तौहीद दर सिफ़ात
- में प्रकाशित
यानी उसके सिफ़ात इल्म, क़ुदरत, अज़लीयत,अबदियत व .....तमाम उसकी ज़ात में जमा हैं और उसकी ऐने ज़ात हैं। उसके सिफ़ात मख़लूक़ात के सिफ़ात जैसे नही हैं क्योँ कि मख़लूक़ात के तमाम सिफ़ात भी एक दूसरे से जुदा और उनकी ज़ात भी सिफ़ात से जुदा होती है। अलबत्ता ऐनियते ज़ाते ख़ुदा वन्द बा सिफ़ात को समझ ने के लिए दिक़्क़त व ज़राफते फ़िकरी की जरूरत है।