(ग़ैन-ग)
1. गुलाम को पास गिर्द फिरते देखना
सरदारी मिले या बादशाह हो मतलब बरआवुरी ख़ातिर ख़्वाह हो।
2. गुस्ल करना
ग़म से रिहाई कर्ज़दारी से फ़ारिग बीमार को शिफ़ा हो।
3. गुस्लखाना देखना
अगर किसी मय्यत में गया तूले हिसाब हो।अगर खुद किया ज़िन्दगी कम मामूरे आफ़ात हो।
4. ग़स्साल को देखना
नहुसत और कुल्फत की निशानी है ज़िन्दगी कम हो या मुसीबत पेश आती है।
5. ग़व्वास को देखना
तालिबे इल्म आरिफे खुदा हो नेक कानो में मुब्तिला हो या बारयाब बारगाहे सुल्तानी हो रफ़ा हर परेशानी हो।
6. ग़श खाना
किसी मुसीबत या रंज में मुब्तिला होने का सबब है।
7. गुस्सा करना या होना
ख़्वाब में अगर दुनियावी बातों पर गुस्सा करे तो दीन की गुमराही और दुनिया पर मग़रूर होने की अलामत है अगर ख़्वाब में वालिदेन
पर गुस्सा होते देखे तो मर्तबा से गिरने का सबब है।
8. गल्ला
ख़्वाब में ग़ल्ले का ढेर देखना मेहनतो मशक़्क़त से रोज़ी हासिल करने की अलामत है।
9. ग़िलाफ (नियाम)
ख़्वाब में ग़िलाफ देखना औरत से ताबीर है।
10. गुल्लए गुलेल
ख़्वाब में ग़ल्ला हासिल करना जुल्मो सितम से ताबीर है।
11. गोता लगाना
मेहनत से रोज़ी मिले मकसूदो फ़िरोज़ी मिले।
12. गुर्फ़ा (कमरा) देखना
औरत पारसा मिले अगर पर्दा खुल जाये जल्द इफ़शाऐ राज़ हो।
13. गुर्फ़ा (कमरे) में जाना
रौशन देखे तो हाजत रवाई हो तारीक देखे तो कुल्फ़तो बीमारी हो।
14. गुबार देखना
फिक्रमन्दी व कदूरतो दुश्मनी पैदा हो या किसी सख़्त बीमारी में मुब्तिला हो।
15. गुब्बारा देखना
फ़रहत की अलामत है बाएसे सरबुलन्दी है।
16. गुब्बारा देखना
फ़रहत की अलामत है बाएसे सरबुलन्दी है।
17. गुलैल से निशाना करना
अगर गुल्ला निशाने पर पड़े मतलब को पहुँचे और अगर ख़ता करे माल का नुसान हो।
18. गुलाम नाबालिग़ का आपको बालिग़ देखना
बन्दगी से जल्द आज़ादी मिले मुराद बर आये दिल को शादमानी मिले।
19. गुल मचाना
अगर दहशत से शोर करे अमनो अमान पाये और मिज़हन शोर मचाऐ ज़लीलो ख़्वार हो जाये।
20. ग़ौरी देखना
तआम लज़ीज़ो नेअमते उज़्म पाये दुश्मन के शर से बचे दुश्मन स् दोस्ती हो जाये।
21. गोले बियाबनी देखना
अगर ख़ौफ़ से भागे बीमारी हो कुल्फ़त घेरे अगर बेखूनी से खड़ारहे बुजुर्गी पाये।
22. ग़ौल जानवरो का दूखना
औरत से मरबूत दिल हो ख़्वाजगी या हुकूमत हासिल हो।
23. ग़िर्बाल देखना
दुख़ितर नेक अख़्तर पैदा हो फिक्रो तरददुद बे इन्तिहा हो या नेक कामों में ऱख़ना पड़ जाये परेशानी हो।
24. ग़ौग़ा न्यूज़ को चचाते देखना।
औरत वहशी लड़ाका राम हो यानी बदतमीज औरत सुधर जाऐगी, महफिले ऐशो तरब जशने आम हो।
25. ग़ार मे मुकीम होना
किसी सख़्त काम में गिरफ़्तार हो कैद में हो तो सख़्त बीमार हो।
26. ग़ार में जाके निकल आना
सख़्त काम में निजात पाये कर्ज़ अदा हो बीमारी रफा हो जाये।
27. गार में मअ असहाब जाना
ग़म्माज़ी से बेख़ौफ दुश्मन से कामयाब और महफूज़ हो।
28. ग़मग़ीन होना
खुशी व खुर्रमी पाये हुज़नो मलाल रफ़ा हो जाये।
29. ग़ासिया देखना या पाना
हज को को जाये इल्मो अदब लोगों को सिखाये किसी सौदागर या औरत ताजिरा से मालो मंफअत पाये।
30. ग़ायब का देखना
