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ख़्वाब की ताबीर

ख़्वाब की ताबीर

लेखक:
हिंदी

यह किताब अलहसनैन इस्लामी नेटवर्क की तरफ से संशोधित की गई है।.

(गाफ-ग)

1. गाजर देखना

मौसम में मालो दौलत की निशानी है ग़ैर मौसम में अन्देशा व पशेमानी है।

2. गोबर देखना

दौलत पाये फ़रज़न्द तवल्लुद हो हाजत बर आये।

3. गोभी देखना

औरत पाये या दुख़्तर पैदा हो राहत पाये।

4. घास हरी देखना

माले दुनिया से बेनियाज़ रहे जहाँ सरफराज़ रहे।

5. गुलाब देखना

मोहतरम व आली मर्तबत हो माल में नफ़ा हो रफए हाजत हो।

6. गुल सुर्ख बाग में देखना

औरत ज़रदार या लौंडी बाकिरा पाये माले दुनिया से मालामाल हो जाये।

7. गेंद देखना

औरत फ़रबेह परमाया से माल मिले या मकानो ज़मीन का मालिक हो जाये।

8. गाय को देखना

अगर फ़रबेह देखे अर्ज़ानीए ग़ल्ला हो दौलत पाये और अगर लाग़र देखे तो गरानी हो तकलीफ़ उठाये।

9. गधा लदा हुआ देखना

तरक़्क़ी माल व दौलत है मकरूहातसे छूटने की निशानी है।

10. गधा पाना या देखना

औरत ख़ीला से साबेका हो।

11. गघे पर सवार देखना

अगर सुर्ख रंग है इशरत की अफ़ज़ानीए

12. गोटा

ख़्वाब में गोटा देखना ज़ाहिर दारी से ताबीर है।

13. गवईय्या

किसी गवईय्ये को या खुद गाते देखना फ़ित्ना व फ़साद की तरफ मायल होने का मोजिब है।

14. घुटना देखना

ऐशे इशरत से ताबीर है।

15. धघरू देखना

लड़ाई झगड़े से ताबीर है

16. गीदड़े देखना

गीदड़ की तलाश करता देखे और गीदड़ न मिल सके और न पकड़ा जा सके तो बीमार होने की अलामत है।

17. गीरजा

गीरजा में जाना और वहाँ इबादत करना गुनाहों से तौबा करने के मुतरादिफ है।

18. गरजना बादल का सुनना

बीमारी से शिफ़ा होने और किसी अच्छी ख़बर सुनने के मुतरादिफ है।

19. गर्द उड़ना

ख़्वाब में गर्द उड़ते देखना मुसीबत पड़ने के मुतरादिफ है।

20. गुर्द का दर्द

दर्दे गुर्द देखना सफ़ाईये क़ल्ब का बाएस है।

21. गुर्ज़ देखना

दौस्त सादिक से ताबीर है।

22. गिरोह

ख़्वाब में गिरोह देखना या किसी गिराह में शामिल होना फ़ित्ना व फ़साद से ताबीर है।

23. गढ़ा

ख़वाब में ज़मीन का गढ़ा माले मर्करर से ताबीर है।

24. गुलबन्द

अगर ख़्वाब में गुलूबन्द सोने या चाँदी का जिस क़दर बेश कीमत मोतियों से जड़ा देखे उसी क़दर मंज़िलत हासिल करने के मुतरादिफ़ है

25. गुलकन्द

ख़्वाब में जिस क़दर गुलकन्द देखे उसी क़दर मालो नेअमत हासिल होने का सबब है।

26. गुलदस्ता

बनाना फित्ना फ़साद से ताबीर है।

27. गन्ना

अगर कोई शख़्स ख़्वाब में गन्ना पाये या खाये तो मालो नेएमत हासिल करने के मुतरादिफ़ है।

28. गुन्बद

औरत से ताबीर है।

29. गोफिया

अगर ख़्वाब में किसी पर गोफिया चलाये तो उस शख़्स पर नफ़रत करने का सबब है।

30 गोर

ख़्वाब में गोर का देखना दुनिया से नफ़रत और दिन की रग़बत से ताबीर है।(बाक़ी ताबीर कब्रमें देखे)

