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असर की नमाज़ की दुआऐ

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असर की नमाज़ पढने के पहले की नाफ़िलह नमाज़ :

 
8 रक्'अत नमाज़ (2-2 रक्'अत में….2x4) जोहर की नाफ़िलह नमाज़ पढ़ें! इसे असर की नमाज़ से से पहले पढने की ताकीद की गयी है।
 

इमाम जाफ़र अल-सादिक़ (अ:स) ने फ़रमाया की जो भो शख्स असर की नमाज़ के बाद 70 मर्तबा असत्ग'फ़िरुल्लाह - َ (मैं अल्लाह से माफ़ी चाहता हूँ ) पढेगा, अल्लाह उसके 700 गुनाह माफ़ कर देगा ! और अगर उसके किये गए गुनाह की तादाद इतनी ज़्यादा नहीं है तो अल्लाह उसके वालेदैन के या दोस्सरे करीबी रिश्तेदारों के 70 बार माफ़ कर देगा, इसके रोज़ी में तरक्क़ी होगी, और इसके वालेदैन को मग्फेरत व उसकी दुआएं पूरी होंगी

 
असर के नमाज़ के बाद, जैसा मिस्बाह-उल-मुतहज्जिद में लिखा है यह दुआ पढ़ें :
 
     
 
     
 

अल्लाहुम्मा सल्ले अला मोहम्मदीन व आले मोहम्मद

अल्लाहुम्मा सल्ले अला मोहम्मदीन व

आले मोहम्मद

 

बिस्मिल्लाहिर रहमानिर रहीम

बिस्मिल्लाहिर रहमानिर

रहीम

     

اسْتَغْفِرُ ٱللَّهَ ٱلَّذِي لاَ إِلٰهَ إِلاَّ هُوَ

अस्तग'फ़ेरो अल्लाहा अल'लज़ी

ला इलाहा इल्ला होवा 

इस खुदा से बख्शीश चाहता हूँ

जिसके सिवा कोई माबूद नहीं

ٱلْحَيُّ ٱلْقَيُّومُ

अल हैय्यो अल-क़ैय्युमो 

वो ज़िन्दा व पा'इन्दा है,

ٱلرَّحْمٰنُ ٱلرَّحِيمُ

अर'रहमानो अर-रहीमो 

बड़े रहम वाला मेहरबान

ذُو ٱلْجَلاَلِ وَٱلإِكْرَامِ

ज़ू'अल्जलाले वल इकरामे

साहिबे जलाल-ओ-अकराम है

وَ اسْالُهُ انْ يَتُوبَ عَلَيَّ

व अस'अलोहू अन यातुबो अलैय्या 

मैं इस से सवाल करता हूँ

تَوْبَةَ عَبْدٍ ذَلِيلٍ خَاضِعٍ

तौ-बता अब्दीन ज़लीलिन खाज़े-इन 

की वोह अपने आजिज़ खाज़े'अ

فَقِيرٍ بَائِسٍ

फ़क़ी'रिन बा'एसिन 

मोहताज, मुसीबत-ज़दा,

مِسْكِينٍ مُسْتَكِينٍ مُسْتَجِيرٍ

मिस'किनिन मुस्ता'किनिन मुस्ता'जीरिन

मिसकीन बेचारा, तालिब पनाह

बन्दे की तौबा कबूल फ़रमाये

لاَ يَمْلِكُ لِنَفْسِهِ نَفْعَاً وَلاَ ضَرّاً

ला यम'लेको ले'नफसिही नफ़'अन 

जो अपने नफ़ा व नुक़्सान

का मालिक नहीं है

وَلاَ مَوْتاً وَلاَ حَيَاةً وَلاَ نُشُوراً

व ला मौतन व ला हयातन वला नुशुरण

न ही अपनी मौत-ओ-हयात और

आख़ेरत पर इख्त्यार रखता है!

 

 फिर कहे :

اَللَّهُمَّ إِنِّي اعُوذُ بِكَ مِنْ نَفْسٍ لاَ تَشْبَعُ

अल्लाहुम्मा इन्नी अ'उज़ो'बेका

मिन नफ़्सिन ला तश'बा-

ऐ मेरे माबूद! मैं पनाह चाहता हूँ

सेर न होने वाले नफ़्स

وَمِنْ قَلْبٍ لاَ يَخْشَعُ

व मन क़लबिन ला यख़'शा-

खौफ न रखने वाले दिल,

وَمِنْ عِلْمٍ لاَ يَنْفَعُ

व मिन इलमिन ला यन'फ़ा-

नफ़ा न देने वाले इल्म,

وَمِنْ صَلاَةٍ لاَ تُرْفَعُ

व मिन सलातीन ला तुर'फ़ा-

कबूल न होने वाली नमाज़

وَمِنْ دُعَاءٍ لاَ يُسْمَعُ

व मिन दुआ'इन ला युस'मा-

और न सुनी जाने वाली दुआ से

اَللَّهُمَّ إِنِّي اسْالُكَ ﭐلْيُسْرَ بَعْدَ ﭐلْعُسْرِ

अल्लाहुम्मा इन्नी अस'अलुकल

युसरा बा'अदा अल-उसरे

ऐ माबूद! मैं तुझ से सवाल करता हूँ

की मुझे मुश्किल के बाद आसानी,

وَﭐلْفَرَجَ بَعْدَ ﭐلْكَرْبِ

वल'फरजा बा-अदा अल'करबे

दुःख के बाद सुख,

وَﭐلرَّخَاءَ بَعْدَ ﭐلشِّدَّةِ

वल'रख़ा-आ बा'अदा अल'शिद-दती

और तंगी के बाद फ़ाराखी दे,

اَللَّهُمَّ مَا بِنَا مِنْ نِعْمَةٍ فَمِنْكَ

अल्लाहुम्मा मा बिन मिन ने'मतिन फ़ा'मिन्का

या खुदाया! हमारे पास जो तेरी नेमत है

वो तेरी तरफ से है,

لاَ إِلٰهَ إِلاَّ انْتَ

ला इलाहा ईल्ला अन्ता

तेरे सिवा कोई माबूद नहीं,

اسْتَغْفِرُكَ وَ اتُوبُ إِلَِيْكَ

अस्तग'फ़िरुका व अतुबो इलैका

मैं तुझ से बख्शीश चाहता हूँ

और तेरे हुज़ूर तौबा करता हूँ 

 

