विभिन्न
उस्ताद हुसैन अंसारीयान का यमन के मुसलमानो को पैग़ाम
- में प्रकाशित
आले सऊद पक्के सूबूतो की बुनियाद पर खैबर के यहूदीयो की एक शाख़ है कि जिन्होने इस हक़ीक़त के दस्तावेज़ो और इस बारे मे आलमे इस्लाम मे छपने वाली किताबो को छपने से पहले ही बड़ी कीमत दे कर खरीद लिया है और इसी तरह के दस्तावेज़ो और सूबूतो के हवाले से हुकुमते इस्राइल के बनने मे इनके बाप और दादा अब्दुल अज़ीज़ इब्ने आले सऊद का हाथ है और ये हर काम मे इस्राइल के साथ सबसे पहले अहदो पैमान करने वालो मे से थे।
पड़ोसियों का महत्व और अधिकार
- में प्रकाशित
इस आयत में पड़ोसियों के साथ भलाई करने की सिफ़ारिश की गयी है। भलाई की सिफ़ारिश का दर्जा, न्याय और क़ानून से ऊपर होता है। भलाई, कृपा और दया, न्याय व क़ानून की परिधि में नहीं आता क्योंकि यदि यह क़ानून हो जाए तो वह भलाई और दया नहीं होगा। जब भलाई व्यवहारिक होती है तो मनुष्य जितना भी चाहे और यदि वह उसके क़ानून के दायित्व की परिधि में न भी हो तो उसे दूसरों के लिए भलाई करनी होती है।
सही सोंच और क़लम
- में प्रकाशित
ईश्वर ने मनुष्य की प्रकृति में बहुत सी ऐसी विशेषतायें और गुण रखे हैं जिनहें उभार कर सामने लाना परिवार और समाज का दायित्व होता है। और यह गुण जब सामने आ जाते हैं तो कहा जाता है कि अमुक व्यक्ति का उसके परिवार ने बड़ा अच्छा प्रशिक्षण किया है परन्तु यदि सही वातावरण न मिले तो प्रकृति में ईश्वर द्वारा रखा गया गुणों का उपहार अवगुणों और बुराइयों का रूप धार लेता है।
इन्सानी जीवन की सबसे बड़ी समस्या
- में प्रकाशित
धन- संचित करने की चाह बुरी नहीं है परंतु उसमें अतिवाद बुरा है और यह ईर्ष्या, घमंड, लालच और द्वेष जैसे नाना प्रकार के पापों की भूमिका बनती है।
मुसलमानों की तीन बड़ी समस्याएं
- में प्रकाशित
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- लेखक:
- सैय्यद ताजदार हुसैन ज़ैदी
- स्रोत:
- tvshia.com
तीसरी सबसे बड़ी समस्या मुसलमानों की यह है कि हम मुसलमानों के पास संचार माध्यमों की कमी है
भारत में मुसलमान कई-कई पत्नियां रखकर अधिक सन्तानोत्पत्ति करके अपनी जनसंख्या बढ़ा रहे हैं !
- में प्रकाशित
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- लेखक:
- ज़ीशान हैदर जैदी
- स्रोत:
- hamarianjuman.blogspot.in
एक मुस्लिम पुरुष ने 4 पत्नियां रखी हों और उसके 4×5=20 बच्चे हों, ऐसी एक भी मिसाल पूरे देश में नहीं मिल सकती, यह तो बहुत दूर की, और हास्यास्पद बात है कि भारत के सारे मुसलमानों से 20-20 संतान होने की संभावना हो
फ़ैशन और परिवार की अर्थ व्यवस्था
- में प्रकाशित
समय की चमक दमक और फैशन भी परिवार की संस्कृति पर निर्भर है और इसका भी परिवार की अर्थ व्यवस्था पर प्रभाव पड़ता है।
एहसान क्या है?
- में प्रकाशित
जो एहसान करने का जज़्बा रखे वह इंसानियत का कमाल है और जो एहसान कर के लुत्फ़ हासिल करे वहाँ इंसानियत की मेराज है।
ग़रीबों को खाना खिलाना
- में प्रकाशित
दूसरों को खाना खिलाना एक अच्छी व प्रभावी शैली है जो समाज को भूख व निर्धनता
इत्तेहाद अस्रे हाज़िर की अहम ज़रूरत
- में प्रकाशित
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- लेखक:
- सैय्यद एजाज़ हुसैन मूसवी
मुसलमानों की ये सादा लौही है कि वह उन्हे अपना दोस्त व हमदम समझते हैं जिनसे दोस्ती के लिये उन्हे क़ुरआने मजीद और अक़वाले मासूमीन (अ) में बार बार रोका गया और मना किया गया है।
आदर्श जीवन शैली-5
- में प्रकाशित
हर मुसलमान पुरुष और महिला पर इसकी प्राप्ति अनिवार्य की गयी और दिनचर्या के समस्त मामलों में और परलोक में सफलता, ज्ञान की प्राप्ति अलबत्ता लाभदायक व लाभप्रद ज्ञान पर निर्भर
आदर्श जीवन शैली-4
- में प्रकाशित
समय को ख़राब करने वाले तत्वों की पहचान के लिए अपने अध्ययन की शैली की समीक्षा तथा मौजूद रुकावट को
ख़ुशी और प्रसन्नता के महत्त्व-3
- में प्रकाशित
नमाज़ के बाद बेहतरीन कार्य मोमिन के दिल को उन चीज़ों से खुश करना है जो पाप न हों”
ख़ुशी और प्रसन्नता के महत्त्व-2
- में प्रकाशित
पैग़म्बरे इस्लाम (स) ने इस बिंदु की ओर संकेत करते हुए फ़रमाया है, यात्रा करो ताकि स्वस्थ रहो।
ख़ुशी और प्रसन्नता के महत्त्व
- में प्रकाशित
ख़ुश जीवन व्यतीत करना एक फ़ैसला है। यह एक ऐसा बुद्धिमत्तापूर्ण फ़ैसला है जो समस्त कठिनाइयों और परेशानियों में मूल्यवान अनुभव के स्थान पर होता है।