अलहसनैन इस्लामी नेटवर्क

इमामे हसन असकरी(अ)

इमाम असकरी अलैहिस्सलाम और उरूजे फिक्र

 इमाम असकरी अलैहिस्सलाम और उरूजे फिक्र

शिया सुन्नी दोनो के उलामा ने लिखा है कि एक दिन इमाम हसन असकरी अलैहिस्सलाम एक ऐसी जगह पर खड़े थे जिस जगह कुछ बच्चे खेल रहे थे इत्तिफाक़न उसी वक्त आरिफे आले मौहम्मद जनाबे बहलोल दाना का गुज़र उधर से हुआ। उन्होने ये देखा कि सब बच्चे खेल रहे है।  

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अब्बासी हुकूमत का, इमाम हसन असकरी अ.स. से डरने का कारण

 अब्बासी हुकूमत का, इमाम हसन असकरी अ.स. से डरने का कारण इराक़ में शियों की तादाद बहुत अधिक हो चुकी थी, अत्याचारी हुकूमत, अल्वियों (इमाम अली अ.स. की पैरवी करने वाले और उस समय इमाम हसन असकरी अ.स. का साथ देने वाले) के सत्ता में आने से भयभीत हो रही थी, और उन्हें डर था कि कहीं इमाम हसन असकरी अ.स. के नेतृत्व में अब्बासियों का तख़्ता पलट न हो जाए। शिया इस दौर में इतने मज़बूत हो चुके थे कि ..........  

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इमामे हसन असकरी(अ)

इमामे हसन असकरी(अ) हज़रत इमाम अस्करी अलैहिस्सलाम का नाम हसन व आपकी मुख्य उपाधि अस्करी है।

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इमाम हसन असकरी अलैहिस्सलाम की जीवनशैली

इमाम हसन असकरी अलैहिस्सलाम की जीवनशैली  अत्याचारियों पर पीड़ितों की विजय और धरती पर सदाचारियों की सरकार के गठन की शुभसूचना क़ुरआन ने दी है

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हज़रत इमाम हसन असकरी अलैहिस्सलाम की शहादत

हज़रत इमाम हसन असकरी अलैहिस्सलाम की शहादत 8 रबीउल अव्वल को हज़रत इमाम हसन अस्करी अलैहिस्सलाम का शहादत दिवस है। उन्होंने अपनी 28 साल की ज़िन्दगी में दुश्मनों की ओर से बहुत से दुख उठाए और तत्कालीन अब्बासी शासक ‘मोतमद’ के किराए के टट्टुओं के हाथों इराक़ के सामर्रा इलाक़े में ज़हर से आठ दिन तक पीड़ा सहने के बाद इस दुनिया से चल बसे।

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इमामे असकरी अलैहिस्सलाम की शहादत

इमामे असकरी अलैहिस्सलाम की शहादत इमाम हसन असकरी अलैहिस्सलाम का व्यक्तित्व इतना आकर्षक था कि जिसकी भी दृष्टि उन पर पड़ती वह ठहर कर उन्हें देखने लगता और बरबस उनकी प्रशंसा करता था।

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