इमामे अली(अ)
नहजुल बलाग़ा में इमाम अली के विचार 17
- में प्रकाशित
इस बात को पसंद नहीं करते थे कि उनकी सरकार के कर्मचारी धन सम्पन्न लोगों के साथ उठें बैठें।
नहजुल बलाग़ा में इमाम अली के विचार 15
- में प्रकाशित
सदैव खेती करते और सिंचाई करते थे, खजूर की गुठली बोते और ज़मीन को उपजाउ बनाकर तथा बहुत सी क़नातों
नहजुल बलाग़ा में इमाम अली के विचार 14
- में प्रकाशित
इस व्यवहार पर आपत्ति जताई और कहा कि यह व्यक्ति कल तक मेरा दास था और आज मैंने इसे स्वतंत्र कर दिया
नहजुल बलाग़ा में इमाम अली के विचार 13
- में प्रकाशित
जब इस्लामी समाज को यह समझ में आ गया कि उसने बहुत कुछ खो दिया और पूरे समाज में अव्यवस्था, अन्याय और भेदभाव का राज हो गया
नहजुल बलाग़ा में इमाम अली के विचार 12
- में प्रकाशित
हज़रत अली (अ) ने इस्लामी इतिहास के उस बहुत ही संवेदशील समय में जो निर्णय लिया, उससे समस्त मुसलमानों को यह पाठ मिला कि इस्लामी जगत में एकता की सुरक्षा मुसलमानों की सबसे अहम ज़िम्मेदारी है
नहजुल बलाग़ा में इमाम अली के विचार 11
- में प्रकाशित
आम लोगों की प्रसन्नता, निकटवर्तियों की नाराज़गी को प्रभावहीन बना देती है।”
नहजुल बलाग़ा में इमाम अली के विचार 10
- में प्रकाशित
पीड़ितों के अधिकार की रक्षा और अत्याचारियों से उन्हें उनका अधिकार दिलाने की भावना
नहजुल बलाग़ा में इमाम अली के विचार 9
- में प्रकाशित
धैर्य ही है जिससे बहुत सी समस्याओं व पीड़ाओं के समय मनुष्य को आराम मिलता है।
ग़दीर और मक़ामेअली (अ)
- में प्रकाशित
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- लेखक:
- रहबरे इंके़लाबे इस्लामी हज़रत आयतुल्लाह ख़ामेनई की नज़र में
नहजुल बलाग़ा में इमाम अली के विचार 8
- में प्रकाशित
पैग़म्बरे इस्लाम के पवित्र परिजनों का ज्ञान इतना अधिक है कि उनके शत्रुओं ने भी इसे स्वीकार किया है
नहजुल बलाग़ा में इमाम अली के विचार 7
- में प्रकाशित
मानव की हार्दिक इच्छा सदैव ही कल्याण प्राप्त करना रही है
नहजुल बलाग़ा में इमाम अली के विचार 6
- में प्रकाशित
हज़रत अली के कथनानुसार पवित्र क़ुरआन में इस्लामी शिक्षाओं, शिष्टाचार और धर्म शास्त्र का अथाह सागर
नहजुल बलाग़ा में इमाम अली के विचार 5
- में प्रकाशित
इस्लामी शिक्षाओं में पैग़म्बरे इस्लाम को मानवता के लिए ईश्वरीय कृपा बताया गया है
नहजुल बलाग़ा में इमाम अली के विचार 4
- में प्रकाशित
एकेश्वरवाद पर भरोसा या विश्वास, मनुष्य को एक प्रकार की शांति प्रदान करता है।
नहजुल बलाग़ा में इमाम अली के विचार 3
- में प्रकाशित
” हे ईश्वर अपने सबसे अच्छे और विभूतिपूर्ण सलाम व दुरूद को अपने बंदे व दूत मोहम्मद से विशेष कर कि वह अंतिम पैग़म्बर, बंद द्वारों को खोलने वाले
हजरत अली (अ.स) का इन्साफ और उनके मशहूर फैसले|
- में प्रकाशित
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- लेखक:
- ज़ीशान जैदी
यह बात बहुत कम लोग जानते हैं कि हज़रत अली(अ.) एक महान वैज्ञानिक भी थे और एक तरीके से उन्हें पहला मुस्लिम वैज्ञानिक कहा जा सकता है.