31. गोदड़ी देखना या पाना या पहनना

बुलन्दीए मर्तबा से ताबीर है।

32. गोंद

ख़्वाब में गोंद बचे कुचे माल से ताबीर है।

33. गूँधना

आटा गूँधना दुरूस्तीए दीन से ताबीर है

34. गोह

ख़्वाब में गोह दुश्मन से ताबीर है।

35. गोह

ख़्वाब में गन्दगी का देखना रिज़्क हासिल होने से ताबीर है।

36. पीले गधे पर सवार होना

रंजूरी (ग़म) की निशानी है। दलील पशमुर्दगी (थकान) व पशेमानी है।

37. गधा ख़रीद के घर मे बाँधना

नेअमत व मालो दौलत ज़यादा हो बाबे ऐशो तवंगरी ज़्यादा हो।

38. गधे से उतरना

दिली मतलब बर आये राहतो आराम पाये।

39. गधा अपना अंधा देखना

माले अमानत ज़या दफ़ीना गुम हो जाये तकलीफ़े मआश से रंजो अलम खाये।

40. गधा अपना खच्चर होते देखना

सफर को जाये मंफ़अत हो माले दुनिया से ग़नी हो खुरसनदी मिले।

41. गधा अपना घोड़ा बनते देखना

बादशाह हो जाये या सरदरीहो या किसी चोर से फ़ायदा पाये।

42. गघ अपना बिलाऊ बनते देखना

माल फ़रेब से हाथ आये या किसी चोर से फ़यदा पाये।

43. गधा अपना बकरी बनते देखना

माले हलाल बिला मेहनत पाये अगर मुफ़्लिस हो तो तवंगर हो जाये।

44. गधा ज़ीब्हा करके गोशत खाने का अज़्म करना

ज़ाया अपनी मआश करे दौलतमन्दी व तवंगरी तलाश करे।

45. गधा अपना बाघ को खाते देखना

बीमार हो मगर जल्दी शिफ़ाए कामिल पाये नुक्सान माल का ज़रर हासिल हो।

46. गधा अपना चोर को ले जाते देखना

बीवी या लौंडी से बदकाम हो औरत को तलाक़ दे।

47. गधे की आवाज़ सुनना

बीवी से बेसबब ख़फ़ा हो बदकारी में खुद गिरफ्तारे बला हो।

48. गधा पीठ पर लादना

दस्तगीरी बख़्त को मंजूर हो तंगदस्ती और कुल्फ़त दुर हो।

49. गेंडा देखना

एताबे शाही मे गिरफ़्तार हो दौलत क़वी और ग़मख़्वारी हो।

50. गेंडा बँधा देखना

किसी सरदार का मुसाहिब हो आली कद्र हो।

51. गद या माशा आमोख़्ता देखना

बादशाही पाये दुशमन पर फिरोज़ी हो मक़सद बर आये फ़रज़न्द की रौज़ी हो।

52. गेंडे पर सवार होना

तरक़्क़ीए दौलत व शुजाअत हो दुमन पर फ़तहो नुसरत हो।

53. घोडी देखना

औरत आली वकार से शादी हो मुराद बर आये

54. घोड़ा देखना

किसी विलायत का फ़रमारवा हो या दरबार का फ़रमारवा हो या दरबार में मंज़िलत हो।

55. घोडे पर सवार होना

महसूले जाहो सरवर हो वफूरे मालो दौलत हो।

56. घौड़ा मश्की देखना

बादशाह या हाकिम आली जाह हो या औरत ताबेदार हो।

57. घोड़ा अशहब देखना

दौलत सरदारी मिले मकरूहाते दुनिया से रस्गारी मिले।

58. घोड़ा अबलक़ देखना

शुजाअत में शेर हो जुर्अत मे सवार बहादुर ख़ल्क में मशहुर हो

59. घोड़ा समन्द या वजदा देखना

ज़ख्म खाये जिस्म पर या बहुत ज़्यादा बीमार हो सदका देने से बला दुर हो।

60. घोड़ा उड़चल देखना

नहुसतो बीमारी या मौत की निशानी है।

61. घोड़े पर किसी के साथ बैठना

हाकिम की पेशदस्ती करे या हुकूमत पाये दुश्मन पर ग़लिब हो या ग़ैर की औरत घर में लाये।

62. घोड़ा दौड़ाना

फ़ौज का अफ़स या नदीमे शाह हो आसमाने दौलतो इल्म का माह हो।

63. गाड़ी या रथ पर सवार होना

मालो दौलत मिले कद्रो मंज़िलत बढ़े।

64. गेंहु देखना

रोज़ी रंजो ख़िफ़्फ़त से पाये माल बड़ी मेहनत से मिले।

65. गिरह नान देखना

दोस्त या भाई से उल्फ़त बढ़े ख़दिमा या रफिक़ मिले।

66. घी खाना या देखना

मालो दौलत की निशानी है बाएस रफ़ए रंज व ख़िफ्फ़त है।

67. गरम पानी पीना

शद्दते तप हो बीमारी तुल खींचे देर मे सेहत हो।

68. गुल देखना या तोड़ना

बच्चा पैदा हो खुशख़बरी की निशानी है मालो दौलत हाथ आये।

69. गर्दन पर सवार होना

औरत अफ़ीफा व जमीला या कनीज़ नेक सीरत मिले।

70. गर्दन कट के सर से जुदा होना

मोमिन को हजो ज़ियारत बीमार को शिफ़ा हो मुराद बर आये क़र्ज़ से निजात हो।

71. गोस्फन्द या गाय कुर्बानी करना

ग़मों अन्दोह सख़्त से रिहई हो कुल्फ़त जाये बीमारी से शिफ़ा हो।

72. गोस्फन्द गुम हो जाना

मालका नुक़्सान ज़्यादा हो रंजो ग़म में मुब्तिला हो।

73. गोस्फ़न्द की कलेजी देखना

मालो दौलत की निशानी है।

74. गोस्फ़न्द का गुर्दा देखना

औरत शरीफ़ कमसिन पाये।

75. गोस्फ़न्द का का गुर्दा किसी से पाना

माले ग़नीमत हाथ आये

76. गाऊ सियाह पर बैठना

सरदारी पाये या मालो दौलत बेशुमार मिले फ़िक्रे मईशत से निजात हो।

77. गौसाला देखना

दौलतो माल बे अन्दाज़ा पाये लोंडी या गुलाम हब्शी या बीवी मालदार मिले।

78. गौसाला घर में ले जाना

मुसीबत में पड़ जाये दिन रात रंजो ग़म खाये

79. गोबर में देखना

हलीलो नेअमत की निशानी है ख़ैरो बरकत की अलामत है।

80. गोश्त ख़ाम देखना

माले हराम खाये भाईयों सें रंजिश हो जाये।

81. गोशत पुख़्ता खान

बादशाह से ईनाम रईयत पेशकशे दैलत करे।

82. गोश्त सीमुर्ग खाना

बादशाह से दौलत या ओहदा पाये मर्तबा बुलन्द काम बाला हो जाये या औरत पारसा से कतखुदा हो दुख़्तर पाकीज़ा उससे पैदा हो।