ख़्वाब में किसी ग़यब शख़्स का आना उसकी खबर या ख़त आने से ताबीर है।
31. ग़र्क होना
ख़वाब में किसी दरिया में ग़र्क़ होते देखे तो हाकिम वक़्त बादशाह से तकलीफ पहुँचे।
(फ़े-फ)
1. फ़रिश्ते आसमान से उड़ते देखना
मुसलमानो को इज़्ज़तो नुसरत हो काफिरों को ज़िल्लत व हज़ीमत हो।
2. फरिश्तो से जंग देखना
कमाले नहूसत और बददिली की निशानी है या अंक़रीब अजल आनी है।
3. फ़रिश्तों का घेर लेना
घर मे चोरी हो तंगदस्ती से पेचोताब खाये।
4. फ़रिश्तो से जंग देखना
कमाले नहूसत और बददिली की निशानी है या अंक़रीब अजल आनी है।
5. फ़रिश्तो का मजमा होना
किसी आबिद या आलिम की सानानी आये कोई बेगुनाह क़त्ल हो शहादत पाये।
6. फ़रिश्तो के साथ परवाज़ करना।
मकरूहाते दुनिया से बेनिय हो दोबाला क़द्र पाये जल्द वफात पाये शहादत हाथ आये।
7. फ़रिश्तों की सूरत आरको देखना
क़र्ज़ अदा हो तवंगरी व इज़्ज़त हो।
8. फ़रिश्तों को अपना इस्तकबाल करते देखना
दौलते दो जहाँ से सरफ़राज़ हो अमीरोमें मोअज़्ज़िज. और मुम्ताज़ हो।
9. फ़रिश्ते का बशारत देना
नेअमत व माल व ज़र में ज़्यादती हो।
10. फ़रिश्तों का बाहम लड़ते देखना
दुश्मन पर फ़तह व नुसरत पाये।
11. फ़रिश्तों को रूकूअ व सूजूद में देखना
दीन व दुनिया में काम बन जाये मुराद हासिल हो ख़ैरो बरकत पाये।
12. फ़रिश्तों के साथ आसमान पर जाना।
दुनिया से कूच करे लेकिन जहाँ में नेक काम करे।
13. फर्ज देखना
फ़हाश कामो में मुब्तिला हो।
14. फन्दक देखना
माल व दौलत और क़द्रो मंज़िलत बढ़े।
15. फ़ानूस रौशन देखना
मर्द देखे तो फ़रज़न्द नेक पैदा हो औरत देखे तो दौलतमन्द से शादी हो।
16. फ़नूस रौशन करना
दौलतमन्द से शादी हो।
17. फ़ील मुर्ग़ देखना
आफ़त में मुब्तिला हो सदका दे ताकि रददे बला हो
18. फ़र्श को देखना
अगर बिछाये इज़्ज़त पाये दूसरे को बिछाते देखे उस से लुत्फ उठाये।
19. फालूदा खाना या देखना
दौलत ज़्यादा हो बीमार शिफा पाये।
20. फ़सद से खून जारी देखना
अगर कहे कि खून आता है दौलत आये अगर कहे कि खून बहा जाता है तबाह हाल हो।
21. फलद अपनी खुलवाना
फरहते कल्ब व दफाए अमराज़ जिस्मानी हो।
22. फ़लागन देखना
नेकनाम को रूस्वाऐ दीन बदनाम करे।
23. फिरोज़ा देखना
उम्रदराज़ हो दुनिया में कामयाब रहे।
24. फाख़्ता को देखना
औरत फ़ाहेशा से रब्त बढ़जाये मुख़ालेफ़त से रंज उठाये।
25. फव्वारा देखना
दौलत से तवंगर हो औरत अक़ीला मिले फ़रज़न्द नेक पैदा हो इशरत का सामना हो
26. फ़िर्ओन को शहर में मुक़ीम देखना
बादशाह ज़ालिमो जाबिर का दौर हो रईय्यत मुब्तिलाए अन्दोह जुल्मो जोर हो।
27. फ़िर्ओन से ख़िल्अतो इनाम पाना
बादशाह हाकिम का उसपर तुल्फे कामिल हो या किसी सरदार से माले हराम हासिल हो।
28. फ़ाज़िल या फ़क़ीह को देखना
हाकिम के सामाने क़द्रो मंजिलत हो अपने हमचश्मो पर फ़ज़ीलत पाये।
29. फ़क़ीर
ख़्वाब में फ़क़ीर को देखना तंगदस्ती व मुफ्लिसी से ताबीर है।
30. फ़क़ीह देखना
बुजुर्गी से ताबीर है।
31. फ़लालेन (कपड़)
ख़्वाब में फ़लालेन पाना या ख़रीदना खूबसूरत औरत मिलने की निशानी है।
32. फ़ौज देखना
कारोबार और ज़िराअत में फ़ायदा होने की अलामत है।
