अलहसनैन इस्लामी नेटवर्क

विभिन्न

ज़िन्दगी की बहार

ज़िन्दगी की बहार

विश्व स्वास्थ्य संगठन के विशेषज्ञों के अनुसार वैचारिक व मानसिक स्वास्थ्य का अर्थ दूसरों से संतुलित समन्वय, व्यक्तिग और सामाजिक सुधार और तार्किक व न्यायपूर्ण ढंग से विरोधासी एवं व्यक्तिगत रुझानों का समाधान है।

अधिक पढ़ें

जवानी का मज़ा

जवानी का मज़ा उम्र, शारीरिक व आत्मिक उतार- चढ़ाव और प्रगति की बहार है। जवानी वह समय है जब शक्ति, भावना और एहसास और आकांक्षा आदि इंसान पर हावी होते हैं और ऐसे समय में जो चीज़ इंसान को सही रास्ता दिखा सकती है वे ईश्वरीय क़ानून हैं

अधिक पढ़ें

इस्लाम सम्पूर्ण और अविनाशी विधान

इस्लाम सम्पूर्ण और अविनाशी विधान

अधिक पढ़ें

बिरादरीवाद बिदअते बद

बिरादरीवाद बिदअते बद आए दिन हम किसी न किसी मज़हबी रस्म को उलोमा की ज़बानी बिदअत की फ़हरिस्त में शामिल होते देखते हैं, उलोमा की इस्तलाह में जो काम हुज़ूर सरकारे रिसालत (स0) के ज़माने में न हुआ हो उसको राइज करना या अनजाम देना बिदअत कहलाता है।

अधिक पढ़ें

हम इसी समय क़यामत में हैं मगर हमारी आँखों के सामने परदे हैं।

हम इसी समय क़यामत में हैं मगर हमारी आँखों के सामने परदे हैं। हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लेमीन मोहम्मद अली जावेदान अपने एक क्लास में कहते हैं: हम सोचते हैं कि दुनिया अस्ल है और बाक़ी सारी चीज़ें उसके चारो ओर घूम रही हैं लेकिन अस्ल और वास्तविकता केवल क़यामत है और हम इस समय क़यामत में हैं लेकिन हमारी आखों पर परदे पड़े हैं और इसी कारण हम इसे देख नहीं पा रहे हैं।

अधिक पढ़ें

काज़ी का मेहमान

काज़ी का मेहमान

अधिक पढ़ें

शादी शुदा ज़िन्दगी

शादी शुदा ज़िन्दगी

अधिक पढ़ें

इंसान की आज़ादी

इंसान की आज़ादी

अधिक पढ़ें

बड़ा आबिद कौन

बड़ा आबिद कौन

अधिक पढ़ें

ज़माने की शिकायत

ज़माने की शिकायत

अधिक पढ़ें

सितारा शिनास

सितारा शिनास

अधिक पढ़ें

जवानों को इमाम अली(अ)की वसीयतें

जवानों को इमाम अली(अ)की वसीयतें

अधिक पढ़ें

ज़ुबैर और ज़ुल्फ़ा

ज़ुबैर और ज़ुल्फ़ा

अधिक पढ़ें

बदकारी

बदकारी

अधिक पढ़ें

आलिम के सामने

आलिम के सामने

अधिक पढ़ें

जवान और आईडियल

जवान और आईडियल

अधिक पढ़ें

शादी और परिवार का महत्व

शादी और परिवार का महत्व परिवार आराम व शांति का घर है और परिवार समाज की इकाई होता है। यहां पर यह सवाल किया जा सकता है कि परिवार का गठन कब होता है तो इसके उत्तर में कहा जा सकता है कि परिवार का गठन उस वक्त होता है जब दो व्यक्ति एक दूसरे से विवाह करते हैं और दोनों विवाह के पवित्र बंधन में बंध जाते हैं।

अधिक पढ़ें

आपका कमेंन्टस

यूज़र कमेंन्टस

कमेन्ट्स नही है
*
*

अलहसनैन इस्लामी नेटवर्क