83. गोश्त गाय का खाना

माले मिरास हाथ आये दौलत बेशुमार मिले।

84. गोश्त गधे का खाना

तर्क अपनी मआश करे दौलत बेशुमार मिले।

85. गोश्त सूवर का खाना

तआम नजिस या माले हराम पीये बेहुर्मतो बेहया मशहूर हो जाये।

86. गोश्त नेवले का खाना

लड़ाई मे नामवर हो बुजुर्गी व इज़्ज़त पाये।

87. गोश्त सूवर खाना

लड़ाई मे नामवर हो जाये।

88. गोश्त मछली या भेड़ का खाना

माल औरत सर्फ़ में लाये बेनियाज़ और मालामाल हो जाये।

89. गोश्त कछुऐ का खाना

मर्दुमेदहकानी से नफा हो।

90. गोश्त शतुरमुर्ग का खाना

मर्दुमे दहकानी से नफ़ा हो मुफ्लिसी रफा हो।

91. गोश्त दुन्ब का खाना

बादशाह ज़लिम रहम खाये दिर्हमो दीनार अता फ़रमाये।

92. गोश्त खरगोश का खाना

किसी औरत से कोई चीज़ पाये या और मालदार हाथ आये।

93. गोश्त साँ का खाना

दुश्मन का माल तसर्रूफ़ मे आये दुश्मन रंगे दोस्ती लाये।

94. गोश्त छिपकली का खाना

माले हराम किसी मुफ़्सिद से आये तसर्रूफ़ में लाये।

95. गोश्त बिल्ली का खाना

माल चोरी का बक़द्र उसके हासिल हो मुर्दार ख़्वारीए मर्दम आज़ारी पर मायल हो।

96. गोश्त अल्कल्क का खाना

किसी ज़मीदार का मदारूल मुहाम हो जाये किसी दहक़ानी का माल खाने में आये।

97. गोश्त उल्लू का खाना

माल चोरी या रिश्वत खाये मुर्दार ख़्वारी ख़ातिर आये।

98. गोश्त कुमरी या बीरन का खाना

किसी हसीन औरत से माल मिले लुत्फे सोहबत से उसकी खुश होवे।

99. गोश्त अबाबील का खाना

माल दुश्मन का जांकाही से पावे या बीमार हो जावे।

100. गोश्त बटैर का खाना

रिज़्क़े हलाल पाये या लड़ाका औरत मिले।

101. गोश्त का खाना

कोई पलीद औरत जादू करे दाम में अपने फरेबो मक्र में फाँसे।

102. गोश्त मुर्गाबी का खाना

बुर्ज़ुगी और सरदारी पाये या कहीं का हाकिम हो पाये।

103. गोश्त हुमा का खाना

बख़्त उसका बुलन्द हो जाये या किसी सुल्तान से नफा पाये।

104. गोश्त चर्ख़ का खाना

फरज़न्द से नुक़्सान पाये सदमा व अन्दोह व ग़म पाये।

105. गोश्त साही का खाना

मुख़ालिफका माल खाये फतहो नुसरत ग़ैब से पाये।

106. गोश्त लोमड़ी का खाना

मकरूहाते दुनिया से रिहा हो लेकिन माले हलाल खाने से रिहा हो।

107. गोश्त नहंग का खाना

माल ज़ाल बेहद व बेइन्तिहा पाये क़द्रो मंज़िलत जहान में बढ़ जाये।

108. गोश्त हाथी का खाना

बादशाह से माल व नेअमत पाये नर्दे मुफ्लिस तवंगर हो जाये।

109. गोश्त रीछ का खाना

कोई सदमा ज़रूर दिल पर हो माले हराम मयुस्सर हो

110. गौरख़र को खाना

किसी अमीरो कबीर से ईनाम मिले।

111. गैरख़र का शिकार करना

बख़्त यावर हो ग़निमत का माल मिले तवंगरो मे इज़्ज़तो हुर्मत बढ़ जाये।

112. गौख़र का मग़ज़ पाना

किसी सरदार से सोहबत बढ़े हज़ार दिर्हम पाये

113. गौरिस्तान देखना

उम्रे रफ़्ता का अफसोस करे अन्देश वपरेशानी हाथ आये।

114. गौरिस्तान पर जाना

मकरूहाते बेजा मे फँसे अपना बेगाना किनाराकश हो जाये।

115. गोश्वारा मिलना

औरत कीज़ीनत बढे फरज़न्द की रोज़ी हो मर्द को माल से नफा व दुश्मन पर फ़िरोज़ी हो।

116. गोशवारए मरवारीद चुनना

मर्द देखे तो हाफ़िज़ कुर्आनो आरिफ़े रहमान हो औरत देखे शौहर से मोहब्बत बढ़े फ़रज़न्द जने।

