मासूमीन की हदीसे
हज़रत इमाम मूसा काज़िम (अ.स.) के इरशाद
- में प्रकाशित
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- लेखक:
- मौलाना अदीबुल हिन्दी साहब
- स्रोत:
- अनवार
ग़ाफ़िल तरीन (बेपरवाह) शख़्स वह है जो ज़माने (समय) की गर्दिश और हादसात से इबरत हासिल न करे।
हज़रते रसूले खुदा की नायाब हदीसे
- में प्रकाशित
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- लेखक:
- सैय्यदा नूर फातेमा
और जब तक सलाम ना करे उसे खाने की दावत न .....................
इमाम हसन अ स की हदीसे
- में प्रकाशित
इल्म हासिल करो और अगर उसे याद न कर सको तो लिख लो और अपने घरो मे महफूज़ रखो।
इमाम नक़ी अलैहिस्सलाम की अहादीस
- में प्रकाशित
व्यर्थ की बातें मूर्खों का काम है और इनसे मूर्खो को ही प्रसन्नता होती है
मोमिन की सिफ़त-2
- में प्रकाशित
जब बुज़ुर्गों के पास जाओ तो उनकी बुज़ुर्गी की वजह से उनका एहतराम करो और जब बच्चो के पास जाओ तो उनका एहतराम इस वजह से करो कि उन्होंने कम गुनाह अंजाम दिये हैं।
मोमिन की सिफ़ात 1
- में प्रकाशित
जब लोग उससे मिलने आते हैं तो वह उन के साथ करीमाना बर्ताव करता है। यानी अगर वह उन कामों पर क़ादिर होता है जिन की वह फ़रमाइश करते हैं तो या उसी वक़्त उसको अंजाम दे देता है
सिफ़ाते मोमिन
- में प्रकाशित
मोमिने कामिल ईमान जाहिलों के जहल के मुक़ाबिल बुरदुबार और बुराईयों के मुक़ाबिल बहुत ज़्यादा सब्र करने वाला होता है, वह बुज़ुर्गों का एहतराम करता है और छोटों के साथ मुहब्बत से पेश आता है।
रोज़े की फज़ीलत
- में प्रकाशित
रोज़ा जहन्नम की आग के मुक़ाबले में ढ़ाल की हैसियत रखता है। यानि रोज़ा रखने से इंसान जहन्नम की आग से सूरक्षित हो जाता है। (अलकाफी - जिल्द 4, पेज 162)
लिबास के आदाब और आरास्तगी ए लिबास की फ़ज़ीलत
- में प्रकाशित
उम्दा लिबास, जो हलाल कमाई से मिला हो पहनना सुन्नते पैग़म्बर (स) और ख़ुदा की ख़ुशनूदी हासिल करने का सबब है
इमाम बाक़िर (अ) के अक़वाल
- में प्रकाशित
काम में काहिली और बेचैनी से बचों क्योकि यह हर बुराई की जड़ हैं, जो काहिली करता है वह किसी भी हक़ को अदा नहीं करता है, और जो मलामत और बेचैनी करता है वह हक़ के रास्ते में सब्र नहीं करता है।
हज़रत इमाम मोहम्मद बाक़िर (अ) के नूरानी अक़वाल
- में प्रकाशित
अच्छी बातें चाहे जिस से भी हों, चाहे उस पर अमल न किया जाये फिर भी सीख लो,
हज़रत इमाम अली अलैहिस्सलाम की अहादीस
- में प्रकाशित
अपने शत्रुओं से भी प्रेम करो क्योकि वह इस प्रकार एक दिन आपके मित्र बन सकते है।
इमाम तक़ी अलैहिस्सलाम की अहादीस
- में प्रकाशित
किसी कार्य के दृढ़ होने से पहले उसका रहस्योदघटन उस कार्य के छिन्न भिन्न होने का कारण बनता है।