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ख़्वाब की ताबीर

ख़्वाब की ताबीर

लेखक:
हिंदी

यह किताब अलहसनैन इस्लामी नेटवर्क की तरफ से संशोधित की गई है।.

(हे.)

1. हव्वा (अ. स.) को देखना

दराज़ीए उम्रो दौलत इक़बाल. ऐशो नेअमत और मरफ़उल हाल हो।

2. हूरैन को देखना

मालो इज़्ज़तो शरफ़ पाये हके ताला गुनाह अफ़ो फ़रमाये

3. हूर से सोहबतकरना

आली ख़ानदान औरत से निकाह हो दौलत बरकतो फ़लाह हो।

4. और बुर्ज को देखना

बादशाह का कुर्बो मुसाहिब हो अमीन मोतमद वासा मनाक़िबहो।

5. हामिलाने अर्श को दोखना

बादशाह के दरबारमें रसाई मुराद बर आये ऐश का सामान हो।

6. हज करना

बादशाह हाकिमे वक़्त मेहरबान हो मुराद दिली बर आये।

7. हरमे महरम मे दाखिल होना।

मर्तबा बुजुर्ग पाये।दो जहान की नेक बख़्ती पाये।

8. हजामत

मर्द के वास्ते इज़्ज़तो शादमानी औरत को मासीयत और ख़िजालत की निशानी है।

9. हल्वा या हंरीरा खाना

उम्र दराज़हो इशरत दमसाज़ हो माले दुनिया से बेनियाज़ हो।

10. हमाम जाना

क़र्ज़ मे मुब्तिला हो ख़ाली देख मुफ़लिसी सवार हो।

11. हमाम में गुस्ल करना

अदाये कर्ज़ होदिल को चैनहो ग़र्म पानी देखे तो ग़म और रंजमें मुब्तला हो और सर्द पानी देखे तो मुफलिसी और तंगी से रिहाई हो।

12. हमाम जदीद देखना

उस क़रिये की औरत अक़्द मेंआये बहुत मालो दौलत साथ लाये।

13. हमाम की बुनियाद डालना

दिली मुराद बर आये औरत हामलाहो माल पाये।

14 हाएज़ औरत का अपने को देखना

गुनाहे अज़ीम में मुब्तिला हो रंजो ग़म का सामना हो।

15. हैज़ से मर्द का आपको देखना

औरत फ़ाहेशा से अत्तिहाद करे याऔरत उसका नंगो नामूस बरबाद करे।

16. हैज़ बन्द होते देखना

कामयाबी व फ़िरोज़ी हो फ़रज़न्द हसीन की बशारत हो।

17. हैज़ का गुस्ल करना

बीमारीको सेहत और गुनाहगार की मग़फिरत हो।

18 हाएज़ अपनी औरतको दैखना

दुनियाके कामों में तंगी और अगर गुस्ल हैज़ करते देखे कुशादगी पाये।

19. हुक्का पीना

किसी महबूब या रईस से हमकलाम हो मर्ज़ से सेहत मिले आराम हो।

20. हिक्ना करते देखना

अगर हिक़्ना से तकलीफ हो तो बदहाली दलील है और जो राहत पहुँचे ख़ैरो मंफअतकी सबील है।

21. हजरे असवद को बोसा देना

दीन की ख़ुबी और बेहतरी सिवा है आलिमोंसे इत्तिहाद पैदा हो।

22. हलाज को देखना

मर्दे बुजुर्गो करीम से सोहबत हो वुसअते रिज़्क़ हो।

23. हौज़े कौसर को देखना या उसमे नहाना

इल्मे दीनी से कामयाबी माल से मंफ़अत हो

24 हौज़ का पानी देखना उसमे नहाना

कुल्फ़तो मुसीबत धुल जाये औहदाऐ जलीला नेअमत पाये अगर पानी से डरे बीमारी दूर हो।

25. हरमे काबा देखना

दीनवी रंजो अलम दुर होने और मसर्रत हासिल होने के मुतरादिफ़ है

26. हराम खाना

हराम जानवर का गोश्त खाते देखना रंजो अलम मे मुबतिला होने की अलामत है।

27. हिसाब करना

ख़वाब मे हिसाब करना फ़िक्रो अन्दोह में मुब्तिला होने ती निशानी है।

28. हसनैन (अ. स.) की ज़ियारत करना

इमाम हसन (अ. स.)इमाम हुसैन (अ. स.) की ज़ियारत करना ख़ैरो बरकत हासिल होने औरलोगों मे बरकत पाने की दलील है।

29. हुक्म

ख़्वाब में हुक्म चलाना अपने औहदे पर बहाल रहने की ताबीर है और लोगों से काम लेने के मुतरादिफ है।

30. हुकूमत करना

सरकशी और आज़ादी की निशानी अगर कोई शख़्स ख़वाब में हाक़िम बने या हुकूमत करता देखे तो ख़ल्क में बदनाम होने की अलामत है।

31. हकीम

ख़वाब में हकीम को बीमार का इलाज करते देखना गुनाहों से तायब होने की अलामत है अगर कोई शख़्स लोगो को इलाज करता देखे तो हिदायत और इल्म सिखाने के मुतरादिफ है।

32. हलाल

ख़्वाब में हलाल माल खाना ख़ैरोबरकत का मोजिब है अगरकिसी हलाल जानवर को हलाल करता देखे तो हाकिमे वक़्त से नफा पहुँचने का सबब है।

(खे.)