117. घर ज़मीन पर बनाना

दुनिया मे नेक काम हो दो जहान में नेकी मिले।

118. घर सोने का देखना

माल बर्बाद हो अस्बाबजल जाये मुफ़्लिसी से रंज उठाये।

119. घर नयाकारो मुनक़्क़श देखना

महबूब हसीन से दिल लगाये खुद छुप कर जाये या उसको बुलवाये।

120. घर में ग़ैर का जाना

दुश्मन पर फ़तह व ज़फर पाये दिलेरी और कुव्वत बढ़ जाये।

121. घर में आतिशकदा देखना

बादशाह से बड़े काम निकलें बीमार को शिफा हो राहतो आराम पाये

122. गाजर देखना

सख़्ती व रंज की निशानी है मोजीबे तफक्कुरो परेशानी है।

123. गाजर खाना

फ़रहतो इंबिसात हासिल हो सेहते नफ़्सो कूवते दिल हो।

124. गाली खाना

फ़लाकत से परेशान हाल ,तरक़्क़ी फक्र हो।

125. गुढ़ काला देखना

नहूसत की निशानी है सदक़ा दे ताकि आराम हो।

126. गाँव में जाना

अगर आबाद है रोज़ी व मंफ़अत पाये और वीरान देखे तो परेशानी मिले।

127. गाना सुनना

बेहूदगी और मुसीबत से ताबीर है।

128. गाऊज़बाँ देखना या खाना

जंगो जिदाल से ताबीर है।

129. गतगा देखना तरक़्क़ीए कुव्वतसे ताबीर है।

130. गदाई करना

कोशिशो हिम्मत से ताबीर है।

131. गिध देखना

परिन्दो के सरदार से ताबीर है।

132 गुज़रगाह (रास्ता)

उसपर चलते देखना दीन स ताबीर है।

(लाम-ल)

1. हज़रत लूत (अ.) को देखना

औरत खुदकाम फ़रेब से राम करे पशेमानी व ख़िज़ालत दे बदनाम करे।

2. लूती को देखना

बदकामों पर सबकत हो सर्फ़ बेजा से तंग राहत हो।

3. लौहे महफूज़ देखना

इल्मो हिक्मत से फायदा उठाये खुशनवीसी में नामवर हो।

4. लाल देखना

हसीन औरत शाईस्ता औलाद मिले मुस्तग़नीयुलमाल हो दौलतो नेअमत मिले।

5. लाल को देखना या आवाज़ सुनना

ख़ैरो बरकत और कसरते औलाद हो दौलत ज़्यादा ख़ाना आबाद हो

6. लोहार को देखना

बादशाही मुलक या अफ़सरी फ़ौजहो मालो असबाब से हासिल तवंगरी हो।

7. लोहा या लोहे की चीज़

बख़्त यावर हो रोज़े बद न देखे ऱईस के बाएस बुजुर्ग काम मिले

8. लौंडी ख़रीदना

मालो नेअमत की निशानी है।

9. लीज़म मिलाना

रक़्कासा से मुबाशरत (नाचने वाली से सेक्स करेगा) , कुव्वत हो, दुश्मन का सामना हो, सदका दे बला रद हो।