3. सुरह अल-असर पढ़ें और फिर कहें :

     

अल्लाहुम्मा इन्नी अस'अलुकत तैय्येबाती व तरकल मुन्केराती व फ़ी-कक खैराति अन तग़'फ़िरा लना व तर'हमना

व अतूबो अलैना व तवफ़'फ़ना गैरा मफ़'तूबिन बे रहमतिका या अरहमर राहेमीन

 

4.  सुरह अल क़द्र पढ़ें (10 मर्तबा).

5 दुआ अल-अशरात पढ़ें

7. असर के नमाज़ के बाद ईमाम अली नक़ी (अ:स) की दुआ -  

6. इसके बाद आप सज्दा-ए-शुक्र अदा कर सकते हैं और जब मस्जिद से वापस जाने लगें तो पढ़ें :

اللَّهُمَّ دَعَوْتَنِي فَاجَبْتُ دَعْوَتَكَ

अल्लाहुमा दावत'नी फ़ा'अजब्तो दा'वतोका

 

وَصَلَّيْتُ مَكْتُوبَتَكَ

व सल्लैतो मकतू-बताका

 

وَٱنْتَشَرْتُ فِي ارْضِكَ كَمَا امَرْتَنِي

व अन-तशरतो फी अर्ज़ेका कमा अमर'तनी 

 

فَاسْالُكَ مِنْ فَضْلِكَ ٱلْعَمَلَ بِطَاعَتِكَ

फ़ा'अस-अलोका मिन फज़िल्का अल-अम्ला बे ता'अतिका

 

وَٱجْتِنَابَ مَعْصِيَتِكَ

व अज'तिनाबा मा-सी'अतिका

 

وَٱلْكَفَافَ مِنَ ٱلرِّزْقِ بِرَحْمَتِكَ

वल'कफ़ाफ़ा मिन अल-रिज़की बे रहमतिका

 
 
     

अल्लाहुम्मा सल्ले अला मोहम्मदीन व आले मोहम्मद

बिस्मिल्लाहिर रहमानिर रहीम

अस्तग'फ़ेरो अल्लाहा अल'लज़ी ला इलाहा इल्ला होवा अल हैय्यो अल-क़ैय्युमो अर'रहमानो अर-रहीमो ज़ू'अल्जलाले वल इकरामे व अस'अलोहू अन यातुबो अलैय्या तौ-बता अब्दीन ज़लीलिन खाज़े-इन फ़क़ी'रिन बा'एसिन मिस'किनिन मुस्ता'किनिन मुस्ता'जीरिन ला यम'लेको ले'नफसिही नफ़'अन व ला मौतन व ला हयातन वला नुशुरण

हिंदी तर्जुमा : इस खुदा से बख्शीश चाहता हूँ जिसके सिवा कोई माबूद नहीं, वोह ज़िन्दा व पा'इन्दा है, बड़े रहम वाला

मेहरबान साहिबे जलाल-ओ-अकराम है मैं इस से सवाल करता हूँ की वो अपने आजिज़ खाज़े'अ मोहताज,

मुसीबत-ज़दा, मिसकीन बेचारा, तालिब पनाह बन्दे की तौबा कबूल फ़रमाये जो अपने नफ़ा व नुक़्सान का मालिक नहीं है

न ही अपनी मौत-ओ-हयात और आख़ेरत पर इख्त्यार रखता है!

 

अल्लाहुम्मा सल्ले अला मोहम्मदीन व आले मोहम्मद

बिस्मिल्लाहिर रहमानिर रहीम

अल्लाहुम्मा इन्नी अ'उज़ो'बेका मिन नफ़्सिन ला तश'बा

व मिन क़लबिन ला यख़'शा-उ व मिन इलमिन ला यन'फ़ा।

व मिन सलातीन ला तुर'फ़ा-उ व मिन दुआ'इन ला युस'मा।

अल्लाहुम्मा इन्नी अस'अलुका अल-युसरा बा'अदा अल-उसर।

वल'फरजा बा-अदा अल'करबे वल'रख़ा-आ बा'अदा अल'शिद-दती

अल्लाहुम्मा मा बिन मिन ने'मतिन फ़ा'मिन्का

ला इलाहा इल्ला अन्ता अस्तग'फ़िरुका व अतुबो इलैका

हिंदी तर्जुमा : ऐ मेरे माबूद! मैं पनाह चाहता हूँ  सेर न होने वाले नफ़्स खौफ न रखने वाले दिल, नफ़ा न देने वाले इल्म,

कबूल न होने वाली नमाज़ और न सुनी जाने वाली दुआ से ऐ माबूद! मैं तुझ से सवाल करता हूँ की मुझे मुश्किल के बाद आसानी,

दुःख के बाद सुख, और तंगी के बाद फ़ाराखी दे, या खुदाया! हमारे पास जो तेरी नेमत है वोह तेरी तरफ से है,

तेरे सिवा कोई माबूद नहीं, मैं तुझ से बख्शीश चाहता हूँ और तेरे हुज़ूर तौबा करता हूँ

 

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