1. ख़िज़्र को देखना

तूलानी जिन्दगी पाये बाबे रहमत खुल जाये।

2. ख़तीब को देखना

झिड़कियॉ खाये नसीहत उठाये वो काम करेजिसमें जग हँसाई हो।

3. ख़तीब गैर नस्ल को देखना।

रंजो ग़म पहुँचना तबीअत को परेशानी हो नेक कामों से नफरत व पशेमानी हो

4. ख़तीब से मिलना

रफ़ीक मरदमे हक शनासव आबरूदार हो कोई हाकिमहामी आमद्दगार हो।

5. खुत्बा ख़तीब का पढ़ना

बुजुर्गी व फ़ज़ीलत पाये

6. खुत्बा औरत को सरेमिम्बर पढते देखना मर्द उसका रूस्वा हो जाये हम चश्मों के आगे नसीहत पाये।

7. खुत्बा बादशाह को पढ़ते देखना

अगर बादशाह नेक आमाल है अदलो इन्साफ करे अगर मुफसिदहै तौबा करे।

8. खुत्बा के साथ सीग़ये निकाह पढ़ना

ख़ैरो एहसानमे शौहरत पाये मंफ़अत और बेहतरी दो जहानमे पाये।

9. खत्बा काफ़िर को पढ़ते देखना

दलीलहै कि वो शख़्स इस्लाम लाये फ़ज़्ले हक़ से दौलते ईमान पाये।

10. खुत्बा ग़ैर ख़तीब का पढ़ना

वो शख़्स सफ़र को जाये देर तक रहे ख़तरा पाये।ख

11. ख़ानऐ बाग में जाना

दौलते आराम पाये।

12. ख़नाऐ बाग़ मे जाना

मौत नज़दीक पहुँचे उम्र का जाम लबरेज़ हो।

13. ख़ानऐ तारीक से निकलना

बीमारी से सेहत हो जाये या ज़िल्लत के बाद इज़्जत पाये।

14. ख़ोशे दरख़त से निकलना

अगर बेसुमार देखे तो माला माल हो

15. ख़ोशे सब्ज़ ख़िमर्न या फल देखना

माले दुनिया से तवन्गर हो।तवल्लुदे नेक फ़रजन्दे नेक अख़्तर हो।

16. ख़ुर्मा खाना या देखना

माले हलाल खाने मे आये इल्मे दीनिया से फ़ायदा हो।

17. खुर्मा का दरख़्त यातुख़्म देखना

सफ़र को जाये मशक़्कत से फ़ायदा उठाये और अगर खुर्मा चीर कर निकाले तो फ़रज़नद हो औरत घरमें लाये

18. खुर्मा चुननाया खाना

रोज़ी हलाल पाये बीवी नेक किरदार मिले।

19. खुर्मा ताज़ा दरख्त से तोड़ना

फ़स्ल में देखे तो हाकिम हो जाये और ग़ैर मोसम में देखे तो बीमार पड़ जाये रंज उठाये।

