बाप की क़ज़ा नमाज़
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एल्बम: अहकाम (इबादात)
इस प्रोग्राम मे मौलाना साहब ने उस आदमी के बारे मे बताया कि जि और उसने बहुत सारे रोज़े और नमाज़ छोड़े हो और वो मर जाऐ तो ऐसे मरने वाले के बैटे पर उसके बाप की क़ज़ा नमाजे औऱ रोज़े वाजिब होने के बारे मे मौलाना ने जानकारी दी।