इमाम मेहदी के ज़माने मे न्याय का विस्तार

अनेकों रिवायतों में मिलता है कि हज़रत इमाम महदी (अ. स.) के इन्क़ेलाब व हुकूमत के नतीजों में सब से महत्वपूर्ण चीज़ दुनिया में अदल व इन्साफ़ का आम होना है। इसके बारे में उनकी हुकूमत के उद्देश्यों के अन्तर्गत उल्लेक हो चुका है। हम यहाँ पर उस हिस्से में वर्णित चीज़ों के अलावा इस चीज़ को बढ़ाते हैं कि क़ाइमे आले मुहम्मद (स.) की हुकूमत में समाज की हर सतह पर न्याय आम हो जायेगा और अदालत समाज की रगों में रच बस जायेगी। कोई भी ऐसा छोटा या बड़ा गिरोह नहीं होगा जिसमें न्याय स्थापित न हो, आपस में समस्त इंसानों का राब्ता उसी न्याय के आधार पर होगा।

हज़रत इमाम सादिक़ (अ. स.) ने इस बारे में फरमाया:

अल्लाह की क़सम लोगों के घरों में न्याय को इस तरह पहुँचा दिया जायेगा जिस तरह उन घरों में सर्दी और गर्मी पहुँचती है।

समाज का सबसे छोटा विभाग यानी इंसान का घर न्याय का केन्द्र बन जायेगा और घर के सब सदस्य एक दूसरे से न्यायपूर्वक व्यवहार करेंगे। इससे इस बात की पुष्टी होती है कि हज़रत इमाम महदी (अ. स.) की न्याय व समानता पर आधारित विश्वव्यापी हुकूमत ताक़त और क़ानून के बल बूते पर नही, बल्कि कुरआन की उस तरबियत पर आधारित होगी जो न्याय व भलाी का हुक्म देती है। उसी से लोगों की तरबियत की जायेगी और ऐसे बेहतरीन माहौल में सभी लोग अपने इंसानी और इलाही कर्तव्यों को पूरा करते हुए दूसरों के अधिकारों का एहतेराम करेंगे,चाहे सामने वाला किसी ओहदे पर भी न हो।

महदवी समाज में न्याय, कुरआन और हुकूमत के आधार पर एक असली सामाजिक स्तंभ के रूप में लागू होगा और कुछ गिने चुने स्वार्थी और कुरआने करीम व अहले बैत (अ. स.) की शिक्षाओं से दूर लोगों के अलावा कोई भी उसका उलंघन नही करेगा। न्याय व समानता पर आधारित हुकूमत ऐसे लोगों के ख़िलाफ़ सख्त कार्रवाई करेगी और उनको फलने फूलने का मौक़ा नहीं दिया जायेगा। ऐसे लोगों पर विशेष रूप से हुकूमत के विभागों में शामिल होने पर रोक लगा दी जायेगी।

जी हाँ!ऐसा विस्तृत और आम न्यायहज़रत इमाम महदी (अ. स.) की हुकूमत का नतीजा होगा। उसके लागू होने से हज़रत इमाम महदी (अ. स.) के इन्केलाब का सबसे बड़ा मक़सद पूरा हो जायेगा और दुनिया न्याय व समानता से भर जायेगी और ज़ुल्म व सितम समाज के हर हिस्से से मिट जायेंगे, यहाँ तक कि घरेलू ज़िन्दगी में भी एक दूसरे के संबंधों में इसका नाम व निशान बाक़ी नहीं रहेगा।