इमामे महदी(अ)के अंसार

सनने इब्ने माजा, रसूलल्लाह(स) इरशाद फ़रमाया: मशरिक़ से लोग ज़ाहिर होंगें और महदी की हुकुमत तसलीम करेंगें।

सबान ने इसआफ़ूर राग़ेबीन में बयान किया है कि रिवायत में वारिद हुआ है इमाम महदी(अ) के ज़हूर के वक़्त एक मलक आवाज़ देगा। यह महदी ख़ुदा का ख़लीफ़ा है पस तुम लोग इसकी इत्तेबा करो और महदी इनताकिया के ग़ार से ताबूते सकीना निकालेंगें। और शाम के पहाड़ से तौरेत की किताबों को निकालेंगें जिस की वजह से यहूदीयों पर आपकी हुज्जत क़ायम हो जायेगी। और उनमें से अकसर लोग ईमान ले आयेगें।

बग़वी की किताब मसाबीहुस सुन्ना में अबू सईद के वास्ते से पैग़म्बरे इस्लाम(स) से महदी के बारे में रिवायत की गयी हुज़ूर ने फ़रमाया: एक शख़्स सवाल करेगा या महदी मुझे कुछ अता करें चुनाँचे आप इस क़दर अता करेंगें जिस को वह संभालने रक क़ादिर नही होगा। और मुन्तख़बे कंज़ुल उम्माल में इस तरह है। हज़रत में फ़रमाया: मेरी उम्मत से महदी ज़हूर करेगा जो पाँच या सात या नौ साल ज़िन्दगी गुज़ारेगा उसके पास एक शख़्स आयेगा और कहेगा ऐ महदी मुझे अता कीजीये आप उसको अपने लिबास से इस क़दर अता करेंगें जिसको वह उठा नही सकेगा।

यनाबीऊल मवद्दत में अमीरुल मोमिनीन अली बिन अबी तालिब से रिवायत की गयी हज़रत ने फ़रमाया नुसरते ख़ुदा उस वक़्त तक नही आयेगी जब तक कि वह मौत से ज़्यादा आसान न हो जाये और उसी बारे में परवरदिगारे आलम का क़ौल है:

حَتَّى إِذَا اسْتَيْأَسَ الرُّسُلُ وَظَنُّواْ أَنَّهُمْ قَدْ كُذِبُواْ جَاءَهُمْ نَصْرُنَا [15]

ताकि जब वह पैग़म्बर अपनी इम्मत वालों के ईमान लाने से मायूस हो गये और उम्मत वालों ने यह गुमान कर लिया कि उनके झूट बोला गया है कि ख़ुदा उनकी मदद करेगा तो उस वक़्त हमारी मदद उनके पास आयेगी।

और यह उसी वक़्त होगा जब हमारा क़ायम ज़हूर करेगा।

मुन्तख़ब कंज़ुल उम्माल में आँ हज़रत(स) से रिवायत की गयी हज़रत ने फ़रमाया: हम अहले बैत ही की वह फ़र्द होगा जिसकी इमामत में ईसा नमाज़ अदा करेंगें।

आँ हज़रत(स) ने इरशाद फ़रमाया: जब महदी मुतवज्जेह होगें और ईसा बिन मरियम नाज़िल होगें और उनके बालों से पानी के क़तरात टपक रहें होंगें, उस वक़्त इमाम महदी(अ) ईसा(अ) से फ़रमायेगें आप लोगों को नमाज़ पढ़ाईये, ईसा फ़रमायेगें नमाज़ का क़याम आपके ज़रीये होगा। चुनाँचे ईसा मेरे फ़रज़ंद महदी की इमामत में नमाज़ अदा करेगें।

ग़ायतुल मामूल

अनवारूत तंज़ील में इस आयत

وَإِنَّهُ لَعِلْمٌ لِّلسَّاعَةِ

की तफ़सीर इस तरह बयान की गयी कि ईसा (अ) ज़मीन के पाक व पाकीज़ा मक़ाम(अफ़ीक़) पर नाज़िल होंगें। आपके हाथों में ख़ंजर होगा जिससे आप दज्जाल को क़त्ल करेंगें उसके बाद आप बैतुल मुक़द्दस तशरीफ़ लायेगें। जबकि लोग नमाज़ सुबह पढ़ रहे होगें पस इमाम पीछे रहेंगें और ईसा इमाम को आगे बढ़ायेगें और उनके पीछे नमाज़ अदा करेगें, ईसा की नमाज़ शरीअते मुहम्मदी पर होगी।

महदी (अ.) का परचम

हाफ़िज़ क़ंदूज़ी की यनाबीऊल मवद्दत में नौफ़ से रिवायत है वह बयान करता है इमाम महदी के परचम पर लिखा होगाالبیعة لله यानी

बैअत सिर्फ़ अल्लाह के लिये मख़्सूस है।मुत्तक़ी हिन्दी इब्ने उमर से रिवायत करते हैं कि आँ हज़रत ने अली का हाथ अपने हाथों में लिया और फ़रमाया अली के सुल्ब से एक जवान ज़ाहिर होगा जो दुनिया को अदल व इंसाफ़ से भर देगा पस जिस वक़्त तुम यह देखो तो तुम तमीमी जवान के साथ हो जाना इसलिये कि यह शख़्स मशरिक़ वारिद होगा और महदी का अलमबरदार होगा।

रिवायत की गयी है कि इमाम हसन असकरी(अ) के यहाँ एक बच्चे की विलादत हुई पस उन्होने उस बच्चे का नाम मुहम्मद रखा और तीसरे रोज़ अपने असहाब के सामने लाये और फ़रमाया यह मेरे बाद तुम्हारा इमाम और तुम पर मेरा ख़लीफ़ा है। यह वह क़ायम है जिसके इन्तेज़ार में गर्दने लंबा हो जायेगीं पस जिस वक़्त ज़मीन ज़ुल्म व जौर से भर जायेगी उस वक़्त ज़हूर करेगा और उसको अदल व इंसाफ़ से भर देगा।