ज़ियाराते ईरान, इराक़
हज़रत हमज़ा इब्ने इमाम काज़िम अलैहिस्सलाम
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- सैय्यद मौहम्मद मीसम नक़वी
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- .abdolazim.com
जनाबे अब्दुल अज़ीम हसनी शहरे रै मे सुकुनत के वक़्त मे हमेशा आपकी ज़ियारत को आया ......
सैय्यद ताहिर अलैहिस्सलाम
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- सैय्यद मौहम्मद मीसम नक़वी
आपकी क़ब्रे मुबारक को खोला तो आपका जिस्म बिल्कुल इस तरह पाया गया कि जैसे अभी अभी इस मैय्यत को दफ्न किया हो.....
ख़तीबे दार जनाबे मीसमे तम्मार
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- सैय्यद मौहम्मद मीसम नक़वी
जनाबे मीसम का अस्ल नाम सालिम था लेकिन जब इमाम अली ने आपको ख़रीद कर आज़ाद किया तो आपका नाम पूछा जनाबे मीसम ने जवाब मे सालिम नाम बताया, इमाम अली ने फरमाया कि पैग़म्बर ने मुझे बताया है कि तुम्हारे माँ-बाप ने तुम्हारा नाम मीसम रखा था तो जनाबे मीसम ने क़सम खा कर कहा कि आपने सच फरमाया है उसके बाद इमाम अली ने आपका नाम मीसम रख दिया और आपकी कुन्नीयत अबुसालिम कर दी।
इमामज़ादे सैय्यद इब्राहिम मुजाब अलैहिस्सलाम
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- सैय्यद मौहम्मद मीसम नक़वी
तो इमाम हुसैन की कब्र से आपको जवाब आयाः अलैकुम सलाम मेरे बेटे।
शार्गिदे इमाम अली रूशैद हजरी
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- सैय्यद मौहम्मद मीसम नक़वी
जनाबे रूशैद ने इमाम अली (अ.स) की खास फोर्स शुरतातुल खमीस मे रह कर ..................
जनाब मूसा मुबरक़ा
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- नजमुल हसन कर्रारवी
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- चौदह सितारे
हज़रत मूसा मुबरक़ा (अ. र.) हज़रत इमाम मोहम्मद तक़ी (अ.स.) के फ़रज़न्द और हज़रत इमाम अली नक़ी (अ.स.) के बरादरे अज़ीज़ थे। आपकी कुन्नीयत अबू जाफ़र और अबू अहमद थी।
राज़दारे इमाम अली जनाबे कुमैल बिन ज़्याद
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- सैय्यद मौहम्मद मीसम नक़वी
इस क़बीले के लोगो ने रसूले इस्लाम के ज़माने मे होने वाली जंगो मे भी शिरकत की और दरजा-ऐ- शहादत पर फाएज़ ......
बीबी शतीता
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- सैय्यद मौहम्मद मीसम नक़वी
इमाम काज़िम (अ.स) ने फरमाया कि उस से कहना कि उसकी नमाज़े जनाज़ा मैं खुद पढ़ाऊँगा।
शाह अब्दुल अज़ीम हसनी
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- सैय्यद मौहम्मद मीसम नक़वी
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- .abdolazim.com
जब भी तुम्हारे शहर मे दीनी कामो के बारे मे मुश्किल पैदा हो जाऐ तो अब्दुल अज़ीम बिन अब्दुल्लाह हसनी से पूछ लो।
इमामज़ादे अबुजाफर सैय्यद मौहम्मद
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- सैय्यद मौहम्मद मीसम नक़वी
आपकी इज़्ज़तो अहतेराम की वजह से इराक के लोग आपके नाम की क़सम खाते हुऐ भी डरते है।
हज़रते अबासलत
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- सैय्यद मौहम्मद मीसम नक़वी
हकीकत ये है कि हज़रते अबासलत इमाम रज़ा अ.स के खरीदे हुऐ ग़ुलाम
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