अलहसनैन इस्लामी नेटवर्क

नज़र 2

नज़र 2

पढ़ने वाले: मौलाना सैय्यद असकरी रज़ा रिज़वी मेरठी
एल्बम: अहकाम (मामलात)

इस प्रोग्राम मे बताया गया है कि उस काम की नज़र करे जिस काम का देना मुमकिन हो और इरादे और इख्तियार से नज़र करे। वाजिब और मुस्तहेब कामों को अन्जाम देने की नज़र करना सही है।


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