दावत नमाज़ की

देता हूँ दोस्तों तुम्हें दावत नमाज़ की

तकदीर वाले पाते हैं दौलत नमाज़ की


जिस घर के लोग करते हैं इज्ज़त नमाज़ की

उस घर में पाइ जाती है बरकत नमाज़ की


दोनों जहां में रहता है वो आन शान में

करता है जो भी आदमी इज्ज़त नमाज़ की


मेरा ना हो यकीन तो ऐ मेरे दोस्तों

पूछो किसी नमाजी से ताक़त नमाज़ की

 

प्यारे नबी की आल ने सजदे मे दिया सर

इससे बुलंद होगी क्या अज़मत नमाज़ की


दुनिया में उसके जैसा कोई आदमी नहीं

मिल जाए जिसको दोस्तों नेमत नमाज़ की


पढ़लो पढ़ने वालों गर अल्लाह करम करें

कुरआन में लिखी है फज़ीलत नमाज़ की


ऐसे भी कुछ मकाम है इस बज़्मगाह में

घर घर में पाइ जाती है बरकत नमाज़ की


छोड़ोगे तो पछताओगे ऐ मेरे दोस्तों

किस्मत से हाथ आती है दौलत नमाज़ की