है।

25. तवाफ़ करना

ख़्वाब में काबे का तवाफ़ करना गुनाहों से तायब होने और बुजुर्गाने इस्लाम का इताअत शेआर होने नीज़ दीन और दुनिया

की भलाई का सबब है।

26. तवायफ देखना

ख़्वाब में तवायफ देखना मक्रो फ़रेब में मुब्तिला होने के मुतरादिफ है।

(ज़ो-ज़)

1. ज़ालिम को देखना

अगर ख़ौफ़ खाये नहूसतो परेशानी हो और निडर हो दौलतो कामरानी हो

2. ज़ुल्म यगाना या बेगाना पर करना

जिस पर ज़ुल्म किया वो बेज़ार हो और खुद बला व ग़म में गिरफ़्तार हो।

3. जुल्मात को देखना

जाबिर बादशाह का मुसाहिब हो उम्र दरीज़ मनाक़िब वाला हो।

4. जूरूफे ख़ानादारी देखना

नौकर चाकर मिलें रात दिन इताअत गुज़ार रहें।

5. ज़राफत

ख़्वाब में ज़राफ़त में मशगुल देखना बेहूदगी और लामानी बातों मे मुब्तिला होने की निशानी है।

6. ज़ोहर

ख़्वाब में ज़ोहर की नमाज़ मे शामिल होना दीनदारी से ताबीर है।

(ऐन-ई)

1. हज़रत ईसा (अ.) को देखना

फरज़न्द पैदा हो जहाँ को नफ़ा पहुँचाये हकीम दाना हो।

2. हज़रत ईज़राईल को देखना

मौत का पैग़ाम समझे गुनाहों से तौबा करे।

3. हज़रत ईज़राईल को सलाम करते देखना

दुनिया में एमन व महफूज़ रहे आक़ेबत सैरेजिनाँ से महफूज़ रहे।

4. ईज़राईल को रूह कब्ज़ करते देखना

उम्र दराज़ दौलत ज़्यादा उम्र भर खुरर्मी व राहत रहे।

5. अलम अब्बास (अ.) का देना या उसे हाथ मे लेना

किसी सरदार से जाहो हशमत हो।

6. अर्शे बरी को देखना

सल्तन या रियासत पाये दुनिया में इज़्ज़त बढ़े।

7. अत्तार देखना

बादशाह का वज़ीर हो या किसी ख़ास बादशाह का दबीर हो।

8. इमारत बुजुर्ग या रज़्मगाह देखना

बड़े मर्तबे को पहुँचे मालो दौलत बे इन्तिहा हाथ लगे।

9. औरत देखना

बुजुर्गी व नेअमत पाये या अज़ खुद माल गुम शुदा ह्थ आये।

10. अज़्वे तनासुल देखना

फ़रज़न्द से ताबीर है।

11. इमारत

ख़्वाब में अगर कोई ख़राब मस्जिद या ख़ानक़ाह की इमारत बनाना या बनते देखे तो दीन की इस्लाह और आफ़ियत बख़ैर होने की अलामत है।

