विभिन्न
तारीख़ से इबरत
- में प्रकाशित
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- लेखक:
- सैय्यद आबिद रज़ा रिज़वी नौशाद
इबरत हासिल करना यानी माज़ी के तल्ख़ व शीरीं हवादिस व वाक़ियात को मुस्तक़बिल का आइना क़रार देना।
क्या आप जानते है कि मशहूर साहित्यकार मुंशी प्रेमचंद का इस्लाम के बारे में नज़रिया था?
- में प्रकाशित
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- स्रोत:
- साप्ताहिक प्रताप (विशेषांक दिसम्बर 1925 )
‘‘...सूद (ब्याज) की पद्धति ने संसार में जितने अनर्थ किए हैं और कर रही है वह किसी से छिपे नहीं है। इस्लाम वह अकेला धर्म है जिसने सूद को हराम (अवैध) ठहराया है...।’’
करबला में फ़तह किसकी और क्यो?
- में प्रकाशित
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- लेखक:
- सैयद बहादुर अली ज़ैदी
करबला के मारके में फ़ातेह कौन है और शिकस्त ख़ुरदा कौन?
इतिहास रचने वाली कर्बला की महिलाएं
- में प्रकाशित
महिलाओं ने दर्शा दिया कि जब भी धर्म के समर्थन, न्याय और सत्य की स्थापना की चर्चा होगी तो वे पुरुषों के कंधे से कंधा मिलाकर अपनी ऐतिहासिक और प्रभावी भूमिका निभा सकती हैं
वहाबियत या जंगलीपन
- में प्रकाशित
हिंसा और निर्दयता में प्रसिद्ध सऊद इब्ने अब्दुल अज़ीज़ ने मक्के पर क़ब्ज़ा करने के दौरान सुन्नी समुदाय के बहुत से विद्वानों को अकारण ही मार डाला और मक्के के बहुत से प्रसिद्ध व प्रतिष्ठित लोगों को बिना किसी आरोप के फांसी पर चढ़ा दिया।
वहाबियत और शिफ़ाअत
- में प्रकाशित
इस्लाम धर्म में शिफ़ाअत ईश्वर की ओर से मनुष्यों पर एक विभूती बतायी गयी है। जिन लोगों ने उपासना के बंधन को नहीं तोड़ा है और अनेकेश्वरवाद का शिकार नहीं हुए हैं, ईश्वर के निकटवर्ती बंदों की शिफ़ाअत उनके लिए आशा की किरण है
बधाई देने में उमर और अबू बक्र सबसे आगे
- में प्रकाशित
लोगों को संबोधित करते हुए पैग़म्बरे इस्लाम ने अपना भाषण इस प्रकार से आरंभ कियाः समस्त प्रशंसा और गुणगान ईश्वर के लिए है। हम उसी से सहायता
सहाबा अक़्ल व तारीख़ की दावरी में
- में प्रकाशित
क़ुरआने करीम व इस्लामी रिवायतों में उनकी फ़ज़ीलतो का ज़िक्र मौजूद हैं।लेकिन इस का मतलब यह नही है कि पैग़म्बर इस्लाम (स.)के तमाम साथियों को मासूम मान लिया जाये
शिया परिभाषा की उत्पत्ति
- में प्रकाशित
आपके चचेरे भाई अली इब्ने अबी तालिब की सम्पत्ति है। जब ईश्वर स्वर्गवासियों को स्वर्ग में प्रविष्ठ करेगा तो अली के शिया को इस पेड़ के निकट लाया जाएगा
शिया और इस्लाम
- में प्रकाशित
ऐ मुस्लमानों तुम उन से कहो कि हम अल्लाह पर और जो उसने हमारी ओर भेजा और जो इब्राहीम, इस्माईल, इस्हाक़, याक़ूब और याक़ूब की संतान की ओर भेजा गया ईमान ले आये हैं।
ग़दीर और मक़ामे हज़रत अली (अ)
- में प्रकाशित
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- लेखक:
- रहबरे इंके़लाबे इस्लामी हज़रत आयतुल्लाह ख़ामेनई की नज़र में
आयत के नाज़िल होने के फ़ौरन बाद रसूले खु़दा (स) ने कारवान को रोकने का हुक्म दिया
क्रांति के बाद का काल
- में प्रकाशित
ईरानी राष्ट्र धार्मिक नेता के आशीर्वाद से एक जीवित राष्ट्र है कि जिसने धर्म की सहायता से अपना मार्ग प्राप्त कर लिया है
ग़दीर और मक़ामे हज़रत अली (अ)
- में प्रकाशित
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- लेखक:
- रहबरे इंके़लाबे इस्लामी हज़रत आयतुल्लाह ख़ामेनई की नज़र में
हदीसे इबलाग़ (पयामे बराअत) भी हज़रत अली (अ) के इफ़्तेख़ारों में से एक इफ़्तेख़ार है और ख़ास तौर पर अबू बक्र के मुक़ाबले में एक बड़ा इफ़्तेख़ार है।
कर्बला का पैग़ाम और कर्बला से मिली सीख
- में प्रकाशित
कर्बला का वाक़या हमें सिखाता है की सीधे रास्ते से न हटना और न ही अपनी जिम्मेदारियों से मुंह मोड़ना!