33. फरज़न्द
ख़्वाब में लड़की पैदा होना या देखना राज़ इफ़शा होने से ताबीर है अगर ख़्वाब में लड़का पैदा देखे तो लड़की पैदा होने की अलामत है
34. फ़ीरीनी देखना
फ़ीरीनी खाना या देखना किसी अज़ीज़ या दोस्त से मुलाकात होने अलामत है।
35. फ़ाहेशा औरत देखना
दीन की गुमराही का सबब है।
(क़ाफ-क)
1. कुर्आन मजीद पढ़ना या देखना
माले मीरास या रोज़ी , ख़ैरो बरकत हो हाफ़िज़ा तेज़ हो
2. कुर्आन मजीद लिखना
इल्मो हिकमत में ताक़ हो ज़ौहद में शोहरा आफ़ाक़ हो।
3. कुर्आन मजीद पाना
इल्मो अमल में उस्तवारी हो शामिले हाल लुत्फे बारी हो।
4. कुर्आन मजीद का वरक़ खाना
मौत से क़रीबतर हो।
5. कसम झूठी खाना
अहले खुदा को तोड़ना हक शनासी से मुँह मोड़ना।
6. कसम लेते देखना
रोज़ी घटे सदमए मर्ग पिसर हो हाल भी बर्बाद हो।
7. कसम रास्त खाना
क़ल्ब को आरम मिले दिल को सुरूर हो रास्तगो मशहूर हो।
8. कुर्बानी करना
मर्द ग़म से छूटे औरत के फ़रज़न्द हो लौंडी गुलाम आज़ाद हो बीमार तन्दरूस्त हो
9. किन्दील रौशन देखना
औरत हसीन मिले औलाद से घर भर जाये।
10. किन्दील को तारीक देखना
तलाश मआश में सरगदाँ हो मुफ़्लिसी व तंगदस्ती से परेशान हो।
11. क़ैंची देखना
बीवी से बदख़याली रहे रहम मंजूर हो दिल को मलाल हो।
12. कहक़हा मारकर हँसना
हरकाते इन्सानी पर हो फ़रहत मिले अगर किसी अजीब चीज़ पर हो तो दौलत मिले।
13. क़फ़िला देखना
अगर आते देखे माली फ़ायदा हो और जाते देखे तो नहूसतो मुसीबत हो।
14. कुमरी या क़ाज़ को देखना
किसी महबूब हसीन पर मुब्तिला होवाये वस्ल में बर्बादो मुज्तरिबुल हाल हो।
15. किला देखना
हिरासतो हिफ़ाज़त की निशानी है।
16. क़हत का देखना
शहर में अर्ज़ानी हो राहत दिल का हर तरफ सामान हो।
17. क़िले पर चढ़ना
बुलन्द मंज़िलत पाये दिली मुराद बर आये सरदारो से इल्लत हो दुशमनों पर फ़तह पाये।
18. किला कोहना देखना
रियासत व दौलत को ज़वाल हो अजरार हो।
19. क़ौस व क़ज़ह को देखना
ग़म दुर हो कामरानी हाथ आये ग़ल्ले की अर्ज़ानी हो।
20. क़ौस बुर्ज को देखना
फ़ौजे शाही का सिपाह सालार हो अजरार हो।
21. क़द अपना बअन्दादा देखना
क़द्रे मंज़िलत की अफ़ज़ाई हो तरक़्क़ी उम्रोदौलत की हो।
22. क़द अपना कोताह देखना
क़द्रो मंज़िलत घट जाये या कोताह फ़हमी से काम में नुक्सान आये।
23. क़द अपना दराज़ देखना
उम्र कम हो रंजों ग़म को तूल हो हिमाकत से हर काम में ग़फ्लत हासिल हो।
24. क़त्ल करना आदमी को
मोरिदे जुल्मो जफ़ा या अयाल अपनी मुसीबत में मुब्तिला हो मगर मक़तूल को नफ़ा पहँचे तरक़्क़ीये दौलत व इक़बाल हो।
25. क़स्साब आशना को देखना
अगर हाथ पकड़े ख़ता में मुब्तिला हो और खुद उसके साथ चले जुल्म आशना हो।
26. कस्साब को पकड़ते देखना
कोई ओहदा या काम ऐसा पाये जिस पर तंबीहो बिदअत पायी जाये।
27. कस्साब अजनबी को देखना
जुल्मो जोर मे मुब्तिला हो हज़रत इज़राईल का सामना हो।
28. कुफ्ल खोलते देखना
काम बंदोबस्त का मिले , हुस्ने तदबीर से अंजाम को पहुँचे।
29. क़लमदान देखना
औरत मिले , वज़ारत या सिफ़ारत हो और अफ़जूँ दौलतो इक़बालो राहत हो।
30. कुफ़्ल खुश क़ता देखना
