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वक़ालत 2

वक़ालत 2

पढ़ने वाले: मौलाना सैय्यद असकरी रज़ा रिज़वी मेरठी
एल्बम: अहकाम (मामलात)

इस प्रोग्राम मे बताया गया है कि जिसको वकील बनाया गया हो वो बग़ैर इजाज़त किसी दूसरे को वकील नही बना सकता है। उसके बाद हज्र की परिभाषा बताते हुए कहा गया है कि कुछ लोग ऐसे है जिनको शरीअत अपना माल खर्च करने को रोकती है जैसे बच्चा, दीवाना, सफीह इत्यादि।


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