10. लंगूर देखना

दुश्मन का सामना हो, सदका दे, बला रद हो।

11. लश्कर को देखना

तरक़्क़ीये शिकोह व हशमत या

बाराने रहमत बकसरत हो।

12. लोमड़ी पकड़ना या पाना

औरत या लोंडमक्कार हाथ आये माल का नुक़्सान हो बर्बाद हो आये।

13. लोमड़ी से खेलना

औरत कम्सिन बियाह लाये या लड़की पैदा हो या किसी से फ़रेब करे कसब की उठाये।

14. लड़का छोटा मसरूफ देखना

तवल्लुदे फ़रज़न्द की खुशी हो।

15. लड़का मज़हूल बदसूरत देखना

दुश्मन सख़्त का सामना हो रंजो महनत में मुब्तिला।

16. लड़का हसीन बालिग देखना

तरक़्की ए जाहो जलाल हो।

17. लड़की हसीन देखना

मालो नेअमत की दलील है।

18. लड़की कम्सिन मशहूर को देखना

बादशाह या किसी सरदार का मुशीर हो ओहदए बुजुर्ग और इज़्ज़तो तोक़ीर मिले

19. लोबिया देखना

माल हलाल पाने की निशानी है सेहत होने नेअमत पाने की दलील है।

20. लहसुन और प्याज़ देखना

तरो ताज़ा देखे तो नेअमत और कामरानी खुश्क दोखो तो नाकामी और पशेमानी हो।

21. लौंगचुड़े खाना

औरत खुश अख़लाक बाज़ारी मिले या मर्द खुशबाश से सोहबत हो।

22. लगाम देखना

औरत हमेशा हुक्म बरदारी करे दुश्मन और बदगोयों की ज़बान बन्द रहे।

23. लौंग देखना या बाँटना

नेकनामी में शोहरा आफाक़ हो ख़ल्क़ में मशहूर खुश अख़लाक़ हो।

24. लिबास देखना

रेशमी माल मतलूबा हो सरसब्ज़ी की बशारत है ज़र्द बीमारी आसमानी मुसीबत की अलामत है।

25. लिबास हलावी अरग़वानी या गेरूवा देखना

दौलतो ख़ैरो मफअत पाये कोई मुहिम पेश आये जुमराऐ फुक़रा में दाखिल हो।

26. लिबास धानी पहनना

औरत से सोहबत हो या किसी मर्दे मुक़द्दस से मफंअत हो।

27. लिबास सियाह पहनना

मातमो हुज़्नो मलाल की कामिल दलील है सदमा जानकाहो रंजिशें दिल हो।

28. लिबास सियाह फरोख़्त करना

सौदागरी से मुंफअत पाये किसी अज़ीज़ से रंजिश पैदा हो।

29. कलक को कोठे पर देखना

हाकिम के सामने क़द्रो मंजिलत पाये या कोई सरदार उसके घर में आवे।

30. लिहाफ देना देखना या ख़रीदना

बीवी हामिला हो या कनीज़ बाक़िरा ख़रीदे इज़्ज़त बढ़े मर्तबा बुलन्द हो।

31. लक़वे से मुँह अपना टेढ़ा देखना

राह मनाफी व कजी पसन्द आये

32. लीमू या लऊक चाटना

अगर शीरीं है दलीले ख़ैरो बरकत है और अगर तुर्श है निशानीये शरो कुल्फत है।

33. लड़ना किसी हैवान से और ज़ेर करना

दुश्मन पर मुज़फ़्फर और मंसूर हो रंजो ग़म और फिक्रो तरद्दुद हो।

34. लड़ना अजनबी लोगों से

रंजो ग़म में मुब्तिला हो फित्ना व फसाद बरपा हो।

35. लड़ाई शहर या गाँव में देखना

ताऊन व वबा का शोर हो या मुल्क में ज़ालिमों का दौर हो।

36. लाठी देखना

बाइज़्ज़त और बुज़ुर्ग होने की दलील है।

37. लस्सी

ख़्वाब में लस्सी ख़रीदना ग़मो अन्दोह में मुब्तिला होने और उसका पीना बीमारी में मुब्तिला होने का बाऐस है।

38. लकड़ी से कोई चीज़ बनाना

ख़्वाब में लकड़ी तराशना या लकड़ी से कोई चीज़ बनाना किसी मुनाफिक़ का खैर ख्वाह होने के मुतरादिफ है।

39. लिखना

ख़्वाब में कुछ लिखना मक्र व हीले से किसी का माल लेने से ताबीर है।

40. लंगड़ा

अपने आप को लगड़ा देखना लोगों की नीगाह में ज़लील और मख़्लूत में बदनाम होने से ताबीर है।

41. लूट

अगर ख़्वाब में लोगों को अपना माल लूटते देखे रंजो अलम में गिरफ़्तार होने की अलामत है।

42. लोटा

ख़्वाब में ताँबे या भरत का लोटा ख़ादिम से ताबीर है।

43. लीद

गाये या घोड़े की लीद देखना मालो नेअमत की दलील है।

(मीम-म)

1. हज़रत मूसा (अ.) को देखना

दुश्मन मामून रहे ज़फ़र पाये अदू हलाक हो दिली मुराद बर आये।

2. हज़रत मोहम्मद मुस्तफ़ा स. को देखना

शरफ़ दोजहान का मिले सआदत और कद्रो मंज़िलत बढ़ जाये।

3. मीज़ान बुर्ज को देखना

हाकिम या सरदार आलीजाह हो माले दुनिया से नफा मिले।

4. मीकाईल को देखना

रोज़ी कुशादा हो रंजो ग़म से आज़ाद हो रहमते परवरदिगार हो मुस्तग़नी हो।

5. मुश्तरी को देखना

बादशाहका वज़ीर हो दुनिया में इज़्ज़तो तौक़ीर हो या औरत साहिबे जमाल व माल मिले।

6. मिर्रीख़ को देखना

लश्कर का सिपाह सालार हो या क़ौम का सरदार हो , खुश अतवार हो।

7. मस्जिद जामा में जाना

ख़ैरो बरकत हासिल हो हज से मुशर्रफ और काबे में दाखिल हो।

8. मस्जिद बनाना

नेक रोज़ी ख़ैरो बरकत पाये।

9. महराबे मस्जिद मे पुश्त करके बैठना

मंज़िलते दुनिया से रिहा हो।

10. मस्जिद जामा देखना

बादशाह या क़ाज़ी या शहर कोतवाल हो।

11. मस्जिद आबाद या बनते देखना

बुजुर्गो से काम पेशआये बरकत पाये।

12. मस्जिद में नमाज़ पढ़ना

सफ़र को जाये माल बहुत सा पाये।

13. मस्जिद में सवारो को देखना

मुसलमानो पर काफिरों का जुलम हो , शहर में मुशरिकों का दौर हो।

14. मिम्बर या मिनारा देखना

रईसे क़ौम या शहर का क़ाज़ी हो।दौलत से ग़नी हो।

15. मिम्बर या मिनारा पर जाना

मर्तबा बुलन्द हो रियासत पाये अगर अमीर है जाहो हशम फूजूँ हो।

16. मिनारा गिरते या टुटते देखना

बादशाह या हाकिम से ज़रर पाये हुक्कामका हाल जूबूँ और सुस्त हो जाये।

17. मोअज़्ज़िन देखना

मोमिनो परर्हेज़गर हो।

18. मुश्क को देखना

बादशाह की मेहर्बानी हो शोहरतो कामरानी हो।

19. मुश्क को देखना

बुजुर्गो साहिबे अख्लाक हो नामवरी में शोहरा आफ़ाक़ हो और लौड़ी माल शौहरो आक़ा का पावे , अगर सूँघे तो फ़रहते मशाम मिले।

