अलहसनैन इस्लामी नेटवर्क

रूहानी लज़्ज़ते

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क़ुरआने मजीद में जन्नत की जिस्मानी लज़्ज़तों की तरह बहुत सी रुहानी लज़्ज़तों का भी तज़किरा हुआ है जिन में से बाज़ यह है:


1. मख़्सूस ऐहतेराम: जन्नत में दाख़िल होते ही फ़रिश्ते उन का मख़सूस इस्तिक़बाल करेगें और हमेशा ऐहतेराम करेगें, हर दरवाज़े से फ़रिश्ते दाख़िल होगें और कहेगें कि दुनिया में इज़्ज़त और इस्तेक़ामत की वजह से तुम पर सलाम हो। (सूर ए राद आयत 23, 24)


2. मुहब्बत और दोस्ती का माहौल: बहिश्त में हर तरह की मुहब्बत और दोस्ती का माहौल होगा। (सूर ए निसा आयत 69)


3. ख़ुशी और मुसर्रत का अहसास: ख़ुशी और मुसर्रत की वजह से जन्नत वालों के चेहरे खिले होगें, उन की शक्ल व सूरत नूरानी, ख़ुश और मुस्कुराती हुई होगी। (सूर ए अबस आयत 39)


4. ख़ुदा वंदे आलम की ख़ुशनूदी: ख़ुदा के राज़ी होने का अहसास सबसे बड़ी लज़्ज़त है जो जन्नत वालों को हासिल होगी। (सूर ए मायदा आयत 119)


5. ऐसी नेमतें जिन का तसव्वुर भी नही किया जा सकता: जन्नत में ऐसी चीज़ें और नेमतें होगीं जिन का इंसान तसव्वुर भी नही कर सकता। पैग़म्बरे इस्लाम (स) फ़रमाते हैं कि जन्नत में ऐसी नेमते होगीं जिन्हे न किसी आँख ने देखा है और न किसी दिल में उन का ख़्याल भी आया होगा। (नहजुल फ़साहा हदीस 2060)


क़ुरआने मजीद में जन्नत की उन तमाम जिस्मानी व रूहानी लज़्ज़तों और नेमतों की वजह से मुसलमानों से कहा गया है:

لمثل هذا فلیعمل العاملون .

(अगर ऐसी जन्नत चाहिये तो अमल करने वाले वैसा ही अमल करें।)

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