20 खरबुज़ा का खाना या पाना

कुछ दिन रंजुररहे इशरत से दुर रहे।

21. खरबुज़ा देखना

रंज के बाद राहत तरक़्क़ीये मालो दौलत हो।

22. खरबुज़े का खेत देखना

दौलत बेअंदाज़ हो दिलको रहत मिले बुजुर्ग हिम्मत हो औलाद की कसरत हो।

23. ख़रबूज़ा सब्ज़ो शादाब देखना या पाना

औरत मिले या फ़रज़द की विलादत हो तरक़्क़ी मंफअत और जाहो हशमत हो।

24. ख़्यार खाना या पाना

औरत देखे तो लड़की पैदा हो मर्द देखे तो बिमार हो।

25. ख़ुश्बूयात सूघॅना या देखना

अहले दुनिया से नफा हो या दिमाग बूए इल्मो फज़्ल से मोअत्तर हो।

26. ख़्वाब पर तअम खाना

तरक्क़ीए दर्जत फ़राग़िऐ मुंएमात वुस्अतेरिज़क मज़ीद ख़ैरो बरकत हो।

27. ख़च्चर अपने परसवार होना

तूले हयात तरक़्कीये दर्जात हो अगर पालान बँधा देखेऔरत फरबेह या कनीज़ मिले।

28. खच्चर बेगाना पर सवार होने

साहिबे ख़च्चर की औरत तसर्रूफ में आय या अमानत में ख़यानत करे ख़िजालत उठाये।

29. खच्चर पर किसी को सवार देखना

मर्द अजनबी उसकी जोरू से ख़यानत करे नंगो नामूस खोले बे हुर्मत करे।

30।खचट्तर पर बरेहना पीठ बैठना

सफर का इत्तिफ़ाक़ पड़े अगर मादा हो उम्रदराज़ हो शादीकरे।

31. ख़रगोश देखना

औरत सुस्त बुनियाद मिले ज़ाहिर यगाना दिल में बेगाना रहे।

32. ख़शख़ाश देखना

दौलत हशमत से सुरूर हो तीनतमे फ़िस्क़ो फ़िजूरहो।

33. ख़िश्ते ख़ाम देखना

हर ख़िश्तके एवज़ हज़ार दिरहम पाये बेतरद्दुद माल हाथ आये।

34 ख़िश्ते पुख्ता देखना उम्र का पैमाना लबरेज़ हो या बिमारी से नाकाम हो।

35. ख़ुसिया बड़ा देखना

कुव्वतते बाह रूस्वा हो दुख्तर पैदा हो जोरू से रूस्वा हो।

36. ख़त पढ़ना या लिखना

ख़बर अच्छी मिले इर्स का पाये ग़म घटे राहतो अराम बढ़े।

37. ख़त पढ़कर मानी समझना

कोई ऐसा काम सिपुर्द हो जो मुश्किलसे ऱसर् अंजाम हो।

38. ख़त मोहरी पढ़ना

राज़दारो रफ़ीके सुल्तानीहो. सुपुर्द रर्ईयत की हिफ़ाज़तो निगरानी हो।

39 ख़त खुला देखना

कुशादगी ऐ रिज़्क हो राज़ मख़फ़ी खुले दुशमन पर फ़तह हो।

40. ख़ुलअ औरत से करते देखना

तवंगरी की दलील है फ़ारिगुल बाली की दलील है।

41 ख़िलाल करना

काम बेहुदा से शर्मिन्दा हो अज़ीज़ो अक्रबा से छूट जाये।

42. ख़िरका बदन से दूर करना

ग़मो अन्दोहहो फ़क़्रो फाका से भी जुदाई हो।

43. ख़मीर देखना. या करते या खाना

अगर ख़मीर गेहूँओं के आटे का बकद्र इसके माले तिजारत पाये और चने या बाजरे का है थोढञा नफ़ा हाथ आये।

44. ख़न्जर हाथ मे देखना

दलील कुव्वत व शुजाअत है निशाने फ़तह व नुसरत है।

45. ख़नजर का टूटना या ज़ाया हो ना

रफ़ए खूसूमत की दलील है सुलहा कि दलील है।

46. ख़ोद यानी कुलाहेआहनी मिलना

आफ़ातो बलियान से महफूज़ रहे ख़ैरो सआदत मलहूज़ रहे।

47. ख़िलअत पाना

सब्ज़ या सपैद रंग से दीन में इज़्ज़त अफ़ज़ाई हो और रेश्मी हो तो दुनिया में हुर्मत और भलाई हो।

48. खून जारी देखना

अफ़सरी कुछबराये नाम मिले या बहुत माले हराम मिले।

49. ख़ूनआलूदा हौना

मोजिबे मालोदौलत बाएस नफाव राहत है।

50. खून किसी का खाना

माले हराम खाये या लोंडी बाकिरा पाये।

51. ख़ेमा औ खुरगाह देखना

औरत जमीला या लोंडी बाकिरा पाये। बादशाह दादगर या का अफसर हो जाये।

52. खुश्क अनाज खाऐ

मुफ़लिसी का सामना होऱंजोग़ममे मुबतिला हो।

53. ख़ाक बरसते देखना

कदूरत आजाये ख़िफ़फ़तो नक्बत माल हाथ

54. ख़ागीना यानी अंडा तला हुआ खाना.

औरत से फ़ायदा उठाये मुफ्त का माल हाथ लगे

55. ख़त्ना

मुताबके सुन्नत फरज़न्द नेकी आराम और इत्मिनान हासिल होने और फ़रज़न् व ज़न से जुदाई का बाएस है।

56. ख़ाक देखना

दाम और दिरहम की अलामत है।

57. ख़रबूज़ा

मौसमपर खरबूज़ा देखना बीमारी औरत गुलाम मंफ़्त और ऐशो मसर्रत कि दलील है।

58. खच्चर

खच्चर पर सवार होना दुनिया में बदनाम व ज़लील होने की दलील है।

59. ख़रगोश

ख़रगोश का मिलना या पकड़ना बदकार या बदअख़लाक कनीज़ ख़रीदने के मुतरादिफ़ है।

60. ख़रीदो फ़रोख़्त करना

नेक अलामत है।

61. ख़ज़ाना

ख़ज़ाना देखना या पाना बीमार होने और रंजो ग़म में गिरफ़्तार होनेकीदलीलहै

62. ख़ुश्क लकड़ी

अगर कोई शख़्स ख़्वाब में खुश्क लकड़ी देखे तो किसी नामालूम शख़्स से फ़ायदा हासिल होने और माले दुनिया मिलने की दलील है

63. ख़शख़ास देखना

ख़्वाब ख़शख़ास देखना बीमारी और ग़म मे मुबितला होने की दलील है।

64. ख़त पढना

नेकी और खुशी और फ़रज़न्द पैदा होने की अलामत हौ।

65. खुत्बा सुनना या पढ़ना

नेकी और खुशी और फ़रज़न्द पैदा होने की अलामच है।

66. ख़िज़ाब

ख़िज़ाब लगाना ऐबों को छुपाने की ताबीर है।

67. ख़त्मी (दवा)

ख़्वाब में ख़त्मी कां तेखना फ़ायदेमन्द है लेकिन बग़ैर।

68. ख़तीब

ख़्वाब में ख़तीब से मिलना खुश क़िस्मती और किसी मुला काती से फैज़ हासिल होने का मोजिब है।

