अलहसनैन इस्लामी नेटवर्क

नमाज़

तरकीबे नमाज़

तरकीबे नमाज़

अक़ामत के बाद सीधा खड़ा हो क़िब्ला की तरफ़ मुंह करके और इस तरह नियत करें नमाज़ पढ़ता हूँ मैं (जैसे) सुबह की दो रकअत वाजिब क़ुर्बतन इलल्लाह इसके साथ ही तकबीर कहें यानी अल्लाहु अकबर ब आवाज़ बलन्द कहें ,इसके बाद हम्द बिस्मिल्लाह के साथ पढ़ें।

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सज्दाऐ सहव का तरीक़ा

सज्दाऐ सहव का तरीक़ा  सलामे नमाज़ के बाद इंसान फ़ौरन सज्दा ए सहव की नीयत करे एहतियाते लाज़िम की बिना पर पेशानी किसी ऐसी चीज़ पर रख दे जिस पर सज्दा करना सहीह हो और ..

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नमाज़े ग़ुफ़ैला

नमाज़े ग़ुफ़ैला

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अज़ान व इक़ामत

अज़ान व इक़ामत हर मर्द और औरत के लिए मुस्तहब है कि रोज़ाना की वाजिब नमाज़ों से पहले अज़ान व इक़ामत कहे। इनके अलावा दूसरी वाजिब और मुस्तहब नमाज़ों से पहले अज़ान व इक़ामत कहना मशरूअ नही है। लेकिन अगर ईदे फ़ित्र और ईदे क़ुरबान की नमाज़ जमाअत के साथ पढ़ी जा रही हो तो मुस्तहब है कि नमाज़ से पहले तीन बार अस्सलात कहे।

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नमाज़े आयात पढ़ने का तरीक़ा

नमाज़े आयात पढ़ने का तरीक़ा नमाज़े आयात की दो रकअतें हैं और हर रकअत में पाँच रुकूअ हैं। इस के पढ़ने का तरीक़ा यह है कि नियत करने के बाद इंसान तकबीर कहे और एक दफ़ा अलहम्द और एक पूरा सूरह पढ़े और रुकूअ में जाए और फिर रुकूअ से सर उठाए फिर दोबारा एक दफ़ा अलहम्द और एक सूरह पढ़े और फिर रुकूअ में जाए। इस अमल को पांच दफ़ा

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नमाज़े आयात के अहकाम

नमाज़े आयात के अहकाम ज़रुरी है कि पहले यौमिया नमाज़ को तमाम करे ..........

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नमाज़े मय्यत का तरीक़ा

नमाज़े मय्यत का तरीक़ा माज़े मैयित में पाँच तकबीरें हैं, अगर नमाज़ पढ़ने वाला निम्न लिखित तरतीब से पाँच तकबीरें कहे तो काफ़ी है।

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नमाज़े वहशते क़ब्र

नमाज़े वहशते क़ब्र उसके पढ़ने का तरीक़ा यह है कि पहली रकत में सूरः ए अलहम्द के बाद एक बार आयतल कुर्सी और दूसरी रकत में हम्द के बाद दस बार सूरः ए इन्ना अनज़लना पढ़े और नमाज़ का सलाम पढ़ने के बाद कहे अल्लाहुम्मा सल्लि अला मुहम्मदिन व आलि मुहम्मद वबअस सवा-बहा इला क़ब्रि----ख़ाली जगह पर मैयित का नाम ले।  

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नमाज़े मय्यत की मुस्तहब चीज़े

नमाज़े मय्यत की मुस्तहब चीज़े नमाज़े मैयित पढ़ने वाले को वुज़ू, ग़ुस्ल या तयम्मुम करना चाहिए और एहतियात यह है कि तयम्मुम उस वक़्त करना चाहिए जब वुज़ू या ग़ुस्ल करना मुमकिन न हो, या यह डर हो कि अगर वुज़ू या ग़ुस्ल किया तो नमाज़ में शरीक न हो सकेगा।

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नमाज़े मय्यत के अहकाम

नमाज़े मय्यत के अहकाम एहतियाते लाज़िम की बिना पर, उस बच्चे की मैयित पर भी नमाज़ पढ़नी चाहिए जो अभी छः साल का न हुआ हो, लेकिन नमाज़ को जानता हो, और अगर नमाज़ को न जानता हो तो रजाअ की नियत से नमाज़ पढ़ने में कोई हरज नही है। जो बच्चा मुर्दा पैदा हुआ हो उसकी नमाज़े मैयित पढ़ना मुस्तहब नही है।

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मुस्तहब नमाज़ें

मुस्तहब नमाज़ें

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(नमाज़े शब)

(नमाज़े शब)

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नमाज़ का तर्जमा

नमाज़ का तर्जमा

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नमाज़े जुमा के अहकाम

नमाज़े जुमा के अहकाम

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अज़ान व इक़ामत

अज़ान व इक़ामत

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मस्जिद के अहकाम

मस्जिद के अहकाम

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वाजिब नमाज़ें

वाजिब नमाज़ें

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नमाज़ और बेदारी

नमाज़ और बेदारी

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नमाज़ और सलाम

नमाज़ और सलाम

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नमाज़ मुशकिलों का हल

नमाज़ मुशकिलों का हल

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