अलहसनैन इस्लामी नेटवर्क

महिला जगत- 25

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रात का समय था, चोर धीरे धीरे एक घर की ओर बढ़ रहा था, अचानक उसने देखा घर का दरवाज़ा थोड़ा सा खुला था वो धीरे से उसमें घुस गया। अन्दर कोई नहीं था। अवसर को हाथ से नहीं जाने देना चाहता था, जल्दी जल्दी सामना उठाकर बाहर एक अंधेरे कोने में एकत्रित करने लगा। घर का स्वामि थोड़ी दूर पर खड़ा अपने एक मित्र से बात कर रहा था। उसने देख लिया था कि चोर घर का समान ला लाकर बाहर रख रहा है। वो चुपके से घर में गया और कम्बल ओढ़ कर लेट गया। चोर जब अन्दर आया तो उसने उसे लेटा देख कर कहा कि तुम यहॉ पर क्या कर रहे हो?
वो व्यक्ति बोला कि मैने सोचा कि यदि तुम्हें सामान ले जाने में सहायता की आवश्यकता होगी तो में तुम्हारी सहायता कर दूंगा। यह मज़ाक़ सुनकर चोर लज्जित हुआ और उसका सभी सामान लाकर वापस रख दिया।

कुछ लोगों का विचार है कि यदि कठोर और भारी भरकम शब्दों का प्रयोग नहीं करें गे तो कोई उनका सम्मान नहीं करे गा और उन्हें लोग कोई महत्व नहीं देंगे। परन्तु यह विचार सही नहीं है।
लोग ऐसे लोगों को पसन्द नहीं करते जो सदैव गंभीर और गूढ़ बातें करते हैं। बात करते समय हल्के फुलके चुटकुलों का प्रयोग और मज़ाक़ करना अच्छी बात है। इस प्रकार की बातें करने वाले जिस स्थान पर भी बैठ जाएं स्भी को हंसाते हैं और लोग भी उनकी संगत को पसन्द करते हैं।
मज़ाक़ करना या विनोदी स्वभाव का स्वामी होने का अर्थ यह है कि आप अपने अस्तित्व से बाहर आएं निष्पक्ष रूप से स्वंय पर दृष्टि डालें और स्वंय को गंभीरता से न लें या दूसरे शब्दों में आप स्वंय पर हंस सकते हों। ऐसा करने से जब आप को किसी गंभीर या बड़ी समस्या का सामना होगा तो आप उस समस्या और स्वंय के बीच एक दूरी निर्धारित करें और स्वंय को उससे संबंधित न मानें।
इस प्रकार यदि उस समस्या का सामना कुछ अन्य लोगों को भी हो तो उनसे निपटना उनके लिए भी सरल हो जाए गा।

सामान्यत: मज़ाक़ , इससे पहले कि किसी को ज़ोर से हंसाए होठों पर मुस्कान ले आता है।
बहुत ही कम ऐसा होता है कि हम बिनाठहाके लगाए हंसे। क्योंकि हंसी का अर्थ ही ठहाके लगा कर हंसना है, इससे हम अपनी बहुत सारी उन भावनाओं एवं कल्पनाओं को भूल जाते हैं जो हमें काफ़ी समय से परेशान किए हुए होती हैं। इसके अतिरिक्त जब कोई मज़ाक़ करता है तो उस क्षण मनुष्य पूर्ण रूप से स्वतन्त्रता का आभास करता है। जिन भावनाओं एवं विचारों ने हमें परेशान कर रखा था, हंसी और मज़ाक़ के विस्फ़ोट में दब जाती हैं और मनुष्य स्वंय को हल्का और दुखों से मुक्त पाता है।
अपने को गंभीर और अलग थलग रखने वालों के लिए आप का विनोदी स्वभाव बहुत महत्वपूर्ण समाधान हो सकता है और उनके तनाव को समाप्त किया जा सकता है। यदि आप किसी ऐसे व्यक्ति के साथ सम्पर्क स्थापित करना चाहते हैं तो मज़ाक़ सबसे उत्रम मार्ग है। इससे वो आप की ओर ध्यान देगा।