69. ख़िलाल

ख़्वाब में दॉतो में खिलाल करते देखना अपने ख़ेशो से सोहबतो उल्फ़त बढ़ने और बेगानो से दुशममी पैदा होनेका मोजिब है।

70. ख़िलअत

ख़्वाब में ख़िलअत हासिल करना इज़्ज़तो मर्तबे की बुलन्दी से ताबीर है

71. ख़्वाचा या ख़ान

ख़्वाब में आरास्ता ख़्वाब या ख़्वांचा देखना और उसमें से खाना दराज़ीऐ उम्र व मालो नअमत के हासिल होने का बाएस है।

72. खुश्बू

अगर ख़वाब में खुश्बू सूँघे तो लोगों में उसकी तारीफ होने का मोजिब है।

73. ख़ोशा (बाली)

ख़्वाब में ख़ोशा यानी बाली देखना मालो दौलत हासिल होने की दलील है।

(द)

1. दाऊद (अ. स.) को देखना

दैलतो कुवतो बूज़ुर्गी पाये क़ौमका सरदार हो ज़ोहदो तक़्वा बढ़जाये।

2. दानयाल (अ. स.) को देखना

इल्मे मतबूऊ जह़ॉ मे तलक हो अज़ीज़ अहले शोहरा आफ़ाक हो।

3. दल्व का बुर्ज देखना

मेहतो मशक़्क़त में पड़े जो कुछ दस्तयाब हो औरों को दे

4. दरवाज़ा खुला या खुलते देखना

बाब मक़सदो रोज़ी से कुशाद हो

5. दरवाज़ा बन्द देखना

नक्बत व तंगदस्ती का नूजुल हो बाबे रिज़क़ो खैर मसदूद हो फ़िजूल गोई से चशमे मरदुम में हक़ीर हो।

6. दरवाज़ा का हल्का देखना

बादशाह या सरदार का सफ़ीर हो या फ़िज़ूल गोई से चश्मे मरदुम मे हकीर हो।

7. दरवाज़ा घर सें दुर देखना

औरत फ़ाहेशा से इत्तिहाद हो शग़ले फ़िस्कों फूजूर ज़्यादा हो।

8. दरवाज़ा बुजुर्ग देखना

बादशाह से राब्ता व इत्तिहादहो मम्लिकत का इन्तिज़ाम हासिल हो।

9. दरवाज़े का सिरा खुलते देखना

बादशाह से माल मिले अयाल पर उसको सर्फकरे।

10. दरवाज़े मे दरिन्दा या चौपाया देखना

बीवी या कनीज़ बदकारी करे गैर मर्दो से मिल्लत दारी करे।

11. दरवाजे का कुफ्ल खोलना

औरत बाकिरा से शादी करे।

12. दरवाज़ा बे किवाड़ देखना

औरत बेवा पर रग़बत करे।

13. दफ़ बजाना मर्ज जवान का

स्तों से दुशमनी का ख़याल है बाएस लदमा वमलाल है।

14. दफ़ बजाते औरत या मर्द मुत्वसिसत को देखना।

बाऐसे शादी ओ सुरूर हो।रंजो कुल्फ़त दुर हो।

15. दोशाला या पशमीना पाना

बादशाह का मुसाहीब हो आली क़द्र वाला मनाक्बि हो

16. दवा खाना या पीना

सेहते नफ़्स की निशानी है।

17. दूध औरत का पीना

वो औरत बहुत उल्फत करे मिस्ल ख़िदमतगार खिदमत करे।

18. दूध ऊँटनी का पीना या दोहना

औरत की बदौलत मालदार हो तवाना और फबेह जिस्म राज़ हो।

19. दूध भेड़ का पीना

सुस्ती अन्दाम हो मुब्तिलाए सदमा व आलाम हो।

20. दूध गाय का पीना

मालो नेअमत की निशानी है बाऐसे कामरानी है।

21. दूध माता गर्ग का पीना

अन्दोह ग़म की तेजी हो हम चश्मों में आबरूरेज़ी हो।

22. दूध सुअरनी का पीना

रंजो मुसीबत में मुब्तिला हो ख़िजालत और ज़िल्लत का सामना हो।

23. दूध बिजजु का पीना

बीवी या लौंड़ी हुर्मत गंवाये बदकारी या ख़यानत ज़ाया हो जाये।

24 दूध गधी का पीना

दफ़्ए अमराज की अलामत और कामयाबी की बशारत है

25. दूध ख़च्चरी का पीना

दानिशो अक़्ल में फितूर आये शिद्दते ख़फ़कान हो जाये।

26. दरख्त के पत्ते झड़ते देखना

दौलतो हुर्मतों तदानाई है मिस्ल आईऐ क़ल्ब की सफ़ाई है।

27. दूध हिरनी का दोहना

मर्द देखे तो बादशाही का मुशी या मुसाहिब हो औरत देखे तो तिफ़्लेसुल्तान दाया वाला मुसाहिब हो।

