अलहसनैन इस्लामी नेटवर्क

रहबर है मुस्तुफा

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इंसानियत के हादीओ रहबर है मुस्तुफा

दरयाए मारेफत के शनावर है मुस्तुफा

खत्मे रसुल है खास्साऐ दावर है मुस्तुफा

मौलाए जा है शाफाऐ महशर है मुस्तुफा


खल्लाक़े दोजहाँ ने इन्हे मुस्तुफा किया

कौनेन का अमीर किया पेशवा किया
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औसाफ क्या बयां हो रसूले करीम के

परदे उठाऐ कौन अलिफ लाम मीम के

खोऐ हुऐ हवास है फ़िर्के सलीम के

सरकार ताजदार है ख़ुल्के अज़ीम के


अल्लाह मदहा खां है रिसालत मआब का

क़ुरआन पढ़ रहा है क़सीदा जनाब का
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उनकी फ़ज़ीलतो का ठिकाना कोई नही

कौनो मकां मे उनसा नही दूसरा हसीं

उनके लिऐ बिछाई गई मसनदे यक़ीं

ये वाक़ई है बुर्जे शरफ के मऐ मुबीन


चश्मा है ये उलूम का मरकज़ कमाल का

इनका जवाब है न जवाब इनकी आल का
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इस्मत है इनकी लुत्फे खुदा वंदे ज़ुलजलाल

सीरत है इनकी आयते ततहीर का जमाल

इज़्ज़त है इनकी ऐसी के जिसको नही ज़वाल

हुरमत है इनकी ऐसी, नही जिसमे क़ीलो क़ाल


मजमुआऐ सिफात है, रिफअत का बाम है

ये फ़ख्रे काय़नात है आली मक़ाम है
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वासिफ ये मरतबा है रसूले अनाम का

भेजा है रब ने तोहफा दुरुदो सलाम का

इन पर है इख्तेताम इलाही पयाम का

क़ायम है इनसे हुस्न हक़ाए दवाम का


आलम मे इनकी ज़ात सिराजे मुनीर है

ये वो किताब लाऐ के जो बेनज़ीर है

 

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