नमाज़ से गुनाह माफ़ होते हैं





नमाज़ से गुनाह माफ़ होते हैं


क़ुरआने करीम के सूरए हूद की 114वी आयत मे नमाज़ के हुक्म के साथ ही साथ इस बात का ऐलान हो रहा है कि बेशक नेकियाँ बुराईयों (गुनाहो) को खत्म कर देती हैं।

हज़रत अली अलैहिस्सलाम फ़रमाते हैं कि “अगर गुनाह के बाद दो रकत नमाज़ पढ़कर अल्लाह से उस गुनाह के लिए माफ़ी माँगी जाये तो उस गुनाह का असर खत्म हो जाता है।”(नहजुल बलाग़ा कलमाते हिकमत299)

रसूले अकरम सल्लल्लाहु अलैहि वा आलिहि वसल्लम फ़रमाते हैं”कि दो नमाज़ो के बीच होने वाला गुनाह माफ़ कर दिया जात