इमामे सज्जाद(अ)
ख़ुत्बाए इमाम ज़ैनुल आबेदीन (अ0) (बाज़ारे कूफ़ा में)
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- लेखक:
- सय्यदा अक़लीम फ़ातिमा काज़मी
तुमने मेरी इतरत व औलाद को मार डाला, मेरी हतक हुरमत की, पस तुम मेरी उम्मत से नहीं हो!’
वाकेआ ऐ हुर्रा
- में प्रकाशित
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- लेखक:
- अनुवादकः सैय्यद मौहम्मद मीसम नक़वी
ये वाकिआ 63 हिजरी के ज़िलहिज्जा के महीने मे पेश आया (1)और वाकेआ ऐ हुर्रा के नाम से मशहूर हुआ।(2) करबला के खूनी वाकेऐ के बाद लोग यज़ीद की खबासत और बेदीनी को जान गऐ थे इसलिऐ लोगो ने इसके खिलाफ जिहाद और कयाम करना शूरू कर दिया। अब्दुल्ला बिन हनज़ला और दूसरे असरदार लोगो ने मदीने मे खूनी इंक़ेलाब बरपा करने शूरू कर दिये।
ख़ानदाने नुबुव्वत का चाँद हज़रत इमाम ज़ैनुल आबेदीन अलैहिस सलाम
- में प्रकाशित
आप को रसूले ख़ुदा (स) ने ज़ैनुल आबेदीन कह कर याद किया है
हज़रत इमाम सज्जाद अ.स.
- में प्रकाशित
हज़रत इमाम सज्जाद अलैहिस्सलाम का जन्म सन् 38 हिजरी मे जमादुल ऊला मास की पनद्रहवी (15) तारीख को मदीना नामक पवित्र शहर मे हुआ था।
साजेदीन की शान इमामे सज्जाद अलैहिस्सलाम
- में प्रकाशित
तारीख़ के सफ़हात पर ऐसे सरफ़रोशों की कमी नहीं जिन के जिस्म को तो वक्त के ज़ालिमों और जल्लादों ने क़ैदी तो कर दिया लेकिन उन की अज़ीम रुह, उन के ज़मीर को वह क़ैदी बनाने से आजिज़ रहे, ऐसे फ़ौलादी इन्सान जो ज़ंजीरों में जकड़े हुए भी अपनी आज़ाद रुह की वजह से
हज़रत इमाम सज्जाद अलैहिस्सलाम का जीवन परिचय
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इमामे सज्जाद अलैहिस्सलाम का नाम अली व आपकी मुख्य उपाधि सज्जाद हैं।
इमाम सज्जाद अलैहिस्सलाम का जन्मदिवस
- में प्रकाशित
हज़रत इमाम सज्जाद लैहिस्सलाम अपरिचित व्यक्ति के रूप में और केवल महान ईश्वर की प्रसन्नता के लिए लोगों की सेवा करते थे।
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