28. दरख़्त बोना

बीवी या कनीज़ दुर हो दौलतो माल से तवंगर हो।

29. दरख़्त फूला फला देखना

माल से नफ़ा पहुँचे रईसो की सोहबत हो लौंडासे राहत मिले औलाद कीकसरत हो।

30।दरख़त नारियल का देखना

तक़रीबे शाद पेश हो।

31 दरख़्त लीमू का देखना

औरत बदमिजाज़ और खुद पसन्दमिले मुनज्ज व जादुगर सोहबत अख़्तियारकरे

32. दरख़् आस का देखना

आदमी सख़्त तबीयत सेसोहबत बढ़े मईशत की मशक़्क़त बढ़े

33. दरख़्त ने का देखना

औरत बदमिजाज़ो बद सीरत मिले हर बातमें नुक्ताचीनी करे।

34. दरखट्त अख़रोट का देखना

मर्दे जव़ॉ मर्द शरीफ से सोहबत होया अहले अजम कुछ मुंफ़अत मिले।

35. दरख़्त इम्ली का देखना

बदमिजाज़ो तुर्श रू औरत मिले या लड़की तवल्लुद हो।

36. दरख़्त आम समर आंवर देखना

औलाद कीकसरत हो बुलन्द , मर्तबत और मंफ़अत हो।

37. दरख़्त से मेवा तोना

नस्ल मे ज़्यादती और बरकत हो औलाद की बदौलत की राहतो मंफ़अत हो।

38. दरख़्त के पत्ते जमा करना

पत्तो के बक़द्र दिर्हम पाये कुल्फ़ल दुर हो मालदार हो जाये

39. दरक़्तो की ड़ालियाँ सर निगूँ देखना

भाईऔर कराबतदार सब इताअत करें त्ज़ीमो तवाज़ो मे कमर बस्ता रहें।

40. दरख़्त के पत्ते गुंजान देखना

हाकिमे वक़्त का सामना हो फ़ायदा हद से सिवा हो।

41. दरख़्त ज़मीन से उखाड़ना

नौकरी से माजुल हो बीमारी की शख़ती उठाये या बीवी छूटे या किसी के मरने का सदमा पाये।

42. दरख़्त को बाते करते देखना

कश्फ़ो करामात में शौहराए आफ़ाक हो मेहरबान सुल्तान खुश अख़्लाक है

43. दरख़्त के साये में बैठना

किसी हाकिम या बादशाह काका दोस्त हो शिकोह व दबदबा और राहत नसीब हो।।

44. दरख़्त बादशाह के घर मे देखना

बादशाह का मुसाहीब या ख़िदमतगार हो या किसी औरत ख़ानदाने शाही से गिरफ़्तार हो।

45. दरख़्त घर में बनाना

बेटी की शादी हो फिक्रो तरद्दु से आराम पाये।

46. दरख्त सर्व, सनोबर का देखना

महबूब सही क़द्र इस्तिबदाद हाथ आये फ़रज़न्द तवल्लुद हो राहत उठाये

47. दरख़्त बेसमर ख़ारदार देखना

किसी मर्ज़ मे मुब्तिला हो रंजो मुसीबत का सामना हो।

48. दरख़्त समरदार देखना

औरत हामिला हो मुराद हासिल हो राहत पहुँचे।

49. दरख़्त काटते या तोड़ते या खोदते देखना

ग़मो मुसीबत बेशुमार हो कुल्तो फ़लाकत में गिरफ़तार हो।

50. दरख़्त पर चढ़ना

मर्तबा बुलन्द दुशमन का ख़ोफ़ दिल से जाये से छूटे।

51. दरख़्त खुश्क देखना

तंगदस्ती से मुसीबत में गिरफ़तारहो निहायत मुफडलिस हो।

52. दाम ज़ाया करना

किसी मर्द जाहिल को नसीहत करे वो कजफ़हमी से जिहालत करे।

53. दरख़्त गुलज़ार या फलदार देखमा

रोज़ी कलील पर क़नाअत करेसवालो शिकायत मायूबसमझे।

54. दरख़्त बेलदार देखना

आलिमे कामिल या तबीबे हाज़िक हो नफ़रस़ॉ बन्दगाने ख़ालिक हो दुनिया में इज़्जतो तौकीर हो पाये अगर बीमार हो तो शफ़ा पाये।

55. दरक़्त कुंजद देखना

मर्द अज़म से नफा व निकाहहो।

56. दरख़्त खुर्मा देखना

इल्म से नफ़ा बेशुमार मिले या महबूब मिले

57. दरख़्त इंजीर देखना

नौकरी या तिजारत से माल मिले ऐश में सर्फ करे

58. दरख़्त शफ्तालू देखना.

