अलहसनैन इस्लामी नेटवर्क

नज़र

नज़र

पढ़ने वाले: मौलाना सैय्यद असकरी रज़ा रिज़वी मेरठी

इस प्रोग्राम मे सबसे पहले नज़र की परिभाषा बताते हुए कहा गया है कि नज़र के दो (2) मआनी है (1) नज़र करना (2) नज़र मानना उसके बाद नज़र के कुछ अहकाम बताए गये है।


डाउनलोड (3.62 MB)
अवधि: 00:15:13
विज़िट्स: 4450
डाउनलोड: 407

आपका कमेंन्टस

यूज़र कमेंन्टस

कमेन्ट्स नही है
*
*

अलहसनैन इस्लामी नेटवर्क