अलहसनैन इस्लामी नेटवर्क

दफ्न

दफ्न

पढ़ने वाले: मौलाना सैय्यद असकरी रज़ा रिज़वी मेरठी
एल्बम: अहकाम (मामलात)

इस प्रोग्राम मे बताया गया है कि मय्यत को इस तरह से दफ्न किया जाए के वो दरिन्दो से महफूज़ रहे और उसकी बू लोगो को तकलीफ न पहुचाए। उसके बाद बताया कि अगर मय्यत को ज़मान मे गाड़ना मुमकिन ना हो तो मय्यत के ऊपर क़ब्र बना सकते है या फिर ताबूत मे रख सकते है।


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