जमाअत मे नमाज़ी का फरीज़ा
- में प्रकाशित
एल्बम: अहकाम (इबादात)
इस प्रोग्राम मे सबसे पहले बताया गया है कि एहतियाते मुस्तहब यह है कि इमाम की तकबीरतुल अहराम तमाम होने से पहले नमाज़ी को तकबीर नही कहनी चाहिऐ और फिर मौलाना साहब ने सजदे और रूकुअ के जिक्र को इमामे जमाअत से पढ़ने हुक्म को बयान किया।
Update Required
To play the media you will need to either update your browser to a recent version or update your Flash plugin.
डाउनलोड (14.84 MB)
अवधि: 00:16:11
विज़िट्स: 1122
डाउनलोड: 394