सिफाते जमाल व कमाले ख़ुदा

सिफाते जमाल व कमाले ख़ुदा





ख़ुदा वन्दे आलम एक व एकताई है और समस्त की समस्त अच्छी गुणावली उस के भीतर उपस्थित है, उदाहरणः


ज्ञानः ज्ञान का अर्थ है, कि अल्लाह समस्त जहान के मख्लूक़ को चाहे वह बड़ा हो या छोटा या कहीं भी हो हत्ता इंसानों के दिलों में वह उस चीज़ को भी ज्ञान रख़ता है।


शक्तिः शक्ति का अर्थ हैं, कि वह समस्त चीजों पर शक्ति रख़ता हैः पृथ्वी को ख़ल्क करना, रुज़ी, मौत दिलाना और ज़िन्दा करना उस कि ताक़त की उदाहरण हैं. और समस्त मख्लूक़ को वजूद में लाया है।


हायातः उसकी ज़िन्दगी सब समय से है और सब समय रहेगी, और यह संभव नहीं है कि गैर हयात के कोई भी चीज़ ज़िन्दगी का मज़ा चाखे. उसके ज्ञान व क़ुदरत उसकी हयात के साथ है और शक्ति व क़ुदरत के बगैर हयात के कोई अर्थ नहीं रख़ता. और क़ाबिले क़बूल भी नहीं है।


चाह- ईरादाः अल्लाह के लिए किसी चीज़ को चाहना व ईरादा करने का प्रमाण यह हैं की वह समस्त कामों में मजबूर नहीं है, वह एक फ़ूल के उदाहरण नहीं है की वगैर ईख़तियार व ईरादह के ख़ूश्बु दें।


ईद्राकः यानी वह समस्त चीजों को दिख़ता और प्रत्येक शब्दों को सूनता है, चाहे वह शब्द अहिस्ता क्यों न हो।


क़दीमः वह सब समय से है और सब समय रहेगा क्योंकि यह पृथ्वी वजूद में नहीं थी लेकिन वह वजूद में लाया, हदस व इस्तेक़लाल नहीं थी, लेकिन हर हदस व इस्तेक़लाल आपरों के नियाज़मन्द है, और हर वजुदे ज़िन्दगी अल्लाह से सम्पर्क रख़ता है, और यही वजह है कि समस्त वजुदे ज़िन्दगी अल्लाह के मोहताज है, वह क़दीम है हमेंशा से है और हमेंशा रहेगा।


तकल्लूमः यानी किसी चीज़ में शब्द पैदा करना, औरं जिस समय व जिस पाक व ख़ालिस बान्दों में चाहे, पैग़म्बरे या फरिश्ते से बात करता है यानी अवाज़ को पैदा करता है।


सादिक़ः जो कुछ वह फरमाता हैः वह सच-मूच और सही होता हैं. और किसी समय आपने वादे की ख़िलाफ़ वर्ज़ि नहीं करता, किसी चीज़ को पैदा करना, रुज़ी देना, वजूद में लाना, किसी को क्षमा करना-माफ़ करना, करीम, व मेंहैरबान........है।