अलहसनैन इस्लामी नेटवर्क

क़सम

क़सम

पढ़ने वाले: मौलाना सैय्यद असकरी रज़ा रिज़वी मेरठी
एल्बम: अहकाम (मामलात)

इस प्रोग्राम मे सबसे पहले क़सम की परिभाषा बताई गई है कि क़सम वाजिब और मुस्तेहब काम के लिए करना चाहिए। उसके बाद क़सम खाने वाले की कुछ शर्ते बयान की गई है 1 बालिग़ हो 2 आकिल हो 3 इरादा रखता हो 4 इख्तियार हो इत्यादि। बाद मे सदक़े की परिभाषा और कुछ अहकाम बयान किए गए है। 


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