रोज़ी कुशादा हो और बन्द करना खुशी से आज़ादी हो।
31. क़लम को देखना
हुक्मरानी शहर की या मम्लिकत हाथ आये हाकिम का मुंशी हो या फ़रज़व्द पाये।
32. क़ैद होना या कैद करना
मर्द निकाह करे औरत देखेतो शौहर मिले दौलतमन्द हो जाये रंजो ग़म दूर हो।
33. क़बा पहनना
औरत पारसा से निकाह करे औरत खुश हाल राहत पाये।
34. क़ै करना
सफ़ाई दिल की हो राहत मिले दफेए अमराज़ हो सेहत मिले।
35. क़राबा करना या देऱना
अगर अपने पास देखे बूढी औरत मिले और अगर कराबा से शर्बत या पानी पिये पीरजन से फायदा पहुँचे।
36. कब्र खोदना
नया मकान ख़रीदे या बनवाये दौलत ख़ातिर ख़्वाह पाये।
37. कब्र से बाहर आना
बीमारी जाये सेहतमंद हो फिक्रे तरद्दुद से निजात हो।
38. कब्र से मुर्दे निकलते देखना
गुमशुदगी की खुशख़बरी पाये या ग़ायब आकर खुद मिल जाये।
39. क़रना देखना
मकरूहाते दुनिया में मुब्तला हो या किसी हादसे या खबरे बद का सामना हो।
40. क़नाद देखना
किसी सरदार से दौलत मिले या किसी औरत शीरीं गुफ्तार से हलावत मिले।
41. कन्द का कूज़ा देखना
औरत मलीह शकर गुफ्तार या फ़रज़न्द खुश अतवार मिले।
42. क़ैफ़ देखना
वस्ले महबूब हो नामाबर आये या क़ासिद पैग़ाम रसाँ हो।
43. कयामत बरपा देखना
कामों मे तरक़्क़ी हो मुराद बर आये कतखुदा हो जाये।
44. कसरे शाही देखना
क़सर में दाखिल हो तो जाहो मंसब हासिल हों अगर बाहर आये ओहदा व मरातिब से माजूल हो।
45. क़लईगर को देखना
ज़ेबो ज़ीनत की निशानी है मूजिबे दफ़ए नहूसत है।
46. कम्ची खाना और देखना
अगर ख़ौल निकले या दर्द हो नहूसत की निशानी है अगर बरअक्स हो दलीले फ़रहत है।
47. क़रदिल को देखना
शिकार उम्दा तरीन हाथ आये किसी से माल पाये या निकाह करे।
48. कालीन पर बैठना या देखना
अगर कुशादा देखे वुस्अते रिज़्क हो तूले हयात पाये अगर कोताह देखे रोज़ी घटे।
49. क़बाला मिलना या देखना
रियासत और हूकूमत की दस्तगाह हो कुव्वत व मंफअत ख़ातिर ख़्वाह हो।
50. क़ाज़ी
ख़्वाब में किसी जाहिल का अपने आपको बनता देखना रंजो अलम में गिरफ़्तार होने का सबब है अगर कोई ख़्वाब में क़ाज़ी बने तो
इज़्ज़तो हुकूमत हासिल करने का मोजिब है।
51. क़दम के निशान या कल्बूत
ख़्वाब में कदम के निशान देखना मुताबेअत से ताबीर है।
52. क़ालिब (ढाँचा)देखना
ख़्वाब में जूते या मोज़े का कालिब औरत ख़ादिम पाने से ताबीर है।
53. क़स्द करना
किसी कामका कस्द करना हिम्मतव ताकत से ताबीर है।
54. क़िस्सा बयान करना
बेहूदा और लायानी कामो में पड़ने का बाएस है।
55. क़लिया
अगर क़लिया पानी से रकाया जाये और खुश्क ज़ायका हो तो मंफ़अत का सबब है।
56. क़ै (उल्टी)
अगर खुलकर आती देखे तो तायब होने का बाएस है।
57. कैद
अगर गुनाहगार अपने आपको कैदखाने में देखे तो दीन के गुमराही का बाएस ग़मो अन्दोह में मुब्तला हो।
(काफ़-क)
1. कुर्सी को देखना
बादशाही मिले मज़ीद नेअमत हो तरक़्क़ी व इज़्ज़तो हुकूमत मिले।
2. कुर्सी नशीन आपको देखना
क़द्रो मंज़िलत बुलन्द हो अज़ीज़ हो ख़िदमते ख़ल्क खुदा बेहदो इन्तिहा हो।
3. कुर्सी पर से गिर पड़ना
नैकरी से बरतरफकाम से माजूल हो नुफ़्लिसी से ग़मगीनो मुलूल हो।
