अलहसनैन इस्लामी नेटवर्क

ज़ियारते

ज़ियारते अरबईन

ज़ियारते अरबईन

ख़ुदा लानत करे उस उम्मत पर जिन्होंने आपको क़त्ल किया और उस उम्मत पर जिन्होंने इसको सुना और इस पर राज़ी रहे।

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चेहलुम के दिन की ज़ियारत हिन्दी अनुवाद के साथ

चेहलुम के दिन की ज़ियारत हिन्दी अनुवाद के साथ सफ़र महीने की बीसवी तारीख़ को इमाम हुसैन (अ) की ज़ियारत के लिए दो तरीक़े बयान किए गए हैं पहला तरीक़ा वह है जिसे शेख़ तूसी ने तहज़ीब और मिस्बाह नामक किताबों में सफ़वान जम्माल से रिवायत की है कि उसने कहा कि मुझको मेरे

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ज़्यारते नाहिया और उसका तरजुमा

ज़्यारते नाहिया और उसका तरजुमा सलाम हो इस पर जिस की कब्र की मिटटी ख़ाके शिफ़ा है सलाम हो इस पर जिस के हरम की फ़िज़ा में दुआएं क़बूल होती हैं सलाम हो पेसर-ए-खत्मी मर्ताबत (अ:स) पर सलाम हो सय्यद-ए-औसिया (अ:स) के फ़र्ज़न्द पर

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