क़ुरआनी दुआऐ
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कैटिगिरी: मफ़ाहीमे क़ुरआन
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क़ुरआनी दुआएं
अलहसनैन इस्लामी नैटवर्क
परवरदिगार हमें दुनिया में भी नेकी अता फ़रमा और आख़ेरत में भी ,और हमें जहन्नम के अज़ाब से महफ़ूज़ फ़रमा।
(बक़रह 201)
पालने वाले हमें बे पनाह सब्र अता फ़रमा ,हमारे क़दमों को सिबात दे और हमें काफ़िरों के मुक़ाबिले में नुसरत अता फ़रमा।
(बक़रह 250)
पालने वाले हम जो भूल जायें या हमसे ग़लती हो जाये उसका मुवाख़ेज़ा न करना। ( यानी उसके बारे में जवाब तलब न करना।)
(बक़रह 286)
पालने वाले हमारे ऊपर वैसा बोझ न डालना ,जैसा पिछली उम्मतों पर डाला गया।
(बक़रह 286)
पालने वाले हम पर वह बार न डालना जिसकी हम में ताक़त न हो ,हमें माफ़ कर देना ,हमें बख़्श देना ,हम पर रहम करना ,तू हमारा मौला और मालिक है ,अब काफ़िरों के मुक़ाबिले में हमारी मदद फ़रमा।
(बक़रह 286)
पालने वाले हिदायत के बाद हमारे दिलों को न फेरना ,हमें अपने पास से रहमत अता फ़रमा ,तू तो बेहतरीन अता करने वाला है।
(आले इमरान 8)
पालने वाले हम ईमान ले आये हैं हमारे गुनाहों को माफ़ करदे और हमें जहन्नम से बचा ले।
(आले इमरान 16)
पालने वाले हमारे गुनाहों को माफ़ कर दे हमारे कामों में ज़्यादतियों को माफ़ फ़रमा ,हमारे क़दमों को सिबात अता फ़रमा और काफ़िरों के मुक़ाबिले में हमारी मदद फ़रमा।
(आले इमरान 147)
पालने वाले हमारे गुनाहों को माफ़ फ़रमा ,हम से हमारी बुराईयों को दूर कर दे और हमें नेक बंदों के साथ महशूर फ़रमा।
(आले इमरान 193)
पालने वाले हम ईमान ले आये हैं लिहाज़ा हमारा नाम भी तसदीक़ करने वालों में लिख ले।
(मायदा 83)
पालने वाले हमें ज़ालिमों के साथ क़रार न देना।
(आराफ़ 47)
पालने वाले हमें बहुत ज़्यादा सब्र अता फ़रमा और हमें मुसलमान दुनिया से उठा।
(आराफ़ 126)
पालने वाले मेरी दुआ को क़बूल फ़रमा।
(इब्राहीम 40)
पालने वाले मुझे ,मेरे वालदैन को और तमाम मोमेनीन को उस दिन बख़्श देना जिस दिन हिसाब क़ायम होगा।
(इब्राहीम 41)
पालने वाले हमें अपनी रहमत अता फ़रमा और हमारे काम में कामयाबी का समान फ़राहम कर दे।
(कहफ़ 10)
पालने वाले हम ईमान ले आये हैं ,अब हमें माफ़ फ़रमा और हमारे ऊपर रहम कर और तू तो रहम करने वालों में सबसे बेहतर है।
(मोमिनून 109)
पालने वाले हमें हमारी अज़वाज व औलाद की तरफ़ से ख़ुनकी ए- चश्म अता फ़रमा और हमें साहिबाने तक़वा का पेशवा बना दे।
(फ़ुरक़ान 74)
क़ुरआनी दुआएं 1
दुनिया व आखेरत की नेकी 2
सब्र 2
ग़लती 2
बोझ न डालना 3
हम पर रहम करना 3
हिदायत 3
गुनाहों को माफ़ 4
सिबाते क़दम 4
नेक बंदों के साथ महशूर 5
तसदीक़ करने वालों 5
ज़ालिमों के साथ क़रार न देना। 5
मुसलमान दुनिया से उठा। 6
दुआ को क़बूल 6
बख़्श देना 6
कामयाबी 7
रहम 7
तक़वा 7
फेहरीस्त 8