अलहसनैन इस्लामी नेटवर्क

हदीसे ग़दीर को छिपाने वाले

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बाज़ रिवायात के मुताबिक़ हज़रत अमीरुल मोमिनीन (अ) ने एक मजमे असहाब से कहा कि जो लोग ग़दीर में मौजूद थे और उन्होने हदीसे ग़दीर को सुना है वह खड़े हों और इस मजमे के सामने गवाही दें, असहाब के एक गिरोह ने खड़े होकर इस चीज़ की गवाही दी लेकिन बाज़ असहाब ने मख़्सूस वुजूहात की बेना पर गवाही नही दी और मुख़्तलिफ़ बहाने पेश किये, जिसके नतीजे में वह ऐसी सख़्त बीमारों में मुब्तला हो गये जिनका इलाज न हो सका, जिनमें से दर्ज ज़ैल का असहाब का नाम लिया जा सकता है:
अनस बिन मालिक, उन्होने हदीसे ग़दीर को छुपाया और बरस (सफ़ेद कोढ़) के मरज़ में मुब्तला हो गये।() बरा बिन आज़िब, यह हदीस छिपाने की वजह से अंधे हो गये। ज़ैद बिन अरक़म, यह भी हदीसे ग़दीर को छिपाने की वजह से नाबीना हो गये।() जरीर बिन अब्दुल्लाह बजली, यह हदीसे ग़दीर को छुपाने और अमीरुल मोमिनीन (अ) की लानत की वजह से जाहिलीयत की तरफ़ से पलट गये।

अल मआरिफ़, इब्ने क़तीबा पेज 194, शरहे इब्ने अबिल हदीद जिल्द 1 पेज पेज 362

अहक़ाक़ुल हक़ जिल्द 6 पेज 560, अरजहुल मतालिब पेज 580

शरहे इब्ने अबिल हदीद जिल्द 1 पेज 362, सीरय ए हलबिया जिल्द 3 पेज 337

अन साबुल अशराफ़ जिल्द 2 पेज 156

 

 

 

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