हज
हज के अह्काम
- में प्रकाशित
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- लेखक:
- हज़रत आयतुल्लाह सैय्यद अली सीसतानी साहब
- स्रोत:
- तोज़ीहुल मसाइल
बैतुल्लाह की ज़ियारत करने और उन अअमाल को बजा लाने का नाम हज है जिनके वहां बजा लाने का हुक्म दिया गया है और उसकी अदायगी हर उस शख़्स के लिए जो मुन्दारिजा ज़ैल शराइत पूरी करता हो तमाम उम्र में एक दफ़्आ वाजिब हैः
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