4. काबा देखना
सरवतो बुजुर्गी या अमन ख़ौफ से पाये या मीरास का लथ आये।
5. काबे की तरफ या अन्दर जाना
माजूल देखे तो मश्गूले कार हो मुसाफिर को अज़ीज़ों का दीदार हासिल हो।
6. किरामन कातेबीन को देखना
पर्हेज़गार देखे तो नेकी पाये अगर मुफ़सिद देखे ग़मो सख़्ती उठाये।
7. काफूर देखना
मंफ़अत और ख़ैरो बरकत पाये।
8. कबूतर देखना
औरत हो तो इमसाल पर तमीज मिले या दूर से कोई अज़ीज़ आकर मिले।
9. कबूतरो की टुकड़ी देखना
दौलत नफ़ा बेअन्दाज़ा मिले बीमार को शिफ़ा से फ़रहत ताज़ा मिले।
10. कोड़े खाना या मारना
कोड़े खाना और कोड़ों के निशान बदन पर जज़हिर होना रंजो अलम में मुबितला होने का बाएस है।
11. ख़जूर
देखना या पाना माल और मुराद का हुसूल है।
12. खाना
अगर खाना बदमज़ा खाये तो रंजो अलम में मुब्तिला होने ओर बामज़ाऔर शीरीं खाना इशरतो खुशी हासिल होने के मुतरादिफ है।
13. खुर्प का इस्तेमाल
ख़्वाब में खुर्प से घास या खुर्द पौदों को साफ करते देखना गुनाह से पाक होने का मोजिब है।
14. कोयल
ख़्वाब में कोयल की आवाज़ सुनना मुतीअ होने से ताबीर है।
15. खोलना
ख़्वाब में किसी गाँठ या किसी चीज़ का खोलना अंजाम पाने से ताबीर है।
16. कीचड़
ख़्वाब में देखना मसायबो गुनाह से ताबीर है।
17. केसर (ज़आफ़रान)
अपने पास देखना या पाना मशहूरो मअरूफ होने से ताबीर है।
18. केकड़ा देखना
बुज़दिल और कम हिम्मती सें ताबीर है।
19. केला
देखना या खाना दौलतमन्दो किये माल और दीनदारों के लिये दीन से ताबीर है।
20. करगस देखना
दौलत तन्दरूस्ती की दलील है कुव्वत और खुशदिली की दलील है।
21. कबक देखना
मर्द को औरत खुश ख़ल्क़ मिले औरत देखे तो संगदिल मर्द मोम हो जाये।
22. कव्वा देखना
मर्दो औरत खुद कामो मक्कार मिले औरत को मर्द फ़ासिक़ अय्यार मिले।
23. कव्वा यानी तालू बड़ा देखना
तँगीऐ रिज़्क और दलीले कुल्फ़तो परेशानी है।
24. कल्लाग़ को शिकार करते दखना
माले ग़नीमत काफ़िरोँ का हाथ आये मोहताजो को फ़ायदा पहुँचाऐ।
25. कछुवा पाक मक़ाम मेँ देखना
दौलत और दीन से खुर्रमो मस्ररूर हो आलिम बाअमल अहले दिल मशहूर हो।
26. कछुवा नाजिस खाने में देखना
ज़वाले दौलतो इल्मो हुनर हो सदमा व ख़ौफ़ो ख़तर हो हुजूमे सदमा व ख़ौफ़ हो।
27. कलंक को देखना
हाकिमे वक़्त का हबीब रहे फ़ाय़दा मन्द खुश नसीब रहे।
28. कुत्ता देखना दुशमन ज़ईफ़ का सामना हो लेकिन ज़रर से बचे।
29. कलंग का शिकार देखना
कोई सरदार या औरत दाम में आये फ़ायदा उससे उठाये।
30. कुत्ता भौंकते देखना
कमीनों से ख़्वाह मख़्वाह रद्दो बदल रहे बदअस्ल का सरदार हो।
31. कुत्तो को राम करना
औरत सलीमुत्तबाअ हाथ आये।
32. कुत्ते को कपडा फाड़ते या काटते देखना
दश्मन के हाथ से खिफ़्फ़त पाये मालो बर्बाद हो जाये।
33. कुत्ते को सर पर हगते देखना
दौलत हराम की पाये या बद कार औरत घर में में लाये
34. कुत्ते को सर पर पेशाब करते देखना
मालो दौलत तलफ़ हो जाये हुर्मत जाये ज़िल्लत पाये।
35. काँसी खाना
खुद बखुद किसी से दुश्मनी हो जाये ज़रर उठाये।
36. कलीद देखना
बादशाह का ख़ज़ांची या साहिबे खाना हो बन्दा सख़ी यगाना व बेगाना हो।
37. कलीदे आसमान मिलना
