लेख
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क़ुरआने करीम
लेख: 1, सारी कैटिगिरी: 5 -
अक़ीदे
सारी कैटिगिरी: 8 -
रसुले अकरम व अहले बैत
सारी कैटिगिरी: 16 -
हदीस
लेख: 1, सारी कैटिगिरी: 4 -
अहकाम
सारी कैटिगिरी: 8 -
इतिहास
सारी कैटिगिरी: 6 -
परिवार व समाज
सारी कैटिगिरी: 3 -
अख़लाक़ व दुआ
लेख: 16, सारी कैटिगिरी: 4 -
शेर व अदब
सारी कैटिगिरी: 2
ज़ुहूर कब
- में प्रकाशित
हज़रत इमाम सादिक़ (अ. स.) फरमाते हैं कि “हमने न तो कभी पहले ज़हूर के लिए कोई वक़्त निश्चित किया है और न ही इसके लिए भविष्य में कोई वक़्त निश्चित करेंगे...।”
इमाम अस्र (अ) कुरआने करीम की रौशनी में
- में प्रकाशित
अली(अ) उनकी ज़ौजा और उनकी औलाद हुज्ज्ते ख़ुदा है। इनसे हिदायत हासिल करने वाला सिराते मुस्तक़ीम की तरफ़ हिदायत पाने वाला है।(रसूले अकरम(स)) (शवाहिदुत तनज़ील जिल्द 1 पेज 58)
हज़रत इमाम हसन असकरी अलैहिस्सलाम की शहादत
- में प्रकाशित
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- स्रोत:
- irib.ir
8 रबीउल अव्वल को हज़रत इमाम हसन अस्करी अलैहिस्सलाम का शहादत दिवस है। उन्होंने अपनी 28 साल की ज़िन्दगी में दुश्मनों की ओर से बहुत से दुख उठाए और तत्कालीन अब्बासी शासक ‘मोतमद’ के किराए के टट्टुओं के हाथों इराक़ के सामर्रा इलाक़े में ज़हर से आठ दिन तक पीड़ा सहने के बाद इस दुनिया से चल बसे।
इमाम असकरी अलैहिस्सलाम और उरूजे फिक्र
- में प्रकाशित
शिया सुन्नी दोनो के उलामा ने लिखा है कि एक दिन इमाम हसन असकरी अलैहिस्सलाम एक ऐसी जगह पर खड़े थे जिस जगह कुछ बच्चे खेल रहे थे इत्तिफाक़न उसी वक्त आरिफे आले मौहम्मद जनाबे बहलोल दाना का गुज़र उधर से हुआ। उन्होने ये देखा कि सब बच्चे खेल रहे है।
अब्बासी हुकूमत का, इमाम हसन असकरी अ.स. से डरने का कारण
- में प्रकाशित
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- स्रोत:
- विलायत पोर्टल
इराक़ में शियों की तादाद बहुत अधिक हो चुकी थी, अत्याचारी हुकूमत, अल्वियों (इमाम अली अ.स. की पैरवी करने वाले और उस समय इमाम हसन असकरी अ.स. का साथ देने वाले) के सत्ता में आने से भयभीत हो रही थी, और उन्हें डर था कि कहीं इमाम हसन असकरी अ.स. के नेतृत्व में अब्बासियों का तख़्ता पलट न हो जाए। शिया इस दौर में इतने मज़बूत हो चुके थे कि ..........
रसूले अकरम के आखरी जुमले
- में प्रकाशित
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- लेखक:
- सैय्यद ताजदार हुसैन ज़ैदी
- स्रोत:
- इस्लाम 14
पूरे मदीने को अफ़रा तफ़री और घबराहट का महौल घेरे हुए था, पैग़म्बर (स) के साथी आँसुओं भरी आँखों, दुखी दिलों और परेशानी के साथ पैग़म्बर (स) के घर के आस पास जमा थे, ताकि किसी प्रकार पैग़म्बर (स) के स्वास्थ के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकें, हर थोड़ी देर के बाद घर से कुछ सूचनाएं आ रही थीं, जो पैग़म्बर (स) के बिगड़ते स्वास्थ को बयान कर रही थीं, और सबको बता रहीं थी कि पैग़म्बर (स) के पवित्र जीवन के कुछ पल ही इस संसार में बाक़ी रह गए हैं। .
रसूले अकरम और वेद
- में प्रकाशित
वेदों में नराशंस या मुहम्मद (सल्ल॰) के आने की भविष्यवाणी कोई आश्चर्यजनक बात नहीं है, बल्कि धर्मिक ग्रंथों में ईशदूतों (पैग़म्बरों) के आगमन की पूर्व सूचना मिलती रही है। यह ज़रूर चमत्कारिक बात है कि हज़रत मुहम्मद (सल्ल॰) के आने की भविष्यवाणी जितनी अधिक धार्मिक ग्रंथों में की गई है,
शहादते इमाम हसन
- में प्रकाशित
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- लेखक:
- सैय्यद मौहम्मद मीसम नक़वी
और जब इमाम शहीद हो गऐ और उनके जिस्मे अतहर को रसूले खुदा (स.अ.व.व) के रोज़ाऐ मुबारक मे दफ्न करने के लिऐ ले जाया जाने लगा तो मरवान बिन हकम और सईद बिन आस आपके वहा दफ्न होने की मुखालिफत करने लगे और उनके साथ-साथ आयशा भी मुखालिफत करने लगी और कहने लगी कि मै हसन के यही दफ्न होने की बिल्कुल इजाज़त नही दूंगी क्यो कि ये मेरा घर है।

