जवानी के बारे में सवाल

जवानी और निशात अल्लाह की अज़ीम नेमत है जिसके बारे में क़यामत के रोज़ पूछा जायेगा। पैग़म्बरे इस्लाम (स) से एक हदीस है आप फ़रमाते हैं:

क़यामत के दिन कोई शख़्स एक क़दम नही उठायेगा मगर उससे चार सवाल पूछे जायेगें:

1. उसकी उम्र के बारे में कि कैसे और कहाँ गुज़ारी?

2. जवानी के बारे में कि उसका क्या अँजाम किया?

3. माल व दौलत के बारे में कि कहाँ से हासिल की और कहाँ कहाँ ख़र्च किया?

4. अहले बैत (अ) की मुहब्बत और दोस्ती के बारे में सवाल होगा?

यह जो आँ हज़रत (स) ने उम्र के अलावा जवानी का ख़ास तौर पर ज़िक्र फ़रमाया है उससे ज़वानी की क़द्र व क़ीमत मालूम होती है। इमाम अली (अ) फ़रमाते हैं:

شِِياءان لا ِِ يعرف فضلهما الامن فقدهما الشباب والعافِِيه
इंसान दो चीज़ों की क़द्र व मंज़ेलत नही जानता मगर यह कि उनको खो दे, एक जवानी और दूसरे तंदरुस्ती