हज़रत अबू तालिब (अ) व हज़रत ख़दीजा (स) की वफ़ात का फ़ासला
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तारीख़ के मुसल्लमात में से है कि हज़रत अबू तालिब (अ) व हज़रत ख़दीजा (स) की वफ़ात बेसत के दसवें साल शेबे अबी तालिब से निकलने के कुछ अरसे बाद हुई
लेकिन आप दोनो की वफ़ात का फ़ासला 3 दिन, 35 दिन, 55 दिन, और तीन माह तक का बताया गया है,
हज़रत अबू तालिब (अ) की वफ़ात के बारे में मशहूर क़ौल 26 रजब बेसत का दसवाँ साल बताया गया है।
इस वजह से बाज़ ने आप की वफात और हज़रत ख़दीजा (स) की वफ़ात में सिर्फ़ तीन दिन का फ़ासला बताया है
और हज़रत ख़दीजा (स) की वफ़ात को 29 रजब तसव्वुर किया है जब कि तारीख़े के मनाबे दस रमज़ान पर इत्तेफ़ाक़ रखते हैं,
जैसा कि आपने मज़कूरा सुतूर में मुलाहिज़ा किया है, इन दो ग़म अंगेज़ वाक़ेयात का फ़ासला तीन दिन से तीन माह तक बताया गया है।
अगर हज़रत अबू तालिब (अ) की वफ़ात 26 रजब और हज़रत ख़दीजा (स) की दस रमज़ान मानी जाये तो दोनो की वफ़ात का फ़ासला 45 दिन होगा।