माले कसीर मेहनतोमशक़्क़त से पाये औरत के ज़ोरो जुल्म सहे जवानीमे मर जाये।

59. दरख्त सेब का देखना

बिछड़े हुये दोस्त से दोचार हो मोमिन मुत्तक़ी व परहेज़गार हो।

60. दरख़्त आबनूस देखना

मतलब दिल का बर आये औरत काली या लोंड़ी हब्शन पाये।

61 दरख़्त आलू बुख़ारा देखना

तबीब हाज़िक़ हो हो लोगों को नफ़ा पहुँचाये।

62. दरख़्त बादाम देखना

औरत शीरी गुफ़तार खूबसूरत मिले दौलत हलावत मिले।

63. दरख़्ते पिस्ता देखना

मर्द बख़ीलो तवंगर से मंफ़अत पाये या खुद बखीलो तवंगर हो जाये।

64. दरख़्त किशमिश देखना

अजमी औरत से सोहबत बढ़े माल औलाद की कसरत हो।

65. दरख़्त अनार देखना

शीरी देखे तो मालो दौलत मिले अगर तुर्श देखे तो बद मिज़ाज औरत का शौहर हो।

66. दरख़्त पीपल देखना

मर्दे शरीफ़ो बुजुर्ग से फ़ायदा पहुँचे या कोई मुशरिक मद्दगारी वपरस्तारी करे।

67. दरख़्ते इनद्राईन देखना

दुर्वेशो से मुलाकात करे दिन रात बेफ़ाया कामकरे।

68. दरख़ते सेब देखना

उर्म दराज़ हो बिमारी से सेहत पाये इस्लाहकार हो फ़साद रफ़ा हो जाये

69. दरख़्ते ज़र्द आलूदेखना

किसी मर्द बुजुर्ग से मंफ़अत पाये या बीमारी तूल ख़ीचे।

70. दरख़्ते ज़ेतून देखना

मर्द आली खानदान से मंफ़अत हो रोज़ अफ़जूँ क़्द्रो मंज़िलत हो।

71. दरख़्त ऊद देखना

औरत को मर्द ख़ूशखू से क़राबत हो मर्द को ख़ुश मिज़ाज और ख़ूबसूरत औरत से सोहबत हो।

72. दरख़्त फूल का देखना

किसी अमीर खुंश मिज़ाज का नौकर हो जाये या ख़ुश जमाल और खुशतबाअ औरत पाये।

73. दरख़्त गुलाब देखा

महबूब नाजुक अन्दाम व खुश ख़ल्क़ पाये।उसकी बदौलत ज़रदार व तवंगर हो जाये।

74. दरख़्ते चंबेली देखमा

औररत तवंगरऔर बदख़स्लत मिले सुफला मिजाज़ी से उसके हाथ राहत न मिले।

75. दरख़्त फ़न्दक देखना

लहब या तमाशे पर मायल हो या सफ़र की सख़्ती व सऊबत हासिल हो।

76. दिल में दर्द होना और हाथों से पकड़ना

दिल कि मुराद और हाजतें हासिल हों मालों दौलत में नफा हो।

77. दीवार पर चूना पत्थर कीदेखना

दुनिया पर फरेफ़्ता हो आख़िरत को भूल जाये।

78. दीवार पुख़्ता देखना

दलीले नक्बत (मुसीबत) परेशानी है।

79. दीवार घर की गिरते देखना

मॉ या बाप की जानिब से गम़ खाये या कोई बुजुर्गो में मर जाये।

80. दीवार मुहीत बुलन्द देखना

साहिबे सरवत हो हुकूमत हो पुश्त पनाह रईयत हो।

81. दो मंज़ला करना

आली क़द्रो मंज़िलत पाये रहनुमाई हाजत रवाई पसन्द आये।

82. दमदमा या धमस बनाना

बहादुरों में बुलन्द हिम्मत हो तरक़्कीये जाहो जलाल हो।

83 दलदल देखना

मकरूहाते दुनिया में ग़ल्तॉ रहे फिक्रे मईशतमे परेशान रहे।

84. दर्स देते देखना

अगर इल्मे दीन होतो बुजुर्गी व इज़्ज़त मिले और इल्मे दुनिया हो तो दौलतमन्द हो तसर्रूफे बेजा करे।

85. दुब्ला देखना अपने आप को

थोड़ी तंगदस्ती उठाये बीवी नेक मिले माल व दौलत पाये।

86. दाँत अपने गिरते देखना

ऊपर का हो तो बाप या क़राबतदार पदर कोई मर जाये नीचे का हो तो मॉया अज़ीज़ मादरी वफ़ात पाये।

87. दाँत का हाथ में आजाना

कोई मर्ज़ लाहिक हो माल अक्रबा सदका दे ताकि बला दुर हो।

88. दाँत अपना उख़ाड़ना

कत्ए रहम की निशानी. दर्दो ग़म या परेशानी है

89 , दाँत अपना सोने का देखना

कमाले तंगदस्तीव नहुसत है अलामाते बीमारी व निदामत है।

90. दाँत चॉदी या रांग के देखना

दोस्त से फ़साद हो मालो ज़र बर्बाद हो तकलीफ़ उठायेरंजो ग़म खाये।

91. दाँत सियाह लकड़ी चोब या मोम के देखना

वो शख़्स जल्द मर जाये या बीमार हो हर एक उसकी हरकते बाहमी से बेज़ार हो।

92. दाँतो मे मिस्सी मलना

मालो दौलत से फ़ायदा पाये अज़ीज़ो अक़्रबा की बढ़ जाये।

93. दाँतों मे मिस्वाक करना

अज़ीजडो मिस्कीन पर राहम खाये ज़नो फ़रज़द को राहत पहँचाये।

94. दरिन्दों से बातें करना

बादशाह हो या बादशाह का वज़ीर बन जाये या ज़बान दराज़ औरत घर में आये।

95. दरिन्दों को मारना

दुश्मनपर फ़तहो ज़फ़र पाये बहादुरों में नामवर हो जाये।

96. दरिन्दों को बैल या गधा बन जाते देखना

रोज़ी कुशादा होने से मसरूर हो लेकिन थोड़ा सा नुख़्सान ज़रूर हो

97. दालचीनी

ख़्वाब में बिला वजह दालचीनी खाना ग़मों अन्दो में तरक़्क़ी का मोजिब है।

98. ढाढ़ी देखना

मालो इज़्ज़तो ज़ीनत से ताबीर है

99. दाग़

ख़्वाब में दाग लगाना ख़ैरात करना बादशाह की कुर्बत हासिलकरने के मुतरादिफ है।

100. दाल

हर क़िस्म की दाल देखनी या खानी जद्दो जेहद मे मसरूफ होने और उसमें कामयाबी हासिल करने के मुतरादिफ है।