20. मगर को देखना

दुश्मन का सामना हो मुसीबत में मुब्तिला हो।

21. मछलियाँ देखना

औरत मालदार मिले कसरत से दिर्हमो दीनार मिले।

22. मछली का गोद में आना

औरत हसीनो मालदार मिले दौलतो इज़्ज़तो विकार मिले।

23. मछली के शिकम से कुछ पाना

माले दुनिया से तवंगर हो मर्तबा दोजहान में बरतर हो।

24. मार माही (पानी का साँप) को देखना

ज़रर पहुँचे ओहदे से माजूल हो फलाकत से मुलूल हो।

25. मर्ग़ाबी पकड़ना

बादशाह या हाकिम राम हो तरक़्क़ी व इनाम हो।

26. मुर्ग़ाबी देखना

औरत से फ़ायदा पहुँचे तरक़क़ी हो इक़बाल हो।

27. मुर्ग़ाबी की आवाज़ सुनना

खुशख़बरी कोई सुनने में आये या महबूब से पयामे वस्ल आये।

28. मुर्ग़ाबी को ज़िब्हा करना

औरत बाकिरा से मुबाशेरत हो या दरबार में सुर्खरूई व इज़्ज़त हो।

29. मुर्ग़ पर बोझ लादना

कोई मुलाज़िम बेदाद करे या औरत फित्ना व फ़साद करे।

30. मुर्ग दस्तार लिये जाते देखना

बीवी से बेहुमती का काम हो मर्द अजनबी वाला मारा जाये सर उसका बदन से उतारा जाये।

31. मुर्ग को बाँग देते सुनना

तरक़्क़ीये इस्लाम हो।

32. मुर्ग़ज़ार की सैर करना

तिजारत में मंफअत हो उम्र सारी आराम से गुज़रे दुश्मन का सामना हो लेकिन जल्द मग़लूब हो।

33. मच्छर कसरत से देखना

दुश्मन का सामना लेकिन जल्द मग़लूब हो।

34. मोती का दाना बुजुर्ग देखना

औरत पारसा से निकाह हो माल मीरास से फलाह हो।

35. मोती दाना खुर्द देखना

लोंड़ी जमीला हाथ आये या दुख्तर नेक अख़्तर पाये।

36. मोती बेचना

लोगों को इल्म हुनर का शादी हो खुशी पाये

37. मोती बींधना

कुर्आने मजीद का मुफ़स्सिर हो जाये या औरत बाकिरा तसर्रूफ मे आये।

38. मोती की लड़ी बनाना

हाफ़िज़े कुर्आनो सुख़्नदाँ हो तवल्लुदे फरज़न्दान हो।

39. मोती पिरोना शायर मुंशी बेनज़ीर हो बादशाह के दरबार में बड़ी तौकीर हो।

40. मूंगा देखना

दैलत बेअन्दाज़ा पाये कोई नाजुक अन्दाम औरत हाथ आये।

41. मेंहदी हाथ पाँव में लगी देखना

औरतके लिये आरास्तगी व ज़ीनत है मर्द के वास्ते तरक़्क़ीये माल व दौलत है

42. मिटटी को देखना

माल या दफ़ीना हाथ आये बादशाह या अमीर से फ़ायदा उठाये।

43. मूली लेना या देखना

रोज़ी हलाल , दुख़्तर नेक अख़्तर या बीमारी से सेहत तन्दुरूसती पाये

44. मिर्च देखना या खाना

सियाह देखे तो सेहत और राहत हो सुर्ख़ देखे तो मरज़ की निहायत शिद्दत हो।

45. मुज़अफ़र खाना

नेक औरत से शादी हो।

46. मवीज़ मुनक़्क़ा खाना

माल व मंफ़अत कसरत से मिले सेहते इज़्ज़तो तौकीर मिले।

47. माँ के शिकम से पैदा होना

हजो ज़ियारत से मुशर्रफ़ बर तरफ हो जाये रफ़ए दिल से फ़ेलसूनि व मक्कारी हो।

48. मिठाई खाना या पाना

तरक़्क़ीये मालो इज़्ज़ो जाह या तवल्लुदे फ़रज़न्द हो

49. मेहनत को देखना

नहूसतो बला का सामना हो अन्दोहोग़म मेम मुब्तिला हो।

50. मूंग व माशव मसूर को

बीमारी में मुब्तिला हो रंजो अलम का सामना हो।।

51. मेदा वग़ैरा देखना

अन्दोह से रिहाई दौलत व बख़्त की रसाई हो।

52. मेंह बरसते देखना

अपने घर मेम देखे तो दौलतो कामरानी हो और शहर या गाँव में देखे तो दौलत की अर्ज़ानी हो।

53. मकड़ी देखना

ज़ाहिदे गोशानशी हो ख़न्दाए ख़ल्क से हक के क़रीन हो।

54. मुर्दे को देखना

माल नजिस या हराम किसी से पाये या बड़ा काम बिगड़ने से पछताये।

55. मुर्दे से बातें करना

काम बिगड़ा हुआ संवर जाये जिससे मायूस हो मक़सद बर आये।

56. मुर्दे को उठाये जाते देखना

माले हराम किसी से मिले राहतो आराम में फ़ितूर पड़े।

57. मय्यते मारूफ़ के जिन्दा होते देखना

अगर बशक्ले नेक मिले तो खुशी व राहत मिले और जो बसूरते जिश्त पाये रंजीदा व परेशान हो।

58. मुर्दे अजनबी को देखना

माले गुमशुदा या दफीना या कोई चीज़ बेमतलब मिले।

59. मुर्दे अजनबी को देखना

माले गुमशुदा या दफीना या कोई चीज़ बेमतलब मिले जाये।

60 मुर्दो की जमाअत देखना

दलीले तंगदस्ती व परागंदगी है निशान बेनिशानी या कम ज़िन्दगी है निशान बेनिशानी या कम ज़िन्दगी है।

