रमज़ानुल मुबारक की दुआऐ

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रमज़ानुल मुबारक की दुआऐ कैटिगिरी: दुआ व ज़ियारात

रमज़ानुल मुबारक की दुआऐ

यह किताब अलहसनैन इस्लामी नेटवर्क की तरफ से संशोधित की गई है।.

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रमज़ानुल मुबारक की दुआऐ

रमज़ानुल मुबारक की दुआऐ

हिंदी

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दुआ ऐ सहर

ऐ गमो अन्दोह मे मेरी पनाहगाह

या मफज़ई इन्दा कुरबती

يَا مَفْزَعِي عِنْدَ كُرْبَتِي

ऐ मुश्किलो मे मेरी मदद करने वाले

या ग़ौसी इन्दा शिद्दती

وَ يَا غَوْثِي عِنْدَ شِدَّتِي

मै तेरी पनाह मे आया हुँ और मै तुझसे ही दुआ माँगता हुँ

इलेयका फज़अतो वा बेकस तग़सतो

اِلَيْكَ فَزِعْتُ وَ بِكَ اسْتَغَثْتُ

और तुझसे ही पनाह चाहता हुँ और किसी से पनाह नही चाहता।

बेका लुज़तो ला अलूज़ो बे सिवाका

وَ بِكَ لُذْتُ لا اَلُوذُ بِسِوَاكَ

अपनी मुश्किलो के हल तेरे अलावा किसी और से नही चाहता। बस तू ही मेरी मदद फरमा।

वला अतलोबुल फरजा इल्ला मिन्का

وَ لا اَطْلُبُ الْفَرَجَ اِلا مِنْكَ فَاَغِثْنِي

मेरे कामो को आसान करदे ऐ वो ज़ात जो कम अमल को भी कुबुल करता है।

व फर्रिज अन्नी या मन यक़बलुल यसीर / मैय्य यक़बलुल यसीर

وَ فَرِّجْ عَنِّي يَا مَنْ يَقْبَلُ الْيَسِيرَ

और बहुत ज्यादा गुनाहो को भी बख्श देता है। मेरी कम इबादतो को कुबुल फरमा।

व यअफु अनील कसीर इक़बल मिन्नील यसीर

وَ يَعْفُو عَنِ الْكَثِيرِ اقْبَلْ مِنِّي الْيَسِيرَ

मेरे बहुत ज्यादा गुनाहो को माफ फरमा क्योकि तू माफ करने वाला और महरबान है।

वअफु अन्नील कसीर ,

इन्नका अन्तल ग़फूरूर रहीम

وَ اعْفُ عَنِّي الْكَثِيرَ اِنَّكَ اَنْتَ الْغَفُورُ الرَّحِيمُ

परवरदिगारा मै तुझसे ऐसा ईमान चाहता हुँ कि जिसमे मेरा दिल साथ हो।

अल्लाहुम्मा इन्नी असअलोका ईमानन तुबाशेरो बेही क़लबी

اللّٰهُمَّ اِنِّي اَسْاَلُكَ اِيمَانا تُبَاشِرُ بِهِ قَلْبِي

ऐसा यक़ीन चाहता हुँ कि कोई चीज़ मुझे ऐसी नही मिली कि

व यक़ीना हत्ता आलमा अन्नहु लनयुसीबनी /लैय्य युसीबनी

و یقینا حَتَّى اَعْلَمَ اَنَّهُ لَنْ يُصِيبَنِي

जिसे तूने मेरे नसीब मे न लिखा हो।

इल्ला मा कतबता ली

اِلا مَا كَتَبْتَ لِي

और जो कुछ तूने मुझे दिया है मुझे उससे राज़ी कर दे। ऐ महरबानो मे सबसे ज्यादा महरबान

व रज़्ज़ेनी मिनल ऐशे बेमा क़समता ली या अरहमर्र राहेमीन

وَ رَضِّنِي مِنَ الْعَيْشِ بِمَا قَسَمْتَ لِي يَا اَرْحَمَ الرَّاحِمِينَ

ऐ गमो अन्दोह मे मेरे जादे सफर

या उद्दती फी कुरबती

يَا عُدَّتِي فِي كُرْبَتِي

ऐ मुश्किलो मे मेरे हमराह

या साहेबी फी शिद्दती

وَ يَا صَاحِبِي فِي شِدَّتِي

ऐ नेमतो मे मेरे सरपरस्त

या वलीय्या फी नेअमती

وَ يَا وَلِيِّي فِي نِعْمَتِي

ऐ मेरे मक़सदो मुहब्बत

या ग़ायती फी रग़बती

وَ يَا غَايَتِي فِي رَغْبَتِي

तूही मेरी बुराईयो को छुपाने वाला है।

अन्तस सातेरो औरती

اَنْتَ السَّاتِرُ عَوْرَتِي

और घबराहट मे मेरे लिऐ जाऐअमन है।

वल आमेनो रोअती

وَ الْآمِنُ رَوْعَتِي

और मेरी गलतीयो को माफ करने वाला है।

वल मुक़ीलो असरती

وَ الْمُقِيلُ عَثْرَتِي

गलतीयो को माफ फरमा।

फ़ग़ फिरली खतीअती

فَاغْفِرْ لِي خَطِيئَتِي

ऐ अर्रहमर राहेमीन

या अरहमर्र राहेमीन।

يَا اَرْحَمَ الرَّاحِمِينَ .

दुआऐ अल्लाहुम्मा रब्बा शहरा रमज़ान

दुआऐ अल्लाहुम्मा रब्बा शहरा रमज़ान

तरजुमा

तलफ्फुज़

اللّهُمَّ رَبَّ شَهْرَ رَمَضانَ الَّذِي أَنْزَلْتَ فِيهِ القُرْآنَ وَافْتَرَضْتَ عَلى عِبادِكَ فِيهِ الصِّيامَ ،

ख़ुदाया ऐ माहे रमज़ान के परवरदिगार तूने इस में क़ुरआन को नाज़िल किया है और तूने इस में अपने बंदों पर फ़र्ज़ किया है रोज़ों को ,

अल्लाहुम्मा रब्बा शहरे रमज़ानल लज़ी अनज़लता फ़ीहिल क़ुरआन वफ़तरज़ता अला इबादेका फ़ीहिस सियाम ,

صَلِّ عَلى مُحَمَّدٍ وَآلِ مُحَمَّدٍ وَارْزُقْنِي حَجَّ بَيْتِكَ الحَرامِ فِي عامِي هذا وَفِي كُلِّ عامٍ

दुरुद नाज़िल कर मुहम्मद व आले मुहम्मद पर और मुझ को अपने बैतुल हराम के हज की तौफ़ीक़ अता कर इस साल और हर साल ,

सल्ले अला मुहम्मदिन व आले मुहम्मद , वरज़ुक़नी हज्जा बैतेकल हराम फ़ी आमी हाज़ा व फ़ी कुल्ले आम ,

وَاغْفِرْ لِي تِلْكَ الذُّنُوبَ العِظامَ فَإِنِّهُ لا يَغْفُرها غَيْرُكَ يا رَحْمنُ يا عَلامُ

हमारे बड़े से बड़े गुनाह को बख़्श दे क्योंकि उसको तेरे अलावा कोई बख़्श नही सकता ऐ रहम करने वाले ऐ जानने वाले ,

वग़फ़िरली तिलकज़ ज़ुनूबल एज़ाम , फ़इन्नहु ला लग़फ़िरुहा ग़ैरुका या रहमानो या अल्लाम