इमामे हुसैन(अ)
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मोहर्रम
लेख: 76 -
शौहदाऐ करबला
लेख: 7
इमाम हुसैन नें बैअत क्यों नहीं की
- में प्रकाशित
इस में कुछ शक नही कि इमाम हुसैन (अ) ने बैअते यज़ीद के साथ निहायत सख़्ती से इंकार किया क्यो कि इमाम (अ) जानते थे
इमाम हुसैन के बा वफ़ा असहाब
- में प्रकाशित
मैंने अपने असहाब से आलम और बेहतर किसी के असहाब को नही पाया।
जनाबे ज़ैनब का भाई की लाश पर रोना
- में प्रकाशित
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- लेखक:
- सैय्यद इब्ने ताऊस
- स्रोत:
- लहूफ
या मौहम्मद ऐ जददे बुर्जुगवार आप पर आसमान के फरिशते दरुद भेजते है और ये आप हुसैन है कि जो रेत पर अपने खून मे ग़लता है। इसके आज़ा एक दुसरे से जुदा हो चुके है और ये तेरी बेटियाँ है जो क़ैदी बनी हुई है।
शहादत इमाम हुसैन मानव इतिहास की बहुत बड़ी त्रासदी
- में प्रकाशित
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- लेखक:
- प्रोफेसर अख्तरुल वासे
- स्रोत:
- (उर्दू से अनुवाद- समीउर रहमान, न्यु एज इस्लाम)
इस महीने के विचार से बुनियादी स्तर पर जुड़ी हैं: लोग रसूलुल्लाह सल्लल्लाहू अलैहि वसल्लम के मदीना हिजरत और रसूलुल्लाह के दूसरे नवासे हज़रत हुसैन रज़ियल्लाहू अन्हू की कर्बला में शहादत।
इमाम हुसैन अ.स. की ज़ियारत के आदाब
- में प्रकाशित
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- स्रोत:
- विलायत पोर्टल
कर्बला में दाख़िल होते समय दिल में ग़म और आंखों में आंसू ही इमाम हुसैन अ.स. के हरम में जाने की अनुमति है, अगर ज़ाएर में यह हालत पाई गई तो समझो उसे अनुमति मिल गई, और अगर यह हालत नहीं पैदा हुई तो उसे अंदर जाने से रुक जाना चाहिए, शायद अल्लाह की ख़ास नज़र उस पर हो जाए और उसके अंदर यह हालत पैदा हो जाए।
मारेफत के साथ ज़ियारते इमाम हुसैन (अ.स.) का सवाब
- में प्रकाशित
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- स्रोत:
- (कामिलुज़ ज़ियारात)
जो शख्स भी इमाम हुसैन (अ.स.) के हक़ की मारेफत रखते हुऐ उनकी कब्र पर आऐगा तो अल्लाह तआला उसके तमाम अगले और पिछले गुनाह ...
इमाम हुसैन अ.स. का ग़म और अहले सुन्नत
- में प्रकाशित
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- स्रोत:
- विलायत पोर्टल
सूरए यूसुफ़ में अल्लाह हज़रत याक़ूब अ.स. के बारे में फ़रमाता है कि वह हमेशा हज़रत यूसुफ़ के बिछड़ने पर रोते रहते थे यहां तक कि आप हज़रत यूसुफ़ के लिए इतना रोए कि आपकी आंखों की रौशनी चली गई। अहले सुन्नत के बड़े आलिम जलालुद्दीन सियूती अपनी मशहूर तफ़सीर दुर्रुल मनसूर में लिखते हैं कि हज़रत याक़ूब अ.स. ने अपने बेटे हज़रत यूसुफ़ अ.स. के बिछड़ने के ग़म में 80 साल आंसू बहाए और उनकी आंखों की रौशनी चली गई।
इमामे हुसैन (अ)
- में प्रकाशित
जन्म सन् चार (4) हिजरी क़मरी में शाबान मास की तीसरी (3) तिथि को पवित्र शहर मदीनेमें हुआ था।
इमाम हुसैन(अ)का आन्दोलन
- में प्रकाशित
इस घटना से इमाम हुसैन बहुत दुखी हुए और उन्होंने रोते हुए कहा, हे हबीब, ईश्वर तुम्हे विभूतियां प्रदान करे। तुम बहुत विशेषताओं के स्वामी थे। ईश्वर तुम पर कृपा करे।
अमर सच्चाई, इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम
- में प्रकाशित
सबसे अधिक क्षमाशील व्यक्ति वह है जो शक्ति रखते हुए भी क्षमा कर दे।
इमाम हुसैन (अस) : संक्षिप्त परिचय
- में प्रकाशित
पिछले 1400 वर्षों के दौरान, साहित्य की एक अभूतपूर्व राशि दुनिया की लगभग हर भाषा में इमाम हुसैन (अस) , पर लिखी गयी है, जिसमे मुख्य रूप से इमाम हुसैन (अस) के सन 61हिजरी में कर्बला में अवर्णनीय बलिदान का विशेष अस्थान और सम्मान है
नक़्शे इल्लल्लाह सहरा में लिख दिया
- में प्रकाशित
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- लेखक:
- क़ल्बे हैदर
सिर्फ़ शजर ए तैय्यबा की एक शाख़ थी जो पूरे आब व ताब से ख़ज़ाँ का मुक़ाबला कर रही थी।
हज़रत इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम का जीवन परिचय
- में प्रकाशित
इतिहासकार मसूदी ने उल्लेख किया है कि इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम छः वर्ष की आयु तक हज़रत पैगम्बर(स.) के साथ रहे।