61. मुर्दे की आवाज़ पर चलना

बेवतन हो या हलाकत का सामना हो सदका ज़रूर दे ताकि रद्दे बला हो।

62. मुर्दे को नहलाते देखना।

कुल्फतें दूर हों खुशी पाये या गुमराहो को राहे रास्त बतलाये।

63. मुर्दे का ज़िन्दा से कुछ माँगना

रंजो नहुसत कमाल हो दौलत का ज़वाल हो।

64. मुर्दे को बरेहना सोते देखना

मर्दे की दलीले रस्तगारी है ख़्वाब में देखने वाले की बख़्तयारी है।

65. मुर्दे के पीछे मकान मजहुल में जाना

अगर रह जाये तो कज़ा दरपेश हो और जो निकल आये ग़म से दिल रेश हो

66. मुर्दे को कुछ देना

माल गुमशुदा मिल जाये फ़ायदा हो मुराद बर आये।

67. मुर्दे के साथ खाना खाना

दौलतो नेअमत मिले दीनो दुनिया में राहत पाये।

68. मुर्दे से मुबाशरत करना

बाद मायूसी उम्मीद बर आये अय्याशी से ज़िल्लत उठाये।

69. मुर्दे को अपने साथ करते देखना

औरत देखे तो गौहरे मकसूद पाये मर्द देखे तो हुर्मत ज़ाया हो जाये।

70. मुर्दे को अपने बिस्तर पर देखना

उम्रदराज़हो दौलत से बेनियाज़ हो।

71. मर्दा अपने को देखना

तूले हयात हो तरक़कीऐ दर्जात हो या सफ़र दरपेश आये दौलतो शादमानी पाये।

72. मर्दा दफन करते देखना

अपने हाथों माल जाया करे रौज़े बद देखे।

73. मर्दा फ़रज़नद ज़िन्दा देखना

नेअमुलबंदलमिलने की बशारत है तलाफी दौलत माफ़ात की अलामत है।

74. मर्दे को कुछ देना

ख़ैरौ बरकत पाये फ़ारिगुल बाल हो जाये।

75. मुर्दे ज़वान अजनबी को देखना

बीवी से ख़यानत हो किसी शख़्स से अदावत हो।

76. मर्द अधेड़ या बढ़ा देखना

दौलत इकबाल पाये बख़्तयावर हो बादशाह दोस्त दुश्मन पर जफर हो।

77. मर्द पीर का आपको जवान देखना

सरदारी या बादशाहत पाये दौलत मालो हुकूमत पाये।

78. मुर्दे जवान का अपने आपको बुढा देखना

तरक़्कीओ इक़्बाल हो रोज़ अफ़जूँ हशमतो जलाल हो।

79. मुर्दे पीर को आपको तर्नाक देखना

बादशाह का रफ़ीके सादिक हो सरदारी कीउम्मीदे वासिक हों।

80. मक़ना देखना

दोनों शौहर बीवी शादमान होँ।

81. मक़ना या लिबास जलते देखना

मर्द देखे तो बीवी मर जाये या औरत देखे तो शौहर का ग़म खाये।

82. मक़ना सर बाँधना

मर्द देखे तो बीवी या जारिया हाथ आये औरत को शौहर मिले।

83. मक़नातीस देखना

औरत बुत परसत या मुशरिका का इश्क हो

84. मक़्तल के देखना

मोरिदे बला व आफ़त हो खोफ़ो ख़तर में मुब्तला

85. मज़मीर बजाना या पाना।

बीवी से राहत पाये शग़ले ऐश व तरब में पड़ जाये

86. मुऐ ज़हार देखना

कम देखे तो माले हलाल मिले दिलको फ़रहत हो और अगर दराज़ देखे तो परेशानी और नक्बत हो।

87. मुऐ ज़ेहार मुँडते या उखाड़ते देखना।

ख़्वाहिश औरत की बेइन्ति हो या औरत मालदार बदकार आशना हो।

88. मदीना शरीफ़

ख़्वाब में देखना तरक़क़ीये इल्म और दीनो दुनिया की बेहतरी का बाएस है।

89. मुर्दार संग ख़्वाब में देखना रंजो बीमारी व अज़ाब में मुब्तिला होने का बाएस है।

90. मर्वारीद

ख़वाब में देखना गुलाम या कनीज़ या फरज़न्द से ताबीर है।

91. मरहम

ख़्वाब में ज़ख्म पर लगाना किसी ख़ैर काम की कोशिश और दीन कीइस्लाह से ताबीर है।

92. मुसल्लह

ख़्वाब में मुसल्लह अपने आपक देखना अपने शहर या कस्बे या गाँव के लोगों पर हाकिम होने के मुतरादिफ़ है।

93. मुसलमान होना

आगर ख़्वाब में आपको मुसलमान होता देखे आफ़तो बला से महफूज़ रहने का मोजिब है।

94. मिस्वाक

अगर ख़्वाब में मिस्वाक करता देखेतो माल ख़ैरात करने औप सवाब हासिल करने का मूजिब है।

95. मुश्तज़नी

ख़्वाब में मरने का ग़म पहुँचे।

96. मुस्तगी (गोंद)

