असबाबे ख़ैरो बरकत

(1)दस्तरख़ान का दाना चुन कर अदब से खाना।

 

(2)ख़ुदा का शुक्र करना।

 

(3)सच बोलना।

 

(4)बा वुज़ू होना।

 

(5)ख़्यानत से बचना।

 

(6)बहुत अस्तग़फ़ार करना।

 

(7)रोज़ी की तलाश में सुबह जाना।

 

(8)मोमिन की हाजत रवाई करना।

 

(9)घर साफ़ करना।

 

(10)सफाई से रहना।

 

(11)बाद नमाज़ दुआऐ पढ़ना।

 

(12)अज़ीज़ो और वालेदैन के साथ एहसान करना।

 

(13)तिलावते क़ुरआन करना।

 

(14)बा तहारत रहना।

 

(15)सुबह को सूराऐ यासीन और तबारकल्लज़ी और एशा के वक़्त सुराऐ वाक़ेआ पढ़ना।

 

(16)नमाज़ पंजगाना बा ख़ुज़ू व ख़ुशू पढ़ना।

 

(17)क़ब्ले ग़ोरूब चिराग़ जलाना।

 

(18)मस्जिद में अज़ान देना।

 

(19)मस्जिद में झाङू देना रौशनी करना।

 

(20)बहुत सवेरे उठना।

 

(21)याक़ूत या फ़िरोज़े की अंगूठी पहनना।

 

(22)खाने के क़ब्ल और खाने के बाद हाथ धोना।

 

(23)मोमिन ज़िन्दा और मुर्दा के लिये दुआ करना।

 

(24)ज़कात देना।

 

(25)मजलिसें अज़ा और कारे ख़ैर में सर्फ़ करना।