101. दाना या दाने

दाना हाऐ ख़ाम या पुख़्ता देखे तो रंजो अलम में मुब्तिला होने का बाएस है।

102. दुख़्तर

दुख़्तर देखना या दुख़्तर पैदा होते देखना मर्द के लिये मालो दौलत हासिल होने और औरत के लिये औलाद पैदा होने के मोजिब है।

103. दराँती देखना

अगर अपने हाथ में देखे तो ऐसे आले से ताबीर है जिससे मालो दौलत हासिल हो।

104. दरबानी

ख़्वाब में दरबानी करना दिली मुरादबर आने के मुतरादिफ है।

105. दुरूद शरीफ. पढ़ा या सुनना

ख़्वाब में दुरूद शरीफ़ पढ़ना या सुनना दीन की तरक़्की और हुजूर पुरनूर आँहज़रत (स. अ. व.) की ज़ियारत होने की दलील है।

106. दस्ताने

ख़्वाब में जिस क़िस्म के हाथ में दस्ताने देखे उसी क़िस्म की कुव्वत हासिल होने का सबब है।

107. दुश्मन

अगर ख़्वाब में दुश्मन पर ग़ालिब होता देखे तो दिली मुराद बर आने का मोजिब है।

108. दुआ करना

दिली मुराद बर आने का सबब है।

109. दिक़

ख़्वाब में किसी से दिक़ होना या दिक़ करना दीनवी जद्दो जेहद में मुब्तिला होने का बाएस है।

110. दुकानदारी

दिकानदारी करना इज़्ज़तो मर्तबा की तरक़्क़ी का बाऐस है।

111. दिल

ख़्वाब में किसी इन्सान का दिल देखना दिलवारी और अक़्लमन्दी से ताबीर है

112. दलाली करना

लोगों के दरमियान सुलह कराने सीधा रास्ता बताने नेक काम करने से ताबीर है।

113. दलदल देखना

मुसीबत के पेशख़ेमे से ताबीर है।

114. दाम निसार करना

किसी का हक ना माने नेक बात को बर लाने मालो दौलत की तलाश रहे फिक्रोहशमत में दिल फ़राश रहे।

115. दिरहमे कसीर देखना

इज़्ज़तों तौकीरो दौलत पाये हर दिरहम के एवज़ हज़ार मिल जाये।

116. दीनार कसरत से देखना

औरत या लोंडी मिले या फ़रज़न्द पैदा हो दौलत मालो मंफ़अत पैदा हो दौलतो मालो मंफअत सेगनीहो।

117. दीनार किसी को देना

फ़रज़न्द के सबब मुसीबत पहुँचे या बीवीसे कुछ झगड़ा पड़े।

118. दाग़ हैवान को करना ज़कात न देने की दलील है या बादशाह काम में मसरूफ होने की सबील है।

119. दरज़ी को देखना

परेशान अस्बाबो पुँजी पाये माल जमा करे ख़ातिर जमा हो जाये।

120. दुम हैवाने माकूल की देखना

राहत की निशानी है मोजिबे मालो तामरानी है।

121. दुम गीदड़ और जानवर ग़ैर माकूल की देखना

माले मुराद और हराम खाये लोग मलामतकरें और बदनाम हो जाये।

122. दीवाने को देखना

दौलतमंदी मुस्तग़नीयुल माल हो तसर्रूफेबेजा करना पसन्दे ख़ातिर हो।

123. दीवाना अपने आपको देखना

हराम का माल मिलने की दली है सूद या रिशवतखाने की सबील है या लहब में तज़ीए औकात करे।

