अलहसनैन इस्लामी नेटवर्क

हज़रत आयतुल्लाहिल उज़मा हाज शेख हुसैन वहीद खुरासानी

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हज़रत आयतुल्लाहिल उज़मा वहीद खुरासानी सन्1300 हिजरी शम्सी मे मुक़द्दस व पवित्र शहर मशहद मे पैदा हुए।उन्होने प्रारम्भिक शिक्षा पूर्ण करने के बाद सतही तालीम(उच्च शिक्षा) आयतुल्लाह हाज शेख मुहम्मद निहावन्दी के सम्मुख प्राप्त की। तथा बाद मे आयतुल्लाहिल उज़मा मिर्ज़ा महदी इस्फ़हानी व आयतुल्लाहिल उज़मा आशतियानी के दर्से खारिज से ज्ञान लाभ प्राप्त किया। उन्होने फ़लसफ़ा व हिकमत को मरहूम मिर्ज़ा अबुल क़ासिम इलाही व मिर्ज़ा महदी इस्फ़हानी से पढ़ा।
27 वर्ष की आयु मे वह अपनी शिक्षा को पूर्ण करने  के उद्देश्य से नजफ़े अशरफ़ गये और वहाँ पर आयतुल्लाहिल उज़मा सैय्यिद अबुल क़ासिम खुई से ज्ञान लाभ प्राप्त किया। वर्तमान समय मे वह आयतुल्लाहिल उज़मा खुई के मुख्य शिष्यों मे गिने जाते हैं।

 उन्होने सन् 1378 हिजरी क़मरी मे फ़िक़्ह व उसूल का दर्से खारिज कहना शुरू किया और 12 वर्षों तक नजफ़ के होज़े मे दर्से खारिज कहते रहे।

1390 हिजरी क़मरी मे ईरान आने के बाद उन्होने मशहदे मुक़द्दस मे शिक्षण कार्य किया और एक वर्ष वहाँ रुकने के बाद क़ुमे मुक़द्देसा मे आये और यहाँ पर फ़िक़्ह व उसूल का दर्से खारिज कहने लगे। वर्तमान समय मे होज़े इल्मिया क़ुम के बहुतसे तालिबे इल्म इनके दर्स से ज्ञान लाभ प्राप्त कर रहे हैं।

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