यदि आप चाहते हैं कि कोई ऐसा काम करें जिससे लोग आराम का आभास करें तो प्रेम से भरे हुए मज़ाक़ द्वारा आयु, शिक्षा स्तर, सामाजिक वर्ग और रूचियों जैसी रूकावटों को सरलता से भूलाया जा सकता है। यदि कोई ऐसा अवसर आ पड़े कि आप को किसी सभा में बोलना है और आप को घबराहट हो रही है तो मज़ाक़ करके घबराहट दूर कीजिए और लोगों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित कीजिए। इस प्रकार हम देखते हैं कि मज़ाक़ , व्यक्तिगत संबंधों की सफलता की गारेन्टी है।
मज़ाक़ की प्रवृत्रि जिन लोगों की होती है या जो विनोदी स्वभाव के होते हैं, उनमें रचनात्मक गुण होते हैं। अपनी इस प्रचृत्रि को विकसित करने के लिए मज़ाक़ करने और हंसने हंसाने को अपना अधिकार समझिए। यदि आप उन लोगों में से हैं जो दिन भर में कम से कम एक बार ह्रदय की गहराइयों से हैं, तो निश्चित रूप से आप का जीवन शन्ति एवं स्थिर्ता पूर्ण है। क्योंकि यह तो सभी जानते हैं कि मज़ाक़ दूसरों को हंसाने के लिए ही किया जाता है। यहॉ तक कि आप ने स्वंय यह अनुभव किया होगा कि किसी मज़ाक़ या चुटकुले को याद करके आप एकान्त में भी हंसने लगते हैं।

आज हम एक संकट गृष्त संसार में जी रहे हैं, प्रति दिन हमें ऐसे टृष्य दिखाई देते हैं जो अत्यन्त दुखदाई हैं जैसे अकाल, युद्ध, संक्रामक रोगों का फैलना, लोगों की हत्या, प्राकृतिक आपदाएं और ऐसी ही अनेक चीज़ें। इस आधार पर ख़ुश करने वाली बातें बहुत कम हैं। इसलिए मज़ाक़ करना और हंसना बहुत आवश्यक हैं। प्रयास कीजिए कि हंसने का कोई अवसर हाथ से न निकलने पाए। शायद कुछ लोग आप को हंसता देख कर हंसने लगें या कुछ कहें कि यह व्यक्ति पागल हो गया है। परन्तु आप को इन लोगों की बातों पर ध्यान नहीं देना चाहिए।
किसी दुखी या परेशान व्यक्ति को हंसाने से उसमें एक ताज़ी जान पड़ जाती है। फिर वो अपनी समस्या का समाधान करने में भी सक्षम हो जाता है और दूसरों की सहायता भी कर सकता है।
वैसे भी घमण्डी या बुरे स्वभाव वाले व्यक्ति से सभी दूरी करते हैं। लोग ऐसे व्यक्तियों को अधिक पसन्द करते हैं जो परेशानियों में भी हंसते रहते हैं। ऐसे लोगों की संगत में आप अपनी परेशानियां भूल जाते हैं और जीवन का आनन्द उठा सकते हैं।

इसी लिए मज़ाक़ और हंसने का जीवन में बहुत महत्व है। मज़ाक़ यदि उचित स्थान और उचित समय पर किया जाए तो इससे कई झगड़ों को भी समाप्त किया जा सकता है। आप तो जानते ही हैं कि लड़ाई झगड़ों पर यदि नियंत्रण न किया जाए तो यह कितने ख़तरनाक हो सकते हैं। आप को अपने उद्देश्य तक पहुंचने से रोक देते हैं और कभी कभी किसी मित्र या प्रिय साथी को गंवा बैठने का कारण भी बन जाते हैं।
यदि आप चाहते हैं कि विनोदी प्रकृत्रि के बनें और दूसरों को अपने मज़ाक़ से हंसाएं तो सबसे पहले यह ध्यान रखिए कि आप के सामने वाला कोन हैं, उसका स्वभाव कैसा है और आप का मज़ाक़ किस सीमा तक उसको प्रभावित करे गा। कहीं ऐसा न हो कि जिससे आप मज़ाक़ कर रहे हों वो स्वंय को दूसरों की हसीं का कारण समझ कर दुखी हो जाए, ध्यान रखिए कि ऐसा मज़ाक़ न किया जाए जिससे कोई दुखी हो जाए। सबसे उपयुक्त यह है कि मज़ाक़ करते समय हम अपनी बात करें और दूसरों को हंसाएं। ऐसे मज़ाक़ प्रति दिन हम पत्र पत्रिकाओं में पढ़ते और हंसते हैं। और चूंकि ये किसी विशेष व्यक्ति लिए नहीं होते इसलिए इनसे कोई दुखी भी नहीं होता।

मज़ाक़ करते करते व्यक्ति को इसमें दक्षता प्राप्त हो जाती है। फिर वो ये भी समझने लगता है कि किस स्थान पर कैसा मज़ाक़ किया जाए। लोग भी ऐसे व्यक्ति से प्रेम करते हैं। यहॉं तक कि वो मज़ाक़ में बहुत सी ऐसी बातें भी वह देता है जो सामान्य स्थिति में नहीं कही जा सकती थी। परन्तु याद रखिए कि मज़ाक़ करना एक ऐसी कला है जिससे आप अपने सहित दूसरों के जीवन में भी ख़ुशियां भर सकते हैं।

 

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