उस्ताद हुसैन अंसारीयान का यमन के मुसलमानो को पैग़ाम

बिस्मिल्ला हिर्रहमा निर्रहीम

 

तीन सौ साल से ज़्यादा से दुनियाऐ इस्लाम सामराज्यी भेड़ीयो के चंगुल मे फसी हुई है कि जो मुसलमानो के खज़ानो के लूटते और मुसलमान मर्दो, औरतो और बच्चो के खून को बहाते चले आ रहे है लेकिन अफसोस की बात है मुसलमान हुकुमते बजाऐ इसके कि इन लोगो को अपने से दूर करे और अपने मुल्क मे रहने वालो पर तवज्जो करे, इनके ग़ुलामो और नौकरो की तरह मुसलमानो के कीमती ख़ज़ानो को ग़ारत करने और बेगुनाहो का खून बहाने मे शिद्दत के साथ लगे हुऐ है।

 

सामराज्यी ताक़तो का रिश्ता सामराज्य के पुराने भेड़ीयो इंलैण्ड, फ्रांस और बेल्जिम से शूरू से रहा है और तक़रीबन दो सौ साल से बहुत ही खतरनाक और बेरहम अमरीका के पंजो मे पड़ गया है अमरीका के जुर्म गिने नही जा सकते कि उनमे से एक ये है कि वो ग़ासिब, चोर और क़ातिल इस्राईली हुकुमत को हमेशा बचाता आया है अमरीका की खतरनाक पिट्ठुऔ मे से एक आले सऊद है कि हुकुमते आले सऊद ब्रिटिश हुकुमत के कमज़ोर होने के बाद अमरीका की गोद मे बैठ गई है और उनकी नौकरी और अक़ीदतमंदी शदीद तरीक़े से सीख ली है।   

 

आले सऊद पक्के सूबूतो की बुनियाद पर खैबर के यहूदीयो की एक शाख़ है कि जिन्होने इस हक़ीक़त के दस्तावेज़ो और इस बारे मे आलमे इस्लाम मे छपने वाली किताबो को छपने से पहले ही बड़ी कीमत दे कर खरीद लिया है और इसी तरह के दस्तावेज़ो और सूबूतो के हवाले से हुकुमते इस्राइल के बनने मे इनके बाप और दादा अब्दुल अज़ीज़ इब्ने आले सऊद का हाथ है और ये हर काम मे इस्राइल के साथ सबसे पहले अहदो पैमान करने वालो मे से थे। 

 

इनका मज़हब वहाबियत के नाम से मशहूर है कि जो इब्ने तीमीया की किताबो से लिया गया हैं कि बहुत सारे अहलेसुन्नत ओलेमा ने इब्ने तीमीया के कुफ्र का फतवा दिया हैं ये लोग कि जो ब्रिटेन, सामराज्यवाद और अमरिका और इब्ने तीमीया और मौहम्मद बिन अब्दुल वहाब के तरबीयत किऐ हुऐ बहुत सख्त, बेरहम, घमंडी औऱ बदअख़लाक़ और सऊदी अरब के तेल के कुओ को ग़ारत करने वाले और सारे मुसलमानो उसमे चाहे सुन्नी हो या शिया हो या किसी भी फ़िरक़े के हो सब के सख्त दुश्मन हैं अगर इन्हे मौक़ा मिले तो मकतबे शैतान परस्ती की बुनियाद पर और अमरीका व इस्राइल की फरमांबरदारी करते हुऐ खानाऐ काबा और रोज़ाऐ रसूले इस्लाम (स.अ.व.व) को वीरान करके मिट्टी मे मिला दें और सऊदी अरब और सारे इस्लामी मुल्को मे तमाम इस्लामी इमारतो को तोड़ दे ये लोग सब आज़ादी चाहने वालो और उन क़ौमो को कि जो ये चाहती है कि उनका भविष्य खुद उनके हाथ मे हो और जो बेदारीऐ इस्लामी के साये मे आ गये है, के सख्त दुश्मन है 

 

आज जो बाते ज़िक्र हुई है उनको यमन के आज़ादी तलब मुसलमाने पर होने वाले बेरहम और सख्त हमलो मे देखा जा सकता है कि जैसा की सुप्रीम लीडर आयतुल्लाह ख़ामेनेई ने फरमाया है कि आले सऊद का यमन के आज़ादी चाहने वाले मुसलमानो के साथ बरताव वहशीयाना है ख़बीस आले सऊद की नज़र मे यमन के बेदार, बा बसीरत और आगाह लोगो का जुम्र और गुनाह सिर्फ ईमान, नेक अमल और आज़ादी की चाहत है।

 

इस जुर्म मे असहाबे उखदूद (कि जो मोमीन थे) की तरह, बेरहम यहूदी और खुदा व नबीयो और क़ुरआन के दुश्मन, काफिर वहाबीयो की लगाई आग मे दूध पीते या क्लासो मे पढ़ने वाले बच्चो, जवानो, बूढ़ो और मर्दो औरतो सभी को दिन रात जलना पड़ेगा और इन सब ज़ुल्मो के सामने तेल के पैसे की रिश्वत की वजह से अंतरराष्ट्रीय संगठन भी ख़ामोश रहे और एक लफ्ज़ भी मानव अधिकार के नाम का सुनाई न दे और एक बात भी उनकी मुख़ालेफत मे न मिले

 

और तुम ऐ यमन के पाकतीनत मुसलमानो। तुम ऐ आज़ादी चाहने वाले बा करामत लोगो। तुम ऐ खुदा के लिऐ खड़े होने वाले और अपने मुल्क की आज़ादी के लिऐ सामाराज्य और उन के बेरहम साथी अलक़यदा और दाईश से लड़ने वाले लोगो

 

यकीन रखो कि खुदा और उसके सारे मोमीन बंदे चाहे वो दुनिया के किसी भी कोने मे क्यूं न हो तुम्हारे साथ और तुम्हारे मददगार है तुम्हारे बेरहम दुश्मन आले सऊद की हार यक़ीनी और तुम्हारी जीत पक्की है और ये ऐसी बात है कि जिसे मज़लूम और ज़ालिम के इतिहास ने साबित किया है

 

और हम ईरानी अपनी हर मजलिस, मस्जिद और दुआ के वक़्त तुम्हे याद करते है और ख़ुदा वंदे आलम से तुम्हारी कामयाबी के लिऐ रो रो कर दुआ मांगते है।

 

क़ुम 11 अप्रैल 2015

 

ख़ादीमे क़ुरआन व अहलैबैत

हुसैन अंसारीयान