ऐ गमो अन्दोह मे मेरी पनाहगाह
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या मफज़ई इन्दा कुरबती
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يَا مَفْزَعِي عِنْدَ كُرْبَتِي
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ऐ मुश्किलो मे मेरी मदद करने वाले
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या ग़ौसी इन्दा शिद्दती
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وَ يَا غَوْثِي عِنْدَ شِدَّتِي
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मै तेरी पनाह मे आया हुँ और मै तुझसे ही दुआ माँगता हुँ
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इलेयका फज़अतो वा बेकस तग़सतो
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اِلَيْكَ فَزِعْتُ وَ بِكَ اسْتَغَثْتُ
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और तुझसे ही पनाह चाहता हुँ और किसी से पनाह नही चाहता।
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बेका लुज़तो ला अलूज़ो बे सिवाका
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وَ بِكَ لُذْتُ لا اَلُوذُ بِسِوَاكَ
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अपनी मुश्किलो के हल तेरे अलावा किसी और से नही चाहता। बस तू ही मेरी मदद फरमा।
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वला अतलोबुल फरजा इल्ला मिन्का
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وَ لا اَطْلُبُ الْفَرَجَ اِلا مِنْكَ فَاَغِثْنِي
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मेरे कामो को आसान करदे ऐ वो ज़ात जो कम अमल को भी कुबुल करता है।
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व फर्रिज अन्नी या मन यक़बलुल यसीर / मैय्य यक़बलुल यसीर
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وَ فَرِّجْ عَنِّي يَا مَنْ يَقْبَلُ الْيَسِيرَ
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और बहुत ज्यादा गुनाहो को भी बख्श देता है। मेरी कम इबादतो को कुबुल फरमा।
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व यअफु अनील कसीर इक़बल मिन्नील यसीर
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وَ يَعْفُو عَنِ الْكَثِيرِ اقْبَلْ مِنِّي الْيَسِيرَ
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मेरे बहुत ज्यादा गुनाहो को माफ फरमा क्योकि तू माफ करने वाला और महरबान है।
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वअफु अन्नील कसीर ,
इन्नका अन्तल ग़फूरूर रहीम
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وَ اعْفُ عَنِّي الْكَثِيرَ اِنَّكَ اَنْتَ الْغَفُورُ الرَّحِيمُ
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परवरदिगारा मै तुझसे ऐसा ईमान चाहता हुँ कि जिसमे मेरा दिल साथ हो।
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अल्लाहुम्मा इन्नी असअलोका ईमानन तुबाशेरो बेही क़लबी
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اللّٰهُمَّ اِنِّي اَسْاَلُكَ اِيمَانا تُبَاشِرُ بِهِ قَلْبِي
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ऐसा यक़ीन चाहता हुँ कि कोई चीज़ मुझे ऐसी नही मिली कि
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व यक़ीना हत्ता आलमा अन्नहु लनयुसीबनी /लैय्य युसीबनी
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و یقینا حَتَّى اَعْلَمَ اَنَّهُ لَنْ يُصِيبَنِي
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जिसे तूने मेरे नसीब मे न लिखा हो।
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इल्ला मा कतबता ली
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اِلا مَا كَتَبْتَ لِي
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और जो कुछ तूने मुझे दिया है मुझे उससे राज़ी कर दे। ऐ महरबानो मे सबसे ज्यादा महरबान
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व रज़्ज़ेनी मिनल ऐशे बेमा क़समता ली या अरहमर्र राहेमीन
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وَ رَضِّنِي مِنَ الْعَيْشِ بِمَا قَسَمْتَ لِي يَا اَرْحَمَ الرَّاحِمِينَ
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ऐ गमो अन्दोह मे मेरे जादे सफर
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या उद्दती फी कुरबती
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يَا عُدَّتِي فِي كُرْبَتِي
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ऐ मुश्किलो मे मेरे हमराह
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या साहेबी फी शिद्दती
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وَ يَا صَاحِبِي فِي شِدَّتِي
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ऐ नेमतो मे मेरे सरपरस्त
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या वलीय्या फी नेअमती
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وَ يَا وَلِيِّي فِي نِعْمَتِي
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ऐ मेरे मक़सदो मुहब्बत
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या ग़ायती फी रग़बती
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وَ يَا غَايَتِي فِي رَغْبَتِي
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तूही मेरी बुराईयो को छुपाने वाला है।
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अन्तस सातेरो औरती
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اَنْتَ السَّاتِرُ عَوْرَتِي
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और घबराहट मे मेरे लिऐ जाऐअमन है।
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वल आमेनो रोअती
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وَ الْآمِنُ رَوْعَتِي
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और मेरी गलतीयो को माफ करने वाला है।
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वल मुक़ीलो असरती
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وَ الْمُقِيلُ عَثْرَتِي
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गलतीयो को माफ फरमा।
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फ़ग़ फिरली खतीअती
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فَاغْفِرْ لِي خَطِيئَتِي
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ऐ अर्रहमर राहेमीन
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या अरहमर्र राहेमीन।
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يَا اَرْحَمَ الرَّاحِمِينَ .
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दुआऐ अल्लाहुम्मा रब्बा शहरा रमज़ान
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तरजुमा
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तलफ्फुज़
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اللّهُمَّ رَبَّ شَهْرَ رَمَضانَ الَّذِي أَنْزَلْتَ فِيهِ القُرْآنَ وَافْتَرَضْتَ عَلى عِبادِكَ فِيهِ الصِّيامَ ،
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ख़ुदाया ऐ माहे रमज़ान के परवरदिगार तूने इस में क़ुरआन को नाज़िल किया है और तूने इस में अपने बंदों पर फ़र्ज़ किया है रोज़ों को ,
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अल्लाहुम्मा रब्बा शहरे रमज़ानल लज़ी अनज़लता फ़ीहिल क़ुरआन वफ़तरज़ता अला इबादेका फ़ीहिस सियाम ,
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صَلِّ عَلى مُحَمَّدٍ وَآلِ مُحَمَّدٍ وَارْزُقْنِي حَجَّ بَيْتِكَ الحَرامِ فِي عامِي هذا وَفِي كُلِّ عامٍ
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दुरुद नाज़िल कर मुहम्मद व आले मुहम्मद पर और मुझ को अपने बैतुल हराम के हज की तौफ़ीक़ अता कर इस साल और हर साल ,
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सल्ले अला मुहम्मदिन व आले मुहम्मद , वरज़ुक़नी हज्जा बैतेकल हराम फ़ी आमी हाज़ा व फ़ी कुल्ले आम ,
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وَاغْفِرْ لِي تِلْكَ الذُّنُوبَ العِظامَ فَإِنِّهُ لا يَغْفُرها غَيْرُكَ يا رَحْمنُ يا عَلامُ
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हमारे बड़े से बड़े गुनाह को बख़्श दे क्योंकि उसको तेरे अलावा कोई बख़्श नही सकता ऐ रहम करने वाले ऐ जानने वाले ,
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वग़फ़िरली तिलकज़ ज़ुनूबल एज़ाम , फ़इन्नहु ला लग़फ़िरुहा ग़ैरुका या रहमानो या अल्लाम
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