124. दोशाब सफ़ैद पाकीज़ा पीना।

फ़रज़न्द हसीन पैदा हो ख़ैरो बरकत हवेदा हो।

125. दुश्मन से भागना

ज़िल्लतो क़ज़ा का सामना हो औरबख़ौफ़े दुश्मन भागे तो हाजतरवा हो।

126. दुर्वेश को मनाकिब या कुछ पढ़ते देखे

खुशख़बरी किसी अज़ीज़ की आये मंफ़अत मुज़दए फ़रहत पाये।

127. दुर्वेश मुस्लमानो को ख़ैरात देना

रंजो ग़म निजात हो दीनो दुनिया मे आली दर्जात हो।

128. दुख़्तर पैदा होते देखना

मर्द देखे दौलत पाये औरत देखे तो बच्चा पैदा हो

129. दौज़ख़ से आप को निकलते देखना

सफर से फिरे दोस्तों से मिले रंजो बलादुर हो इशरत का सामना हो।

130. दौज़ख़ के अज़ाब में देखना

जुस्तजू में मालो ज़र की आप सरगरदाँ रहे या अयाल की दुरी से परेशानी हो।

131. दौज़ख मे खुद को दैखना

मकरूहाते दुनिया में फँसे सऊबते सफर या रंजो बला देखे।

132. दरिया देखना

हाकिम दरिया हो और दौलत से आसूदगी हो।

133. दरिया में तैरना

हाकिम पर ग़ालिब आये सारी कुल्फत दूर हो जाये।

134. दरिया से पार होना

कुल्फत से छूटे तहसीले ऊलूमो फूनून पर टूटे।

135. दरिया में ग़र्क होना

बाबत मुहासेबा सरकारी एताब हो मोरिदे सख़्ती व रंजिश व अज़ाब हो।

136. दरिया से फल या जवाहर पाना

दलीले दौलतो इज़्जत है गुस्ल करे तो दस्ती व हलाकत दूर हो जाये।

137. दरिया से सर्द पानी पीना

दौलत मिले ,इज़्जतो सरवत हासिल हो।

138. दरिया से पानी तल्ख़ या शौर पीना

दर्दो अलम दूर हो सरदार हो या हाकिम ,बद मिजाज़ का मामूस हो ग़मख़्वार हो।

139. दरिया से बोतिमार पकड़ना

रोज़ी हलाल खाये ,दरे इशरत वा हो।

140. दरिया को खुश्क देखना

दुश्मन मरे लश्कर हलाक हो रईयत तबाह हो।

141. दरिया से मगरमछ पकड़ना

बादशाह के दुश्मन पर ग़ालिब आये एवज़ में ख़िलअतो जागीर पाये।

142. दरिया से मटकी या घड़ा भरना

बक़द्रे पानी सुल्तान से मुफअत पाये दौलतो ज़र से मालामाल हो जाये।

143. दौलत देखना

औरत की बदौलत तवंगर हो।

144. दाँत देखना

बादशाह या हाकिम से कनीज़ पाये दौलतो मंज़िलत बढ़ जाये।

145. दुल्हन देखना

औरत बाकिरा से शादी हो , दौलत मिले।

146. दुल्हन खुद को बने हुये देखना

नेक बख़्त की शादी व आबादी हौ बेवा देखेतो बर्बादी व ख़राबी हो।

147. दुल्हन बना हुआअपने आपको देखना

नई दुल्हन बनने की निशानी है।

148. दही खाना या देखना

माल में ख़ैरो बरकत और नफ़ा वनेअमत बख़ूबी पाये।

149. धुआँ देखना

अज़ीज़ो मे गुबारो एनाद और मुख़ालेफ़त हो दोस्तों मे फ़ित्ना व फ़साद हो।1

150. देव खूबसूरत देखना

बुजुर्ग मर्तबा हो इल्मो हक़ीकत पाये बला से रिहाई मर्ज़ से शिफ़ा हो।

151 देव बदशक्ल देखना

रंजो ग़म का सामना हो आफ़त मे मुब्तिला हो।

152 दुन्बा ज़िब्हा करना

बुजुर्गी वदौलत हासिल हो औलादसे राहत हो।

153 दुन्बा बकरीके पास देखना

फ़रज़नद साहीब इकबाल पैदा हो रोज़ ब रोज़इज़ज़तो वकार हासिल हो या अशर्फियों की थैली पाये रोज़ी कुशादा हो।

154. दो टुकड़े करतेआपको देखना

औरत की बरख़िलाफ़ी से खिजलानो परेशानी में जाये न तलाक देसके न रख सके।

155. दस्तक देना

नेक कामों से रग़बत हो बुरे कामो से नफ़रत हो.

156. दादगर को झूठ बोलते देखना

रईयत उसकी बदगोई करे आरू और इज़्ज़त जाती रहे।

157. दज्जाल को देखना

फ़ित्ना व फ़साद बरपा हो झूठे लोगों का सामना हो।

158. दूंबल या फौड़ा देखना

माल उसका ज़्यादा हो बकद्रे दंबल नफा पाये

159 दंबल से पीप और खून निकलते देखना

माले हराम पाये या कुछ गिरह से नुक़्सान उठाये।

160. दवात

ख़वाब में देखना या पाना अपने ख़ानदान में झगड़ा होने का बाएस है।

161. दूरबीन

ख़्वाब मे दैखना या इस्तेमाल करना या पाना किसी दूरदराज़ सफ़र करने का सबब है।

162. दौड़ना

ख़्वाब में हर एक काम के मुतअल्लिक दौड़ना काम मे देर होने का लबब है

163. दहलीज़ देखना

ख़ादिम का बाएस है

164. धनिया देखना या खाना

ग़मो अन्दोह का बाएस है।

165. धूनी

ख़्वाब में खुशबूदार धुनी देनी या लेना तरक़्क़ी कस्बे नफ़ा से ताबीर है।

166. धुनिया (रूई पंजे वाला)

धुनिया को ऱूई धुनते देखना परेशान होने का बाएस है।

167. धोबी

ख़्वाब में धोबी को देखना किसी बुजुर्ग बाअमल की ज़ियारत के मुतरदफ है

168. धोना

ख़्वाब मे अपने आप या अपने कपड़ों को साफ़और रवाँपानी में धोना ग़म व अन्दोह में मुबितला होने का बाएस है।

169. दही पाना

सफर में माल हासिल करने के मुतरादिफ़ है।

170 देग़

ख़वाब में नई देग़ देखना औरत से ताबीर है।