नुस्ख़हाए जामेअ

इमाम अली नक़ी अलैहिस्सलाम ने जो दवाए जामा इरशाद फ़रमाई वह यह है -

सम्बल (सन्बलुत्तबीब) एक तोला, ज़ाफ़रान एक तोला, क़ाक़्ला (इलाएची) एक तोला, ख़रबक़ सफ़ेद एक तोला, अजवाएन ख़ुरासानी एक तोला, फ़लफ़ल सफ़ेद एक तोला यानी हर चीज़ का वज़्न बराबर। और यह सब एक हिस्सा इसके बराबर एक हिस्सा यानी छः तोले फ़रफ़्यों को मिलाकर ख़ूब कूट छान कर दो हिस्सा यानी बारा तोले शहद (कफ़ गिरफ़ता यानी झाग उतारा हुआ) के साथ मिलाकर (चने के दाने के बराबर) गोलियां बना लें और


1- सांप, बिच्छू वग़ैरा के काटे हुए मरीज़ को एक गोली हींग के पानी के साथ खिलाएं।


2- संगे मसाना (पथरी) के लिये एक गोली मूली के अर्क़ के साथ खिलाएं।


3- लक़वा और फ़ालिज के लिये एक गोली आबे मर्ज़़न्जोश (तकसी बूटी के अर्क़) के साथ नाक में टपकाएं।


4- दफ़ाए हेफ़क़ान (दिल की बेचैनी और घबराहट वग़ैरा) के लिये एक गोली ज़ीरा के ख़ुशान्द़ह के साथ खिलाएं।


5- सर्दी मेदा के लिये एक गोली ख़ु़शान्दहे ज़ीरा के साथ खिलाएं।


6- दाएं पहलू के दर्द के लिये तरकीब बाला पर अमल कराएं।


7- अगर बाएं पहलू में दर्द हो तो यही गोली रेशए कर्फ़स (एक दवा का नाम है) को जोश कर्दा पानी से इस्तेमाल कराएं।


8- मर्ज़े सिल के लिये एक गोली गर्म पानी के साथ खिलाएं।