मतलबे दिली बर आये तरक़्क़ीऐ रिज़्क हो बीमारी से सेहत पाये।
38. कुंजी से कुफ्ले दर खोलना
औरत बाकिरा से सोहबत हो तरक़्क़ीये दौलतो इक़बाल हो।
39. कुंजी बहिश्त की पाना
काफ़िर देखे ते कल्मा पढ़े दीनदार देखे तो उस्तवारीये दीन व ईमान हो।
40. कुर्ता या पैराहन देखना
किसी औरत से फ़ायदा पहुँचे या कोई नफ़ाए कुल्ली देखे।
41. कपड़ा खून आलूदा
कोई दुश्मन हसद से इफ़्तरा बाँधे वज़ादारी में धब्बा लगे।
42. कपड़ा धोना
रंज से रिहाई हो किसी अज़ीज़ से रंजिश दूर सफ़ाई हो।
43. कफन पहनना या देखना
उम्र दराज़ सरदार से ख़िल्अत पाये ग़म दुनिया से बे नियाज़ हो पोशाक पहनने में आये।
44. कुश्ती लड़ना
अगर मुक़ाबिल को ज़ेर करे फ़ायदा पहुँचे अगर खुद ज़ेर हो तकलीफ़ में पड़े।
45. कश्ती पर सवार होना
सरदार से कोई ओहदा या काम पाये तरक़्क़ीऐ दौलत इक़्बाल हो।
46. कश्ती दरिया में देखना
मुफ्लिसी दूर हो दौलत से फ़ायदा उठाये।
47. कश्ती से किनारे उतरना
माल हाथ आये कुल्फ़त दूर हो दुश्मन पर फ़तहो नुसरत हो।
48. कश्ती समेत आपको डूबते देखना
बादशाही मुहासबे में पड़ जाये दौलत तबाह हो रंज उठाये।
49. कश्ती खुश्की में अटकना
दामे रंजो बला में फँसजाये मकाफ़ात ज़ाया होने का ख़ौफ़ हो।
50. किरन आफ़ताब की देखना
औरत मालदार मिले नेक अख़बार से बिमार को शिफ़ा हो राहत बे इन्तिहा हो।
51. काजल आँख में लगाना
बसारत ज़्यादा हो बच्चो से दिलशाद हो।
52. खाल जानवर की खींचना
अगर गोश्त उसका हलाल हो इज़्ज़तो मंफ़अत हो और अगर मुदार्र या गौश्त उसका हराम हो नुक़्सान उठाये नाकाम हो।
53. कमन्द देखना
सख़्त कामों से दोचार हो या शुजाअत पेशा जुर्अत शेआर हो।
54. काग़ज मिलना या देखना
अगर बा ख़ते नस्ख़ लिखा देखे माले दुनिया से मुस्तफ़ीद हो अगर कागज़ सियाह हो हाजत से ना उम्मीद हो।
55. काकुल बनाना
फ़ाहेशा औरत से इश्क हो सदमए फुर्क़त हो।
56. कलीस देखना
मशरेका औरत से बेहुर्मत हो।
57. कमान खीचना
सफर सख़्त पेश आये दौलतो बुजुर्गी पाये शामिले हाल की नअएमत हो।
58. कमान में तीर लगाना
औरत चुस्तो चालाक पाये खुद सफ़र में जाये या बेटा भाई सफ़र से आये
59. कमान में तीर लगाना
औरत हामिला देखे बच्चा हो मर्द देखे मेहनत में पड़े।
60. कमान व तीर अपने वास्ते बनाना
शाहे अजम या औरत अजमी से फ़ायदा पहुँचे बेइज़्ज़त व तौक़ और दौलत मिले।
61. खाल इन्सान की देखना
किसी बुजुर्ग से मीरास पाये मोहताज हो तो ग़नी हो।
62. खाल इन्सान की देखना
बीवी मिलने की निशानी है मोजिबे आराईशे हुकूमत है।
63. खाल बकरी की देखना
माले हलाल रोज़ो हो दुश्मन पर फ़िरोज़ हो।
64. कंवल रौशन देखना
फ़रज़न्द ऐसा हक शनास पाये जिससे बाप का नाम रौशन हो।
65. खेत देखना
तवल्लुदे दुख़्तर नेक अख़्तर तरक़्क़ीये ज़ैबो ज़ीनत है।
66. खेत को देखना
मज़ीद इल्म व दौलत और नेअमत मिले सुरूरे क़ल्ब व सर सब्ज़ी का असर है।
67. खेत काटते देखना
महबूब से जुदाई क़ताए सोहबत और आशनाई हो।
68. खेत जंगल में हरा देखना
दुश्मनों का हुजूम हो थोड़ी तकलीफ़ के राहत हो।
69. खेत खुशक को हरा देखना
औरत हामिला हो नेअतो इल्मो हुनर हो।
70. कोतवाल देखना