12. उलमा को देखना

या उलमा की सोहबत में बैठना इज़्ज़त ओर तौक़ीर से ताबीर है।

13. उम्र शुमार करना

बीमारी और तंगदस्ती की दलील है।

14. उमरा करना या हज करना

दीनो दुनिया की बेहतरी की दलील है

15. उन्नाब खाना

मालो मनाल के हुसुल की दलील है।

16. अंबर पाना

दीनवी मंफअत की हासिल करने की दलील है।

17. ऊद पाना

बादशाह या हाकिमे वक़्त से अमान हासिल करने का सबब है।

18. ईसाई होना

ख़्वाब में अपने आपको ईसाई देखना दीन से गुमराही का सबब है।

19. ऐनक ख़रीदना या लगाना

इल्म हासिल करने की दलील है।

20. उरूसी (शादी) का सामान देखना

बादशाह से माल पाये इज़्ज़तो तवंगरी बढ़े

21. आलिम को देखना

दुनिया व नेअमतो शादकामी मिले ख़ैरो बरकत फ़रजामी मिले।

22. उक़ाब को उड़ते देखना

रईसे शहर या क़ौमका सरदार हो और अगर घर पर बैठे तो ताजदार हो।

23. क़ीक़ देखना या पकड़ना

किसी बद अहद से मामला पड़े रज पाये तो निजात मिले।

24. अक़ीक़ देखना

रंजो मुसीबत से महफूज़ हो दोलत व दुश्मन को

25. असा देखना

रंजो मुसीबत से महफूज़ हो दौलत व दुशमन को मंज़

26. अमामा देखना

मर्तबा पहले से ज़्यादा हो दिलशाद हो।

27. अमामा सर पर लपेटना

सफ़र को जाने की अलामत है , ख़ैरो बरकत की निशानी है।

28. अमामा सब्ज़ रंग का देखना

मुसीबत से छुटे मुराद बर आये दुरअते रिज़्क हो।

29. उम्रबाल या दाम माही देखना

अगरफलियां से भरा देखे तो तवंगरहो अगर ख़ाली देखे तो तंगदस्त हो।

30. ईद को रोज़ा खोलना

बाबे रोज़ी कुशादा हो उस शहर में ग़ल्ला ज़्यादा हो।

31. ईद बरोज़ जुमा देखना

खुर्रमो मसरूर , रंजो मुसीबत दुर हो।

32. इत्र मलना या इतरदान देखना

औरत खुश अख्लाक और हसीन मिले जानो दिल को फ़रहत हो।

33. औरत जवान जमील देखना

तरक़्क़ीये दोलत व इकबाल फिक्रे मईशत से फ़ारिगुलबाल फिक्रे मईशत से फ़ारिगुलबाल हो।

34. औरत पाकीज़ा सब्ज़ रंग को देखना

कोई महरबा औरत मिले या लोंडी खुश आवाज़ को हम ख़्वाब बनाये।

35. अंदलीब या असफूर देखना

कोई महरबा औरत मिले या लोंडी खुश आवाज़ को हम ख़्वाब बनाये।

36. महबूब को गोद में लेना

दिली मुराद बर आये मुफ़्लिसी रफ़ा हो।

37. महबूबा को बाजू में देखना

आसूदा हाल व फारिगुलबाल रहे

38. औरत अजनबी की कलाई देखना

माले दुनिया से आसूदगी हो बुजुर्गी व बेहूदगी हो।

39. औरत महबूबा के हाथ कटे देखना

दोरंगी दोस्त व दुश्मन से हुसल रहे कभी शाद कभी मलूल रहे।

40. औरत महबूबा के हाथ बँधे या खुश्क देखना

बीमारी की तकलीफ़ शाक़ हो अज़ीज़ो और दोस्तों से निफ़ाक हो।

41. औरत अजनबी की कलाई देखना

माले दुनिया से आसूगी हो बुजुर्गी व बेहूदगी हो।

42. औरत को बेगाना मर्द के पास बैठा देखना

शौहर से दफ्ए फ़साद हो मोहब्बत सिवा हो इज़्ज़त बढ़े फ़रज़न्द पैदा हो।

43. औरत को सहक करते देखना।

उनके मख़्फी राज़ आगाह हो मालो दौलत खातिर ख़्वाह हो।

44. उन्नाब तरोखुश्क देखना

महबूब से मुलाक़ात हो बीमारी जाये दिल को फ़रहत हो

45. अकऱब बुर्ज देखना

दुश्मन क़वी या हासिद हो रंज में मुब्तिला हो।

46. अमारी में बैठे देखना।

बुजुर्गी या रियासत हाथ आये अज़ीज़ो में मर्तबा बुलन्द हो।

47. ऊद सोज़ को देखना

लोंडी अक़्लमन्द गुलाम खुश अखालाक मिले या बादशाह खुर्सनद हो ख़िलअत इनाम दे।

48. आशूराए मोहर्रम देखना और आमाल बजा लाये।

हुज़नों मलाल से निजात मिले , सवाबे आख़रत की उम्मीद हो।

49. आशिक

ख़्वाबमें अपने आपको किसी इन्सान का आशिक देखना हिरसो फ़साद से ताबीर है।

50. आलिम होना

ख़्वाब में आलिम होना बुजुर्गी और पारसाई की दलील है।

51. आमिल

अगर ख़्वाब में किसी काम का आमिल होना देखे तो दिल की मुराद बर आने का मोजिब है।

52. इबादत करना

मस्जिद या झोंपड़ मे इबादत करते देखना दुनिया मे ख़ैरो बरकत हासिल करने का मोजिब है।

53. अरबी ज़बान बोलना

ख़्वाब में अरबी ज़बान में बात करना इल्म हासिल करने और अरबी पढ़ना किसी काबिल औरत से शादी करने के लिये अरबी लिखना नेक

बख़्त औरत से फ़यदा हासिल होने का मोजिब है।

54. अजाएबात देखना

दीनवी तरक़्क़ी का मोजिब है।

55. अर्क व पसीना देखना

ख़्वाब में बदन पर पसीना देखना मतलब हासिल होने से ताबीर है।