हज़रत आयतुल्लाहिल उज़मा हाज शेख लुत्फ़ुल्लाह साफ़ी गुलपायगानी

हज़रत आयतुल्लाहिल उज़मा साफ़ी गुलपायगानी का जन्म सन् 1337हिजरी क़मरी मे जमादीयुल अव्वल मास की 19वी तारीख को गुलपायगान नामक शहर के एक रूहानी परिवार मे हुआ था। उनके पिता आयतुल्लाह आखुन्द मुल्ला मुहम्मद जवाद साफ़ी गुलपायगानी एक वरिष्ठ आलिम थे उन्होने ने बहुत सी किताबें भी लिखी हैं।
आयतुलस्लाहिल उज़मा लुत्फ़ुल्लाह साफ़ी गुलपायगानी ने अदबयात, कलाम, तफ़्सीर व हदीस का ज्ञान गुलपायगान मे अपने पिता व अखुन्द मुल्ला अबुल क़ासिम से( जो कि क़ुतब के नाम से प्रसिद्ध थे) प्राप्त किया।

बाद मे वह होज़े इल्मिया क़ुम मे आये और यहाँ पर उन्होने आक़ा मुहम्मद तक़ी खुवानसारी,आक़ा सैय्यिद मुहम्मद हुज्जत कोह कमरी,आक़ा सैय्यिद सदरूद्दीन सद्र आमुली,आक़ा हाज सैय्यिद मुहम्मद हुसैन बरूजर्दी,आक़ा हाज सैय्यिद मुहम्मद रज़ा गुलपायगानी से ज्ञान लाभ प्राप्त करके नजफ़ की ओर प्रस्थान किया। तथा होज़े इल्मिया नजफ़ मे रह कर आक़ा शेख मुहम्मद काज़िम शीराज़ी, आक़ा सैय्यिद जमालुद्दीन गुलपायगानी व आक़ा शेख मुहम्मद अली काज़मी के दर्सों से अपने ज्ञान मे वृद्धि की। आयतुल्लाह साफ़ी गुलपायगानी; ने 17 वर्षों तक आयतुल्लाहिल उज़मा बरूजर्दी की सेवा मे रह कर ज्ञान लाभ प्राप्त किया।आयतुल्लाह साफ़ी गुलपायगानी उस समय होज़े इल्मिया क़ुम के उन गिने चुने विद्वानो मे थे जो दर्से खारिज मे शिरकत करने वाले तालिबे इल्मों का इम्तिहान लिय़ा करते थे। वह इंक़ेलाबे इस्लामी की सफलता के बाद ईरान का संविधान लिखनी वाली कमैटी मजलिसे खुबरगान के सदस्य के रूप मे चुने गये। जब इमाम खुमैनी रिज़वानुल्लाह तआला अलैह की ओर से शुराए निगेहबान बनाई गयी तो वह उसके एक सदस्य के रूप मे चुने गये तथा कई वर्षों तक उसके सिक्रेटरी के पद पर भी कार्यरत रहे।
आयतुल्लाहिल उज़मा साफ़ी गुलपायगानी की रचनाऐं

आयतुल्लाहिल उज़मा साफ़ी गुलपायगानी की बहुत सी रचनाऐं हैं उनमे से मुख्य इस प्रकार हैं।

1-इमामत व महदवियत

2-शरहे हदीस अर्ज़े दीन

3-नवीदे अमनो अमान

4-फ़रोग़े विलायत दर दुआ-ए-नुदबा

5-विलायते तकवीनी व विलायते तशरीई

6-अक़ीदा ए निजात बख्श

7-निज़ामे इमामत व रहबरी

8-असालते महदवीयत

9-पैरामूने मारफ़ते इमाम