महिला जगत
तलाक़ : नारी पर ज़ुल्म?
- में प्रकाशित
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- लेखक:
- ज़ीशान हैदर जैदी
- स्रोत:
- http://hamarianjuman.blogspot.in/
हलाल और जायज़ (वैध) कामों में सबसे ज़्यादा नापसन्दीदा और अवांछित काम इस्लाम में तलाक़ को माना गया है।
हिजाब
- में प्रकाशित
पिछली शताब्दी से हेजाब को एक महत्वपूर्ण सांस्कृतिक चिंता के रूप में देखा जा रहा है
महिला जगत- 31
- में प्रकाशित
ज्ञान की भूख से कभी तृप्त न होने की भावना के उत्तर में, नि:सन्देह विश्वविद्यालयों, कलात्मक क्षेत्रों जैसे साहित्य, कला, निर्दोशन तथा दूसरे कलात्मक क्षेत्रों में इस्लामी देशों के बीच
महिला जगत- 30
- में प्रकाशित
कुछ बच्चे यदि कुछ दिन मॉं से अलग रहें तो परेशान हो जाते हैं और तीव्र प्रतिक्रिया व्यक्त करते हैं, परन्तु कुछ बच्चों के लिए मॉं से चन्द मिनटों की दूरी असहनीय हो जाती है
महिला जगत- 29
- में प्रकाशित
संभव है कि आप हर समय अपने बच्चे को उसकी समस्त भावनाओं को व्यक्त करने का अवसर दें जहां आवश्यक हो उसे समझाइये, उसका मार्गदर्शन कीजिये ताकि वो इस तरह से व्यवहार करे कि उससे अधिक से अधिक लाभ उठाये
महिला जगत- 27
- में प्रकाशित
लोगों जो ईमान लाए हो, अपने घरों के अतिरिक्त दूसरे घरों में प्रवेश न किया करो जब तक कि अनुमति न ले लो और उन घरों के रहने वालों पर सलाम न भेज लो
महिला जगत- 26
- में प्रकाशित
जब हम ईश्वर को अपने निकट देखते हैं तो कंधों से अकेलेपन का बोझ स्वंय दूर हो जाता है।
महिला जगत- 25
- में प्रकाशित
मज़ाक़ करते करते व्यक्ति को इसमें दक्षता प्राप्त हो जाती है। फिर वो ये भी समझने लगता है
महिला जगत- 24
- में प्रकाशित
स्वाभाविक है कि बच्चों को यह अच्छा नहीं लगता कि अपने गुप्त मामलों को माता - पिता के सम्मुख रखें और ऐसा लगता है कि माता - पिता भी चाहते हैं कि अपने
महिला जगत- 23
- में प्रकाशित
आयु का यह काल कुछ विशेष चारित्रिक विशेषताओं जैसे जल्दी दूसरों की बातों में आ जाना, भावनात्मक होना, तीव्र और कभी कभी अनुचित उत्तेजनाओं वाला होता है।
महिला जगत 22
- में प्रकाशित
घर को एक शान्त एवं सुरक्षित स्थान में परिवर्तित करें ताकि युवा अपनी समस्याओं के समाधान के लिए घर ही की शरण में आएं।
पर्दा ही नारी की सुंदरता है
- में प्रकाशित
यह वाकेया इस बात की गवाही है की उस वक़्त मैं भी जब किसी औरत को तकलीफ पहुंचानी होती थी तो उसको पर्दा नहीं करने दिया जाता था
इस्लाम और औरत का सोशल स्टेटस
- में प्रकाशित
आप अपने बाबा की ख़िलाफ़त के वक़्त कूफ़े में क़ुरआन की तालीम और तफ़सीर की ज़िम्मेदारी पूरी किया करती थीं।
इमामे ज़माना (अ.ज) की मदद करने वाली आठ औरतें।
- में प्रकाशित
ख़ुदा की क़सम तीन सौ तेरह (313) लोग आएंगे जिनमें पचास औरतें होंगी जो बिना किसी पहले तय की गई योजना के मक्के में इकठ्ठा हो जाएंगी।