हदीसे ग़दीर के ज़रिये हज़रते ज़हरा (स) का ऐहतेजाज

 

 


शमसुद्दीन अबुल ख़ैरी जज़री दमिश्क़ी शाफ़ेई ने अपनी सनद के साथ उम्मे कुलसूम बिन्ते अली (अ) से नक़्ल किया कि उन्होने हज़रत फ़ातेमा ज़हरा (स) से नक़्ल किया कि (बीबी ए दो आलम) ने फ़रमाया:

हदीस

(असनल मतालिब पेज 49)

क्या तुमने ग़दीरे ख़ुम में हज़रत रसूले ख़ुदा (स) के इस क़ौल को भुला दिया कि आँ हज़रत (स) ने फ़रमाया: जिसका मैं मौला हूँ उसके यह अली भी मौला हैं, इसी तरह आँ हज़रत (स) का यह क़ौल कि या अली, तुम मेरे नज़दीक वही निस्बत रखते हो जो हारून को मूसा से थी।

हज़रत इमाम हसन (अ) और हज़रत इमाम हुसैन (अ) ने भी हदीस ग़दीर से ऐहतेजाज किया है।

यनाबीउल मवद्दत जिल्द 3 पेज 150 बाब 90, किताब सुलैम जिल्द 2 पेज 788 हदीस 26