खाना गुफ्तगू करने से ताबीर है।

97. मश्क देखना

ख़ाली देखना बुख़्ल और पानी भरीमश्क देखना सखावत के मुतरदिफ है।

98. मक्की

रिज़्क़ से ताबीर है।

99. माजूल होना

किसी मुलाज़ेमत या ओहदे या सरदारी से मैजूल होते देखे तो दीन की ताबीर है।

100. मक्का शरीफ़

अगर अपने को मक्का शरीफ में देखे तो ज़ियारते काबा और हज करने की दलील है।

101. मक्ख़न देखना

नेअमत हासिल होने के मुतरादिफ है।

102. मलमल देखना

और ख़रीदाना औरत से सोहबत से ताबीर है।

103. मंदील (रूमाल)

सर पर बाँधना इज़ज़त हासिल होने का मोजिब है।

104. मोर

नर मोर देखना बादशाहे अजम से ताबीर है।

105. मौठ देखना

तंगदस्ती और तहीदस्ती में मुब्तला होने का मोजिब है।

106. मोज़ा

मोज़ा पहनते देखना पर्दादारी से ताबीर है।

107. मोम

सफ़ैद मोम देखना माल व नेअमत से और ज़र्द मोम का देखना बीमार होने के मुतरादिफ है।

108. मेहमान

ख़्वाब में मेहमानी करना किसी चीज़ के ज़माहोने का सबब है।

109. मीरास

मीरास का झगड़ा तय करना या देखना दीन की गुमराही और दुनिया की मोहब्बत से ताबीर है।

110. मेवा

मेवा तुर्शो शीरीं ख़ैरो बरकत से ताबीर है

111. महर देना या देखना

मर्दौ ज़न को आपसम् राहत मिले अज़ीज़ो को उस्तवीरीऔर कुव्वत मिले।

112 मोहरा मार पाना

औरत दौलतमन्द से सोहबत हो।दिल को फरहत मिले।

113. मिंजनीक देखना

सुखनचीनी या बद़बानी से बदनाम हो ख़ल्क़ नफ़रत करे बेतौक़ीर हो बदनाम हो।

114. मुँह से कुछ निकलते देखना

अगर वो चीज़ हलालो पाक हो नेअमत पाये अगर नजिस हो या हराम तो रंज उठाये।

115. मोहरा कागज़ का देखना

नामा सरबस्ता या कीसा हाथ आये या अख़बारो वहशत के आसार सेघबराऐ।

116. मँह में कुछ जाते देखना

नेअमत व माल ग़ैब से पाये रोज़ी ज़्यादा हो जाये।

117. मनी बदनमें कपड़े में देखना

औरत अय्याश मिले यफ़रज़नद पैदा हो रात दिन ऐशोतरब मे मुब्तिला हो।

118. महाज़ या महल देखना

औरत पर्दानशी से सोहबत हो।

119. मसरह में रहना

औरत पजमीला व शकीला राम हो

120. मवाख़ेज़ा में आपको देखना

बीमार हो या तकलीफ़ पाये या हाकिमे वक्त मुंहरिफ हो जाय़े।

121. मुँछ चढ़ाये देखना

कोशिश से मुराद बर आये दिलेरी से मालो दौलत मिले।

122. मुँछ उख़ाड़ते देखना

फिक्रो तरद्दुद में मुब्तला हो रंजो अलम हो

123. मुँछ अपनी सफैद देखना

जुल्मते कुफ्र दफा हो जाये सुबहे उम्मीद जल्वा दिखाये।

124. मुँछ कतरना

खूबी व बेहतरी की दलील है।

125. मुँछ दराज़ देखना

दौलतो हशमत बढ़े।

126. मेखे आहन पीठ मे चुभते देखना

फ़रज़न्दे आलीजाह हो आलिम या हाकिम पैदा हो।

127. मेख़ दीवार में ठोंकना

मर्दे बुजुर्ग से दोस्ती हो।

128. मीख ज़मीनमें ठोंकना

औरत बाकिरा से मोहब्बतहो पहले कुछ रंज फिर राहत मिले।

129. मशअल अपने हाथ में देखना

बादशाह से मालो दौलत मिले सरफ़राज़ी व राहत व इज़्ज़त मिले।

130. मकतब देखना

इल्मों हुनर में ताक नेक कामों में शौहरा आफ़ाक़ हो।

131. मखियाँ देखना

मकरूहाते दुनिया दरपेश हो या किसी हाकिम का मुलाज़िम हो।

132. मंज़ज पीना

जियार तंदरूस्ती पाये इस्लाहे कारोबार हो जाये।

133. मातम करना

खुशी हासिल होने से ताबीर है।

134. (पेशानी) देखना

इज़्ज़तो मर्तबा से ताबीर है।

135. मारना

किसी को मारनाकिसी अमीर शख्स से नफा पहुँचे।

136. माजू

अगर दरख़्त सेमाजू जमा करता देखे तो रंज और सख़्ती से माल जमा करने के मुतरादिफ है।

137. माल देखना

रंजो ग़म से निजात पाये और खैर व बरकत हासिल होने के मुतरादिफ है।

138. मिटटी का तेल देखना

नाबकार औरत से ताबीर है।

139. मटका देखना

ऐसे मुनाफिक़ से ताबीर है जिससे माल ज़ाया होने का अन्देशा है।

140. मजलिसे इल्मो अदब

अगर ख़्वाब में किसी मजलिसे अदब में देखे तो किसी इमारत की तामीर करने का मोजिब है।

141. मजलिसे शराब

अगर कोई ख़्वाब में शराब की महफिल देखे और शराब न पिये तो हराम और फित्ना व फसाद में गिरफ़्तार हो।

142. महल

ख़्वाब में महल में जाना और मौजूद होना माले मतलूबा हासिल होने से ताबीर है।