बादशाही फ़ौज का अफ़सर बने ज़र्बदस्त व जुल्मे नाहक करे।
71. कीचड़ में गिरना या फँसना
औरत ज़िश्त ख़ूब को अक़्द में लाये रोज़ की रद्दो बदल से आफियत तंग हो।
72. कबाब खाना
मसरूर हो कुल्फ़ल सारी दूर हो।
73. कबाब भूनना
रंजो मुसीबत चाश्नी मौत की ज़बान पर आये।
74. खिचड़ी देखना या खाना
औरत देखे शादी हो मर्द बीवी पाये आपस में मोहब्बत रहे।
75. कमर देखना
शफ़्ता औरत बदखू हो दोस्तो से तुर्श रू हो।
76. कद्दू देखना
पर्ह़ज़गार बीवी लाये फ़ायदा उसकी ज़ात से पाये।
77. करंकल्ला देखना
नेअमत खाये शुक्रे करे अमीर हो लगर जारी करे।
78. कासूकला खाना
रफ़ए बीमारी हो बख़्त व बारी सरसब्ज़ी पाये।
79. ककड़ी खाना
बुजुर्ग मर्बता हो मालो दौलत पाये इज़्ज़त पाये।
80. किशमिश देखना
शौकतो दबदबा सिवा हो जाये दौलातो नेअमत पाये।
81. कमर का टूटना
भाई मर जाये जैसा कि सय्यदु श्शोहदा (अ.) ने फ़रमाया मेरी कमर टुट गई।
82. कमरबन्द बाँधना
कुव्वत व सेहत पाये हर तरफ़ तवानाई हो।
83. कचनाल की कली पुख़्ता खाना
तआम लज़ीज़ खाये बिमारी रफ़ा हो औरत कमसिन मिलने से नफ़ा हो।
84. कऐ में गिरना या गिरते देखना
हाकिम देखे ओहदे से माजूल हो रईय्यत देखे तो नौकरी जाने से मुलूल हो।
85. कूज़ागर को देखना
मर्द बाख़ैरो बरकत हो तरक़्की जाहो हशमत हो।
86. कूज़ा देखना
औरत नाज़नीन हुक्म बरदारी करे या लौंडी बाकिरा हमबिस्तर हो ग़मख़्वारी करे।
87. कोह का लरज़ना या गिरना
वालीए मुल्क परआफ़त आये या वहाँ का ज़मींदार मर जाये।
88. कोह क़ाफ़ की सैर करना
शाहे हफ़्त किश्वर ,सिकन्दर जाह तसर्रूफ शशजेहत में उसका ख़ैर ख़्वाह हो।
89. कोहे तूरे सीना पर आपको देखना
बादशाह मोतमद हो , मुराद बर आये बुलन्द मर्तबा हो या ओहदाए सिफ़ारत पाये।
90. कंघी बालों में करना
ग़मो रंज दूर हो।
91. कंघी मिलना या देखना
औरत आशुफ़ता दिल से मोहब्त हो दिल से मोहब्बत हो दफ़ा दुशमन हो को राहत हो।
92. कंघी पुरानी गुम होना
ग़म से फ़ारिगुल बाल मर्सरत शामिले हाल हो।
93. कड़ा हाथ का देखना
औरत देखे औलाद मिले ,मर्द देखे जिन्दान से छूटे या पाँव से बन्देगराँ टूटे।
94. कान देखना
निकाह करे या ख़बर नेक सुनने में आये।
95. कान अपना कटा देखना
बहन या फूफी मर जाये ग़मो रंज पाये।
96. कान जुदा देखना
बीवी को तलाक दे या औलाद की मौत का ग़म हो।
97. कान चौड़ा या लम्बा देखना
दास्तान गोयों से सोहबत हो झूठी बातों से दिल को रग़बत हो।
98. काना आपको देखना
मुसाफ़िर होतो राह भूल जाये फ़रज़न्द की मौत का ग़म पहुँचे।
99. काने को देखना
चश्मे बद दूर राहत मिले औलाद की तरक़्क़ी देखे।
100. काना जोया देखना
औरत खुश नसीब व आली नसब मिले औलाद अहल , अल्लाह हो फ़रहतो दौलत पाये
101. काफ़िर होना
तरक़्क़ी माल की हो या कोई मर्ज़ बढ़ जाये राहत रहे ज़हमत उठाये।
102. काँटा देखना
महबूब की बेवफ़ाई ज़ाहिर हो बदकारी व ख़यानत में माहिर हो।
103. कफ़श साज़ को देखना
बड़ीमेहनत से कुछ फ़ायदा मिले तदबीरो मेहनत अक्सर ज़ाया हो जाये।
104. कटनी को देखना
लोगों को फ़िर अज़ीज़ों को आराम रहे।
105. किताब लिखना
शादी व फ़रह और मंफ़अत व माल कीनिशानी है।
