निजासत साबित होने के तरीक़े

*(म.न. 122) हर चीज़ की निजासत तीन तरीक़ो से साबित होती है।


1) इंसान को ख़ुद यक़ीन व इतमिनान हो कि वह चीज़ नजिस है। अगर किसी चीज़ के नजिस होने के बारे में सिर्फ़ गुमान हो तो उस चीज़ से परहेज़ करना लाज़िम नही है। लिहाज़ा चाय की दुकानों और होटलों में जहाँ पर लापरवाह किस्म के ऐसे लोग खाते पीते हैं जो निजासत व पाकीज़गी का लिहाज़ नही रखते उस वक़्त तक खाना खाने और चाय पीने में कोई हरज नही है जब तक इंसान को यह यक़ीन न हो जाये कि जो खाना उसके लिए लाया गया है नजिस है।


2) किसी के पास कोई चीज़ हो और वह उस चीज़ के बारे में कहे कि यह नजिस है और वह शख़्स झूट भी न बोलता हो तो वह चीज़ नजिस है। मसलन अगर किसी शख़्स की बीवी या नौकर कहे कि यह चीज़ जो मेरे पास है नजिस है तो वह चीज़ नजिस मानी जायेगी।


3) अगर दो आदिल आदमी किसी चीज़ के बारे में कहें कि यह नजिस है तो वह नजिस मानी जायेगी इस शर्त के साथ कि वह इस के नजिस होने की वजह बयान करें।


(म.न. 123) अगर कोई शख़्स मसला न जान ने की बिना पर यह न जान सके कि यह चीज़ नजिस है या पाक तो उसे चाहिए कि मसला मालूम करे जौसे उसे यह मालूम न हो कि चूहें की मेगनी पाक है यै नजिस तो उसके लिए ज़रूरी है कि वह इस बारे में मसला मालूम करे । लेकिन उगर मसला जानता हो और किसी चीज़ के बारे में शक करे कि पाक है या नजिस मसलन उसे शक हो यह चीज़ ख़ून है या नही या यह न जानता हो कि मच्छर का ख़ून है या इंसान का तो वह पाक माना जायेगा और उसके बारे में छान बीन करना भी लाज़िम नही है।


(म.न. 124) अगर किसी नजिस चीज़ के बारे में शक हो कि (बाद में) पाक हुई या नही तो वह चीज़ नजिस है।इसी तरह अगर किसी पाक चीज़ के बारे में शक हो कि (बादमें) नजिस हो गई है या नही तो वह पाक है। अगर कोई शख़्स इन चीज़ों के नजिस या पाक होने के बारे में पता भी लगा सकता हो तो तब भी छान बीन ज़रूरी नही है।


(म.न. 125) अगर कोई शख़्स जानता हो कि यह दो बरतन या दो कपड़े जो उसके इस्तेमाल में है इन में से एक नजिस हो गया है लेकिन उसको यह पता न हो कि इनमें से कौनसा नजिस हुआ है तो दोनो से ही परहेज़ ज़रूरी है।और अगर उसके पास दो कपड़े हो एक उसका अपना और एक दूसरे का और उसको यह पता न चले कि उसका अपना कपड़ा नजिस हुआ है या वह कपड़ा जिसको वह इस्तेमाल नही करता और वह किसी दूसरे इंसान का माल है तो यह ज़रूरी नही है कि अपने कपड़े से परहेज़ करे।


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[1] ख़ूने जहिन्दा दार उन जानवरो को कहा जाता जिनकी रग काटने पर ख़ून उछल कर निकलता है।