ख़ुम्स
खुम्स को कहाँ खर्च करे
- में प्रकाशित
ज़रूरी है कि ख़ुम्स दो हिस्सों में तक़्सीम किया जाए। उसका एक हिस्सा सादात का हक़ है और ज़रूरी है कि किसी फ़क़ीर सैय्यद या यतीम सैय्यद या ऐसे सैय्यद को दिया जाए जो सफ़र में नाचार हो गया हो और दूसरा हिस्सा इमाम (अ0) का है जो ज़रूरी है कि मौजूदा ज़माने में जामिइश शराइत मुज्तहिद को दिया जाए या ऐसे कामों पर जिस की वह मुज्तहिद इजाज़त दे ख़र्च किया जाए और एहतियाते लाज़िम यह है कि वह मर्जअ अअलम उमूमी मसलेहतों से आगाह हो...........
किन चीज़ो पर खुम्स वाजिब है।
- में प्रकाशित
-
- लेखक:
- हज़रत आयतुल्लाह सैय्यद अली सीसतानी साहब
- स्रोत:
- तोज़ीहुल मसाइल
जब इंसान तिजारत, सन्अत व हिर्फ़त या दूसरे काम धंदों से रुपया पैसा कमाए, मिसाल के तौर पर अगर कोई अजीर बन कर किसी मुतवफ़्फ़ी की नमाज़ें पढ़े और रोज़ा रखे और इस तरह कुछ रुपया कमाए लिहाज़ा अगर वह कमाई ख़ुद उसके और उसके अहलो अयाल के साल भर के अख़राजात से ज़्यादा हो तो ज़रूरी है कि ज़ायद कमाई का ख़ुम्स यानी पांचवां हिस्सा उस तरीक़े के मुताबिक दे जिसकी तफ़्सील बाद में बयान होगी।
- «
- प्रारंभ
- पिछला
- 1
- अगला
- अंत
- »