106. किताब खोलकर पढ़ना
लोगों से मुबाहेसा व तकरार हो कदूरत और रंजिश में गिरफतार हो।
107. कजावे में बैठना
हुकूमत पहुँचे माल व हशमत मिले।
108. कपड़ा जला हुआ देखना
ख़ैरोबरकत से दूर हो दोस्त दिल सोज़ दुश्मन ज़रूर हो।
109. कपड़ों का बदन या लिबास में देखना
तरक़्क़ी हशमत व जलाल हो ज़्यादती फ़रज़न्द व माल व दौलत हो।
110. कपड़ों का बंदन या लिबास से दूर करना
अहलो अयाल से दूरी हो , तल्ख इशरत रंज व महजूरी हो।
111. कूडा करकट घर में जमा देखना
हूसूले नेअमतो माल की निशानी है दलीले खुर्रमी व शादमानी है।
112. कूड़ा अपने घर का किसी को जलाते या ज़ाया करते देखना।
बादशाह या हाकिम उसका माल छीन ले तंगदस्ती से निहायत रंजो ग़म पहुँचे
113. कुप्पा घी का देखना
उम्र दराज़ हो ख़ैरो बरकत हाथ आये औरत मिले या माल मीरास औरतों का पाये।
114. कज़दम खूराहको देखना
दलील दुश्मन सख़्ती व रंज उठाये।
115. किरन फूल देखना
औरत मालदार मिलने की उम्मीद है और जेवर उसका बनवाने की निशानी है।
116. कुलाह सर पर पहनना
मर्द देखे तोसरदार हो जाये औरत देखे तो शौहर मालदार हाथ आये।
117. कुलाह तितरी देखना
अफ़सरी और बेहतरी पाये मक्रो फ़रेब से रोज़ी हाथ आये।
118. कंबल औढ़ना दुर्वेश दीनदार तारिके दुनियाऐ ना पायेदार हो.
119. कतान को देखना
हसीन लोंडी या बीवी मिले रोज़ी हलाल पाकीज़ा फ़रज़न्द नेक नाम मिले।
120. कमाल देखना
रोशनी आँखों की औरज़्यादा हो इल्मो हुनर वाला हो।
121. कफे दरिया को देखना
बादशाह या किसी बुजुर्ग से नफ़ा हो कुल्फ़तो मुफ्लिसी दुर हो।
122. कलेजा खाना
माले हलाल ब आसानी खाये रोज़ी का दर आसानी खाये रोज़ी का दर खुले।
123. खुर्पा देखना
बेकार लियाकत पसन्द आये मेहनत से रोज़ी कमाये।
124. करबा देखना
किसी औरत सब्ज़ रंग को बहका लाये या बीमारी से सेहत पाये।
125. कतीरह देखना
मर्द बख़ील से थोड़ा नफ़ा हो तकलीफ रफ़ा हो।
126 कनूल गट्रटा देखना
बीमार को सेहत मिले दिल को राहत पहुँचे मुफ़्लिसी से दौलत मन्द या फ़रज़द पैदा हो।
127. कोला खाना या देखना
औरत हसीन और मालदार शैदा हो मालो दौलत मिले या दुख़्तर खुश इक़बाल पैदा हो।
128. कोला देखना
मुब्तिला व बलो मेहनत हो हामिले कुल्फतो नहुसत हो।
129. कातना
ख़्वाब में कातना कपड़ों की तिजारत करना और उससे फ़ायदा हासिल होने की अलामत है।
130. काश्तकारी
. ख़्वाब में काश्तकारी करना तरक़्की इज़्ज़त और किसी बुजुर्ग से फैज़ हासिल करने के मुतरादिफ़ है।
131. काँपना
ख़्वाब में जिस्म कापना अमानत में ख़यानत करने की अलामत है।
132. कागज़ ख़रीदना
इल्म से ताबीर है।
133. कांजी पीना
ग़मो अन्दोह से ताबीर है।
134. खटाई
ख़्वाब में तुर्श चीज़ बिल्खूसूस खटटे मेवो का खाना ग़मो अलम से ताबीर है।
135. किर्केट खेलना
दोस्त में मोहब्बत बढ़े और गुमशुदा अज़ीज़ के मिलने की ताबीर है।
136. कड़क सुनना
लोगों से ख़ायफ होने की दलील है।
137. किसान ख़्वाब में किसान को काम करते देखना मुतवक्किल होने की दलील है।
138. कुल्हाड़ी देखना
ख़ौफ़नाक और मुनाफ़िक़ मददगार के मुतरादीफ है।
139. कौड़ी देखना आवारा और ख़ादमा औरत से ताबीर है।