खैरात
- में प्रकाशित
पढ़ने वाले: मौलाना सैय्यद असकरी रज़ा रिज़वी मेरठी
इस प्रोग्राम में सदक़े की फज़ीलत बयान करते हुए कहा गया है कि सदक़े से नागाहनी मौत नही आती है और बड़े गुनाह मआफ हो जाते है। उसके बाद सदक़े की दो क़िस्मे बताई 1.वाजिब 2 मुस्तहेब। आखिर मे बताया कि सदक़ा छुपा कर देना बेहतर है।
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